मेरी रगों भी मुस्लिम का खून है- जब AK-56 मिलने पर संजय दत्त के जवाब से दंग रह गए थे सुनील दत्त h3>
मुंबई में करीब 29 साल पहले एकसाथ दर्जन भर धमाके हुए और एक बार फिर इस सीरियल बम ब्लास्ट (Serial Bomb Blast) की चर्चा हो रही है। दरअसल एनआईए (NIA) की टीम अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़े लोगों के तार फिर से खंगालने में जुटी है और तकरीबन 20 ठिकानों पर छापेमारी की। इसी के साथ फिल्म प्रड्यूसर समीर हिंगोरा (Sameer Hingora) का नाम एक बार फिर चर्चा में है, जिनसे पूछताछ हो रही। याद दिला दें कि संजय दत्त (Sanjay Dutt) भी इस केस में आर्म्स एक्ट के तहत जेल की सजा काट चुके हैं और उनके घर AK-56 राइफल डिलीवरी करने वालों में समीर हिंगोरा भी थे। संजय दत्त ने आखिरकार कोर्ट के सामने अपने गुनाह को कुबूला लेकिन जब पिता सामना करने की बात आई तो वह ऐसी बात कह गए जो सुनील दत्त ने शायद कभी सोचा भी न हो।
कोर्ट ने सजा सुनाई और 2013 में संजय दत्त ने आत्मसमर्पण कर दिया था
किस्सा 12 मार्च साल 1993 को हुए सीरियल बम ब्लास्ट से जुड़ा है जिये याद कर आज भी मुंबई एक बार जरूर ठिठक पड़ता है। इन बम धमाकों में बॉलिवुड पर भी दाग लगा और संजय दत्त का चेहरा भी सामने आया। करीब एक दर्जन बम धमाके में सैकड़ों लोगों की जानें गई थी और ढेरों घायल हुए थे। अंडरवर्ल्ड के इस प्लान में धमाके के लिए इस्तेमाल हथियारों का रखने का आरोप संजय दत्त पर लगा था। संजय दत्त को इस मामले में अवैध बंदूकों की डिलीवरी लेने, उन्हें रखने और फिर नष्ट करने का दोषी माना गया था। ये हथियार बम धमाके में इस्तेमाल हुए हथियारों के जखीरे का ही हिस्सा था। इस केस में संजय दत्त को कोर्ट ने सजा सुनाई और 2013 में उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया था। 2016 तक उन्होंने पुणे के यरवदा सेंट्रल जेल में सजा भी काटी।
जब बेटे संजय दत्त से मिलने पुलिस स्टेशन पहुंचे सुनील दत्त
संजय दत्त को लेकर तत्कालीन जॉइंट कमिश्नर (क्राइम) एमएन सिंह ने कहा था कि यदि ऐक्टर ने राइफल छिपाने की जगह पिता सुनील दत्त को बता दिया होता तो इस बम धमाके को रोका जा सकता था। हालांकि, संजय दत्त इस बात पर उनसे बहस को भी तैयार थे और कहा था कि ये बातें हैरान करने वाली हैं। हालांकि, यासिर उस्मान की लिखी एक किताब ‘द क्रेजी अनटोल्ड स्टोरी ऑफ बॉलीवुड्स बैड बॉय संजय दत्त’ में बाप-बेटे के उस इमोशंस का जिक्र किया है, जो कभी एक पिता अपने बेटे से उम्मीद नहीं करेगा। इस किताब में बम ब्लास्ट के बाद फंसे संजय दत्त की उन बातों की जिक्र इस अंदाज में किया गया है, जो उन्होंने पिता सुनील दत्त से कही थी।
सुनील दत्त बेटे संजय के मुंह से सारा सच सुनना चाहते थे
यासिर की इस किताब में लिखा गया है, जब बेटे संजय दत्त को टाडा ऐक्ट के तहत बुक किया गया था तो पिता सुनील दत्त बेचैन और परेशान हो उठे थे। उनके लिए यह यकीन करने की बात ही नहीं थी कि उनका लाडला एक ऐसे काम में फंसा है, जिसने सिर्फ उनका ही नहीं बल्कि पूरे देश का सिर झुका दिया। वह इधर-उधर से काफी कुछ सुन रहे थे लेकिन सुनील दत्त बेटे संजय के मुंह से सारा सच सुनना चाहते थे और वह उनसे मिलने पुलिस स्टेशन पहुंचे।
संजय ने कहा- मेरी रगों में भी मुस्लिम का खून दौड़ रहा है
