मैहर के मां शारदा मंदिर जा रहे हैं तो जान लें, यहां फ्री मिल रहा है कमरा और भोजन, जानें तरीका | To stay in Maihar maa sharda mandir you get free room and food book like this | News 4 Social

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मैहर के मां शारदा मंदिर जा रहे हैं तो जान लें, यहां फ्री मिल रहा है कमरा और
भोजन, जानें तरीका | To stay in Maihar maa sharda mandir you get free room and food book like this | News 4 Social


मैहर के मां शारदा मंदिर जा रहे हैं तो जान लें, यहां फ्री मिल रहा है कमरा और
भोजन, जानें तरीका | To stay in Maihar maa sharda mandir you get free room and food book like this | News 4 Social

मैहर रेलवे स्टेशन के पास श्री गुरु कार्ष्णि मां शारदा सेवा संस्थान द्वारा संचालित माई की रसोई की ख्याति अब पूरे देश में फैल रही है। एक ओर जहां मंदिर के नीचे मां के प्रसाद के रूप में भक्तों को खिचड़ी वितरित की जाती है तो वहीं माई की रसोई में जाकर कोई भी श्रद्धालु भर पेट स्वादिष्ट भोजन प्रसाद के रूप में ग्रहण कर सकता है।

 

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मां शारदा मंदिर के प्रधान पुजारी रह चुके बम-बम महाराज के बड़े पुत्र धीरज पांडेय संस्थान के अध्यक्ष और संचालक हैं। उनका कहना है कि मैहर में माई की रसोई की सफलता के बाद अब देश के बड़े तीर्थ क्षेत्र उत्तर प्रदेश के विंध्यवासिनी देवी, बनारस, मध्य प्रदेश के उज्जैन में भी जल्द ही श्रद्धालुओं के लिए माई की रसोई शुरू की जाएगी। इन जगहों पर भी निशुल्क रूप से श्रद्धालु भर पेट व्यंजनों से भरी थाली प्रसाद के रूप में ग्रहण कर सकेंगे।

 

माई की रसोई में सेवा देने वाले सेवक अमित पांडेय का कहना है कि 7 जनवरी 2019 से निरंतर माई की रसोई संचालित है। रोजाना यहां दो से ढाई हजार लोग भोजन ग्रहण करते हैं। अब तक 5 वर्षों में लगभग 50 लाख श्रद्धालु यहां भोजन ग्रहण कर चुके हैं। मुख्य पुजारी बम-बम महाराज गुरु जी के आदेश से धीरज महाराज ने शुरुआत में पांच किलो हलवा बनाकर प्रसाद वितरण शुरू किया था जो आज वृहद रूप से माई की रसोई में बदल चुका है।

 

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यहां सबसे पहले हर रोज मां शारदा के लिए 56 भोग निकलता है और भोग के बाद दोपहर 12.30 से भोजन वितरण शुरू होता है जो रात 11 बजे तक जारी रहता है। सुबह से रात तक 35 सेवकों का स्टाफ भक्तों की सेवा करता है। उन्होंने बताया कि देशभर से आने वाले श्रद्धालु अपने स्वेच्छानुसार यहां सहयोग करते हैं, जिसके कारण ये रसोई संचालित है। कोरोना काल में भी माई की रसोई के माध्यम से शहरभर के अलग अलग इलाकों में जाकर यहां से भोजन बांटा गया था।

 

अमित पांडेय के अनुसार, संस्थान द्वारा संचालित धर्मशाला में ऐसी और बिना ऐसी के कमरे भी निशुल्क श्रद्धालुओं को रुकने के लिए दिए जाते हैं। इसके लिए 6 से 7 दिन पहले मोबाइल नंबर 6232451111 पर कमरा बुक करना होता है। इस बार भी हजारों श्रद्धालु मैहर पहुंच रहे हैं और माई की रसोई में सुबह से लेकर शाम तक भक्त सुलभ रूप से माई का प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं और स्वेच्छा से सहयोग भी करते हैं।