मोदी सरकार देशभर में आयोजित करेगी अटल विरासत सम्मेलन: 15 फरवरी से 15 मार्च तक हर जिले में होंगे विशेष आयोजन – Bareilly News h3>
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अटल बिहारी बाजपेई की जन्म शताब्दी वर्ष को ऐतिहासिक बनाने के लिए 15 फरवरी से 15 मार्च तक देशभर में ‘अटल विरासत सम्मेलन’ आयोजित होगा। इस आयोजन में अटल बिहारी के प्रेरणादायक जीवन, उपलब्धियों और विचारों को जन-जन त
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अटल स्मृति संकलन एवं संपर्क अभियान
इस आयोजन से पहले 31 जनवरी तक “अटल स्मृति संकलन एवं संपर्क अभियान” चलाया जाएगा। इस अभियान का उद्देश्य ऐसे व्यक्तियों को सम्मानित करना है, जिनके पास अटल बिहारी बाजपेई से जुड़ी कोई स्मृति, जैसे कागजी दस्तावेज, ऑडियो क्लिप, वीडियो क्लिप, या अन्य सामग्री हो।
सांसद छत्रपाल गंगवार ने बताया कि इस अभियान के तहत उन व्यक्तियों और कार्यकर्ताओं को भी सम्मानित किया जाएगा, जिन्होंने अटल बिहारी बाजपेई के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भाजपा, या संघ के अन्य संगठनों में काम किया है। इनकी स्मृतियों को डिजिटल स्वरूप में संग्रहित और प्रदर्शित किया जाएगा।
हर जिले में होगा “अटल विरासत सम्मेलन”
15 फरवरी से 15 मार्च के बीच आयोजित होने वाले “अटल विरासत सम्मेलन” का उद्देश्य अटल बिहारी बाजपेई के जीवन, व्यक्तित्व और उनके योगदान को जन-जन तक पहुंचाना है।
कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएं
1. वरिष्ठ कार्यकर्ताओं का सम्मान: जो लोग अटल बिहारी बाजपेई के साथ काम कर चुके हैं, उन्हें विशेष रूप से सम्मानित किया जाएगा। 2. लेखकों का अभिनंदन: अटल बिहारी बाजपेई पर लिखी गई किताबों और लेखों के लेखकों को भी इस सम्मेलन में सम्मानित किया जाएगा। 3. डिजिटल प्रदर्शनी: अटल बिहारी बाजपेई से जुड़ी सभी संकलित स्मृतियों को डिजिटल माध्यम में प्रस्तुत किया जाएगा। 4. योजनाओं का विवरण: अटल बिहारी बाजपेई के कार्यकाल में शुरू की गई योजनाओं और उनके प्रभाव का विस्तृत विवरण साझा किया जाएगा।
जिलावासियों से अपील
सांसद छत्रपाल गंगवार ने जिले के सभी नागरिकों से अपील की है कि जिनके पास अटल बिहारी बाजपेई से जुड़ी कोई भी सामग्री हो, वे भाजपा जिला कार्यालय से संपर्क करें। संगठन उन महानुभावों तक पहुंचकर उनकी सामग्री का सम्मानपूर्वक संग्रह करेगा और उन्हें विशेष रूप से सम्मानित करेगा।
अटल बिहारी की विरासत को सहेजने का प्रयास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह पहल अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान और उनके सुशासन के दृष्टिकोण को देशभर में प्रसारित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सम्मेलन न केवल अटल जी की स्मृतियों को सहेजेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को उनकी प्रेरक विचारधारा से जोड़ने का भी कार्य करेगा।