मोदी सरकार ने गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से लगाई रोक, देखें नोटिफिकेशन, 10% से अधिक भाव टूटना तय | Modi government banned the export of wheat with immediate effect | Patrika News

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मोदी सरकार ने गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से लगाई रोक, देखें नोटिफिकेशन, 10% से अधिक भाव टूटना तय | Modi government banned the export of wheat with immediate effect | Patrika News

मोदी सरकार ने गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से लगाई रोक, देखें नोटिफिकेशन, 10% से अधिक भाव टूटना तय | Modi government banned the export of wheat with immediate effect | Patrika News

विदेश व्यापार महानिदेशालय, वाणिज्य मंत्रालय से जारी हुआ नोटिफिकेशन विदेश व्यापार महानिदेशालय ने एक नोटिफिकेशन में कहा कि कई कारणों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गेहूं की कीमत में अचानक तेजी आई है। इस कारण भारत के साथ-साथ पड़ोसी देशों ( खासकर श्रीलंका संकट को देखते हुए ) और कई अन्य देशों की खाद्य सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हो गया है। इस कारण सरकार को गेहूं का निर्यात रोकना पड़ रहा है। गेहूं को फ्री कैटगरी से प्रतबंधित कैटगरी में डाल दिया गया है। रूस और यूक्रेन की बीच रह रही लड़ाई से गेहूं की अंतरराष्ट्रीय कीमत में करीब 40 फीसदी तेजी आई है। इससे भारत से इसका निर्यात बढ़ गया है। मांग बढ़ने से स्थानीय स्तर पर गेहूं और आटे की कीमत में भारी तेजी आई है।

wheat_export_ban_2.pngभारत में भी गेहूं की कीमतों में तेजी से कम हो पाई सरकारी खरीद बता दें, रूस और यूक्रेन के बीच चल रही लड़ाई के कारण पूरी दुनिया में गेहूं की कीमत में काफी तेजी आई है। भारत में भी गेहूं की कीमत तेजी से बढ़ी है। कई प्रमुख राज्यों में सरकारी खरीद की प्रक्रिया काफी सुस्त चल रही है और लक्ष्य से काफी कम गेहूं की खरीदारी हुई है। इसकी वजह यह है कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से ज्यादा कीमत बाजार में मिल रही है। साथ ही इस बार पैदावार में भी कमी की आशंका है।

पड़ोसी देशों और अन्य विकासशील देशों को खाद्य सुरक्षा का रखना होगा ध्यान नोटिफिकेशन में कहा गया है, ‘भारत सरकार देश में, पड़ोसी देशों और अन्य विकासशील देशों को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। खासकर के उन देशों को जहां ग्लोबल मार्केट में गेहूं की कीमतों में आए इस अचानक बदलाव का विपरीत असर हुआ है और गेहूं की पर्याप्त आपूर्ति तक उनकी पहुंच संभव नहीं है।’

गेहूं के बड़े उत्पादक देशों रूस और यूक्रेन में युद्ध से हर जगह बढ़ रहे हैं गेहूं के दाम रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के चलते वैश्विक बाजारों में गेहूं के दाम बेहताशा बढ़े हैं। रूस और यूक्रेन गेहूं के बड़े उत्पादक देश हैं और युद्ध की वजह से इन देशों से आपूर्ति बाधित हुई है। गेहूं की इंटरनेशनल मार्केट में कीमतें करीब 40% तक बढ़ चुकी हैं। वहीं घरेलू बाजार में भी गेहूं और आटा भी महंगा हुआ है। सरकार के खुदरा महंगाई के आंकड़ों को देखें तो अप्रैल में गेहूं और आटा कैटेगरी की महंगाई दर 9.59% महंगाई रही है। ये मार्च की 7.77% की दर से अधिक है। जबकि गेहूं की सरकारी खरीद में करीब 55% की गिरावट दर्ज की गई है, क्योंकि गेहूं का बाजार मूल्य इस समय सरकार के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से ज्यादा है। सरकार ने गेहूं का एमएसपी 2,015 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।

आगे 10 प्रतिशत टूटेंगे दाम भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के राष्ट्रीय चेयरमैन और राजस्थान खाद्य पदार्थ संघ के अध्यक्ष बाबू लाल गुप्ता ने बताया कि मौजूदा हालात में गेहूं के निर्यात पर बैन लगाना सरकार का उचित कदम है और इसके बाद अब भारत में गेहूं के भाव 10 प्रतिशत टूटना तय माना जा रहा है। गुप्ता ने बताया कि फिलहाल भाव 2300 से अधिक हैं और अब ये गिरकर 21 से तक आ सकते हैं।



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