मेरा हिस्सा नहीं मिला तो… SBI में सुरंग बनाकर 95 लाख का गोल्ड हुआ था चोरी, अब गुमनाम चिठ्ठी से हड़कंप

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मेरा हिस्सा नहीं मिला तो… SBI में सुरंग बनाकर 95 लाख का गोल्ड हुआ था चोरी, अब गुमनाम चिठ्ठी से हड़कंप

मेरा हिस्सा नहीं मिला तो… SBI में सुरंग बनाकर 95 लाख का गोल्ड हुआ था चोरी, अब गुमनाम चिठ्ठी से हड़कंप


सुमित शर्मा,कानपुरः यूपी के कानपुर में एसबीआई भौती शाखा में गोल्ड की एतिहासिक चोरी हुई थी। चोरों ने रात के अंधेरे में बैंक के पीछे से आठ फिट लंबी सुरंग बनाकर बैंक के स्ट्रांग रूम से लगभग 95 लाख का गोल्ड चोरी कर ले गए थे। बैंक से गोल्ड चोरी के लगभग तीन महीने बाद भी पुलिस किसी आरोपी को अरेस्ट नहीं कर सकी है। पुलिस ने हजारो मोबाइल नंबरों को खंगाला, सैकड़ो सीसीटीवी फुटेज खंगाले और हजारों लोगों से पूछताछ की है। लेकिन पुलिस किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंची है। अब पुलिस के हाथ एक गुमनाम पत्र लगा है। जिसमें कई नाम और चोरी करने तरीकों को बताया गया है। फिलहाल पुलिस गुमनाम पत्र की जांच कर रही है।

सचेंडी थाना क्षेत्र स्थित एसबीआई भौती शाखा है। एसबीआई भौती शाखा में गोल्ड चोरी कानपुर के इतिहास में सबसे बड़ी चोरियों में शामिल है। बीते 23 दिसंबर 2022 को चोरों ने बैंक में रखा पूरा गोल्ड लेकर फरार हो गए थे। बैंक के पीछे झाड़ियां हैं। सर्दरात की वजह से उस इलाके में बहुत जल्दी सन्नाटा हो जाता है। जिसका फायदा उठाते हुए चोरों ने बैंक के पीछे से आठ फिट लंबी सुरंग बनाकर बैंक के अंदर दाखिल हो गए। इसके बाद लोहे की रॉड से गोल्ड चेस्ट के स्ट्रांग रूम का दरवाजा तोड़कर लगभग करोड़ो का गोल्ड लेकर भाग गए थे।

डीसीपी को सौंपी गई जांच
गुमनाम पत्र में चोरी में शामिल कई लोगों के नाम के साथ ही किसने क्या मुहैया कराया है, इसका जिक्र किया गया है। पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने डीसीपी वेस्ट विजय ढुल को गुमनाम पत्र की जांच सौंपी है। एसबीआई गोल्ड चोरी मामले में कानपुर कमिश्नरेट पुलिस 81 दिन बाद भी चोरों तक नहीं पहुंच पाई थी। जिसे लेकर पुलिस बैकफुट पर है। पुलिस का खूफिया तंत्र पूरी तरह से फेल साबित हुआ है। फिलहाल इस गुमनाम पत्र ने पुलिस की जांच बदल दी है।

मोबाइल ऑन कर घर पर रखा था
गुमनाम पत्र में बताया गया है कि बैंक में सुरंग बनाकर चोरी करने वाले अर्मापुर, कल्यानपुर स्थित यूनियन बैंक में चोरी करने वाले थे। इसके बाद संचेडी की एसबीआई भौती शाखा को निशाना बनाया था। शातिर चोरों ने मोबाइल ऑन कर के अपने घरों पर रख दिया था। ताकि उनकी लोकेशन को ट्रैस नहीं किया जा सके। बैंक में गोल्ड चोरी को लेकर एक-एक पॉइंट को ध्यान में रखा गया था। इसके लिए खास ट्रेनिंग भी दी गई थी।

सुलेमान है गैंग लीडर
गुमनाम पत्र में लिखा था कि सुलेमान चाचा इस गिरोह के मुखिया हैं। सुलेमान चाचा ने ही हम सभी एक-दूसरे से मिलवाया था। एसबीआई बैंक चोरी से पहले सुलेमान चाचा ने सभी को कड़ी ट्रेनिंग दी थी। चोरी की घटना में इस्तेमाल किए मोबाइल नंबर बदल दिए गए हैं। सुलेमान ने सभी को पहले ही वार्न कर दिया था कि बैंक से सिर्फ गोल्ड ही चोरी किया जाएगा। कोई भी बैंक में रखे रुपयों को हाथ नहीं लगाएगा। वारदात को अंजाम देने के बाद सभी लोग अलग-अलग रास्तों से निकलेंगे। इसके साथ ही यदि पुलिस पकड़ती है, तो उसे गुमराह करने के तरीके भी सुझाए थे।

जानिए गुमनाम चिठ्ठी में क्या लिखा है?
गुमनाम पत्र में लिखा है कि वारदात को अंजाम देने में रनिया, रावतपुर और कर्नलगंज के 11 लोगों को शामिल किया गया था। बैंक में चोरी की घटना को अंजाम देने के लिए रामानंद नाम के शख्स ने कार मुहैया कराई थी। विक्रांत ने असलहे और अमित और मुन्ना ने ड्रिल मशीन लेकर आए थे। सुलेमान, विक्रांत और शनि ने चोरी का गोल्ड अपने पास रख लिया है। हिस्सा मांगने पर कहता है कि पूरा माल बिकने के बाद मिलेगा। रामानंद, सुलेमान, विक्रांत समेत गैंग के लोग पूरा माल हड़पना चाहते हैं। यदि मेरा हिस्सा नहीं मिला तो इनको जान से मार दूंगा।

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