‘मैं बहुत एक्साइटेड फील कर रहा हूं’, यूक्रेन पर अटैक के दिन मॉस्को में इमरान को याद कीजिए और अब उनका हाल देखिए h3>
Pakistan Political Crisis: पाकिस्तान में सियासी हलचल अपने चरम पर है। शह-मात का खेल जारी है। आखिरी वक्त में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Pakistan PM Imran Khan) ने बाजी पलट दी है। ‘अंपायर’ को अपने साथ मिलाकर उन्होंने आखिरी गेंद पर छक्का लगा दिया है। राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर नेशनल एसेंबली के डिप्टी स्पीकर ने विपक्ष की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) को रविवार को खारिज कर दिया। इमरान खान का दावा है कि उनकी सरकार को गिराने की कोशिश में विदेशी ताकतों की साजिश है। इसके लिए उन्होंने साफ तौर पर अमेरिका का नाम लिया है। इमरान खान पिछले काफी समय से यह बात कहते रहे हैं।
यह संयोग ही है कि पाक पीएम के रूस पहुंचने के एक दिन बाद ही राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ जंग (Russia-Ukraine War) का ऐलान किया था। यूक्रेन पर रूस की भीषण बमबारी के बीच इमरान खान ने तब एक बचकाना बयान देकर खूब किरकिरी कराई थी। उन्होंने कहा था कि वह कितने सही समय पर आए हैं। वह बहुत उत्सुक हैं। सवाल यह है कि क्या इसके बाद ही अमेरिका ने इमरान खान सरकार को गिराने की प्लानिंग शुरू की?
इमरान खान ने दो-टूक कहा है कि अमेरिकी राजनयिक डोनाल्ड लू उनकी सरकार गिराने की साजिश में शामिल थे। इसकी पूरी प्लानिंग पाकिस्तान के बाहर तैयार की गई। राष्ट्रीय सुरक्षा समिति ने इसकी पुष्टि की है। अमेरिकी दूतावास के अधिकारी दल बदलने वाले पाकिस्तान तरीक-ए-इंसाफ (PTI) के सदस्यों के संपर्क में थे।
इसके उलट विपक्ष ने इमरान खान की इन दलीलों को मजाक बताया है। विपक्ष की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को रविवार को डिप्टी स्पीकर ने भंग कर दिया था। उन्होंने इसके पीछे राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला दिया था।
रूस जाकर इमरान ने दिया था अटपटा बयान
इसके पहले पाकिस्तान के पीएम दो दिवसीय दौरे पर रूस गए थे। तब उन्होंने कहा था, ‘मैं कितने सही समय पर यहां आया हूं, मैं बहुत उत्सुक हूं।’ उनका यह बयान ट्विटर पर जमकर ट्रोल हुआ था। तब पाकिस्तान के ही लोगों ने कहा था कि भले यह ऐतिहासिक दौरा हो, लेकिन इससे देश के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। पिछले दो दशकों में पाकिस्तान के किसी प्रधानमंत्री की यह पहली रूस यात्रा थी। रूस से अपने संबंधों को सुधारने की कवायद में इमरान ने अमेरिका से रिश्ते बिगाड़ लिए।
वहीं, पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने इमरान से अलग हटकर लकीर खींचनी शुरू कर दी है। बाजवा ने यूक्रेन पर रूस की कड़ी आलोचना की। यह रुख इमरान खान से बिल्कुल अलग था। इसके जरिये उन्होंने अमेरिका के साथ पाकिस्तान के संबंधों में आई दरार को भी भरने की कोशिश की। आर्मी चीफ ने यूक्रेन पर रूस के हमले को त्रासदी करार दिया। साथ ही इसे तुरंत रोकने की अपील की। बाजवा का बयान यूक्रेन पर अमेरिकी रुख से मिलता है।
आर्मी चीफ अमेरिका को कर रहे खुश
यह अलग बात है कि पश्चिमी देशों के तमाम मान-मनौव्वल के बावजूद पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ लाए गए प्रस्तावों से दूर रहा। उसके स्टैंड को दुनिया ने इस तरह देखा कि वह रूस से अपने संबंध सुधारना चाहता है। वहीं, पहले उसके अमेरिका के साथ रिश्ते अच्छे रहे हैं। पाकिस्तान के पीएम ने अलग लकीर खींचने की कोशिश कर स्थितियों को अजीबो-गरीब टर्न दे दिया है।