इसमें आगे इस बात की जिक्र है कि पिता के सामने संजय ने अपने कुबूलनामे में कहा था- उन्हें दाऊद इब्राहिम के भाई अनीस ने कुछ हथियार दिए थे। हैरान सुनील दत्त का अगला सवाल था- लेकिन क्यों? संजय ने आगे कहा, ‘मेरी रगों में भी मुस्लिम का खून दौड़ रहा है, शहर में जो कुछ भी हो रहा है, मैं वो सब और बर्दाश्त नहीं कर सकता।’ याद दिला दें कि संजय दत्त की मां नर्गिस मुस्लिम थीं। बेटे की ये बातें सुनकर सुनील दत्त अवाक रह गए और फिर वह उनसे कुछ कह न सके। बताया जाता है कि वह सिर्फ अपने आंसुओं को समेटकर वहां से चुपचाप निकल आए।
किस्सा 12 मार्च साल 1993 को हुए सीरियल बम ब्लास्ट से जुड़ा है जिये याद कर आज भी मुंबई एक बार जरूर ठिठक पड़ता है। इन बम धमाकों में बॉलिवुड पर भी दाग लगा और संजय दत्त का चेहरा भी सामने आया। करीब एक दर्जन बम धमाके में सैकड़ों लोगों की जानें गई थी और ढेरों घायल हुए थे। अंडरवर्ल्ड के इस प्लान में धमाके के लिए इस्तेमाल हथियारों का रखने का आरोप संजय दत्त पर लगा था। संजय दत्त को इस मामले में अवैध बंदूकों की डिलीवरी लेने, उन्हें रखने और फिर नष्ट करने का दोषी माना गया था। ये हथियार बम धमाके में इस्तेमाल हुए हथियारों के जखीरे का ही हिस्सा था। इस केस में संजय दत्त को कोर्ट ने सजा सुनाई और 2013 में उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया था। 2016 तक उन्होंने पुणे के यरवदा सेंट्रल जेल में सजा भी काटी।
जब बेटे संजय दत्त से मिलने पुलिस स्टेशन पहुंचे सुनील दत्त
संजय दत्त को लेकर तत्कालीन जॉइंट कमिश्नर (क्राइम) एमएन सिंह ने कहा था कि यदि ऐक्टर ने राइफल छिपाने की जगह पिता सुनील दत्त को बता दिया होता तो इस बम धमाके को रोका जा सकता था। हालांकि, संजय दत्त इस बात पर उनसे बहस को भी तैयार थे और कहा था कि ये बातें हैरान करने वाली हैं। हालांकि, यासिर उस्मान की लिखी एक किताब ‘द क्रेजी अनटोल्ड स्टोरी ऑफ बॉलीवुड्स बैड बॉय संजय दत्त’ में बाप-बेटे के उस इमोशंस का जिक्र किया है, जो कभी एक पिता अपने बेटे से उम्मीद नहीं करेगा। इस किताब में बम ब्लास्ट के बाद फंसे संजय दत्त की उन बातों की जिक्र इस अंदाज में किया गया है, जो उन्होंने पिता सुनील दत्त से कही थी।
सुनील दत्त बेटे संजय के मुंह से सारा सच सुनना चाहते थे
यासिर की इस किताब में लिखा गया है, जब बेटे संजय दत्त को टाडा ऐक्ट के तहत बुक किया गया था तो पिता सुनील दत्त बेचैन और परेशान हो उठे थे। उनके लिए यह यकीन करने की बात ही नहीं थी कि उनका लाडला एक ऐसे काम में फंसा है, जिसने सिर्फ उनका ही नहीं बल्कि पूरे देश का सिर झुका दिया। वह इधर-उधर से काफी कुछ सुन रहे थे लेकिन सुनील दत्त बेटे संजय के मुंह से सारा सच सुनना चाहते थे और वह उनसे मिलने पुलिस स्टेशन पहुंचे।
संजय ने कहा- मेरी रगों में भी मुस्लिम का खून दौड़ रहा है
इसमें आगे इस बात की जिक्र है कि पिता के सामने संजय ने अपने कुबूलनामे में कहा था- उन्हें दाऊद इब्राहिम के भाई अनीस ने कुछ हथियार दिए थे। हैरान सुनील दत्त का अगला सवाल था- लेकिन क्यों? संजय ने आगे कहा, ‘मेरी रगों में भी मुस्लिम का खून दौड़ रहा है, शहर में जो कुछ भी हो रहा है, मैं वो सब और बर्दाश्त नहीं कर सकता।’ याद दिला दें कि संजय दत्त की मां नर्गिस मुस्लिम थीं। बेटे की ये बातें सुनकर सुनील दत्त अवाक रह गए और फिर वह उनसे कुछ कह न सके। बताया जाता है कि वह सिर्फ अपने आंसुओं को समेटकर वहां से चुपचाप निकल आए।