माना जा रहा है कि पाकिस्तान आर्मी चीफ ने यूक्रेन पर रूस की आलोचना कर अमेरिका को खुश करने की कोशिश की है। हालांकि, इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि पाकिस्तान से अमेरिका नाराज है। यह नाराजगी खासतौर से इमरान खान से है। यही कारण है कि उसके इमरान खान सरकार को गिराने की आशंका जताई जा रही है। यह और बात है कि वह इस बात से साफ इनकार कर चुका है।
अगला लेखPakistan India News: भारत के लिए गुड न्यूज है इमरान खान का जाना, जानें पाकिस्तान के राजनीतिक संकट का दुनिया पर असर
इमरान खान ने दो-टूक कहा है कि अमेरिकी राजनयिक डोनाल्ड लू उनकी सरकार गिराने की साजिश में शामिल थे। इसकी पूरी प्लानिंग पाकिस्तान के बाहर तैयार की गई। राष्ट्रीय सुरक्षा समिति ने इसकी पुष्टि की है। अमेरिकी दूतावास के अधिकारी दल बदलने वाले पाकिस्तान तरीक-ए-इंसाफ (PTI) के सदस्यों के संपर्क में थे।
इसके उलट विपक्ष ने इमरान खान की इन दलीलों को मजाक बताया है। विपक्ष की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को रविवार को डिप्टी स्पीकर ने भंग कर दिया था। उन्होंने इसके पीछे राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला दिया था।
रूस जाकर इमरान ने दिया था अटपटा बयान
इसके पहले पाकिस्तान के पीएम दो दिवसीय दौरे पर रूस गए थे। तब उन्होंने कहा था, ‘मैं कितने सही समय पर यहां आया हूं, मैं बहुत उत्सुक हूं।’ उनका यह बयान ट्विटर पर जमकर ट्रोल हुआ था। तब पाकिस्तान के ही लोगों ने कहा था कि भले यह ऐतिहासिक दौरा हो, लेकिन इससे देश के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। पिछले दो दशकों में पाकिस्तान के किसी प्रधानमंत्री की यह पहली रूस यात्रा थी। रूस से अपने संबंधों को सुधारने की कवायद में इमरान ने अमेरिका से रिश्ते बिगाड़ लिए।
वहीं, पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने इमरान से अलग हटकर लकीर खींचनी शुरू कर दी है। बाजवा ने यूक्रेन पर रूस की कड़ी आलोचना की। यह रुख इमरान खान से बिल्कुल अलग था। इसके जरिये उन्होंने अमेरिका के साथ पाकिस्तान के संबंधों में आई दरार को भी भरने की कोशिश की। आर्मी चीफ ने यूक्रेन पर रूस के हमले को त्रासदी करार दिया। साथ ही इसे तुरंत रोकने की अपील की। बाजवा का बयान यूक्रेन पर अमेरिकी रुख से मिलता है।
आर्मी चीफ अमेरिका को कर रहे खुश
यह अलग बात है कि पश्चिमी देशों के तमाम मान-मनौव्वल के बावजूद पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ लाए गए प्रस्तावों से दूर रहा। उसके स्टैंड को दुनिया ने इस तरह देखा कि वह रूस से अपने संबंध सुधारना चाहता है। वहीं, पहले उसके अमेरिका के साथ रिश्ते अच्छे रहे हैं। पाकिस्तान के पीएम ने अलग लकीर खींचने की कोशिश कर स्थितियों को अजीबो-गरीब टर्न दे दिया है।
माना जा रहा है कि पाकिस्तान आर्मी चीफ ने यूक्रेन पर रूस की आलोचना कर अमेरिका को खुश करने की कोशिश की है। हालांकि, इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि पाकिस्तान से अमेरिका नाराज है। यह नाराजगी खासतौर से इमरान खान से है। यही कारण है कि उसके इमरान खान सरकार को गिराने की आशंका जताई जा रही है। यह और बात है कि वह इस बात से साफ इनकार कर चुका है।