मेडिकल संस्थानों में अध्यापकों की नियुक्ति के लिए 70 साल अधिकतम उम्र सीमा निर्धारित – Ludhiana News h3>
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नेशनल मेडिकल कमिशन(एनएमसी) द्वारा मेडिकल संस्थानों में अध्यापकों की योग्यता के संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं। इन नियमों को टीईओ-2024 का नाम दिया गया है। इन नियमों के तहत ही मेडिकल संस्थानों में ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट विषय पढ़ाने वाले अध्यापकों की नियुक्ति और प्रमोशन होगी। वहीं, अब 70 साल की उम्र तक के फैकल्टी सदस्यों को रखा जा सकेगा।
इन नियमों में एक्सटेंशन और फिर से अपॉइंटमेंट रखने के लिए इस उम्र सीमा को रखा जाएगा। डीन, डायरेक्टर, प्रिंसिपल की पोस्ट के लिए उन अध्यापकों को रखा जाएगा जिन्होंने पीजी मेडिकल डिग्री हासिल की हो और प्रोफेसर या एसोसिएट प्रोफेसर के तौर पर काम का कम से कम दस साल का अनुभव मांगा गया है। इन दस सालों में से पांच साल विभाग में प्रोफेसर के तौर पर जिम्मेदारी निभाई होनी चाहिए।
इन पदों के लिए अपॉइंटमेंट सीनियोरिटी कम मैरिट के आधार पर होना चाहिए। इसी तरह टीचिंग हॉस्पिटल के मेडिकल सुप्रींटेंडेंट के लिए भी यही अनुभव मांगा गया है। सीनियर रेजीडेंट की पोस्ट के लिए उम्मीदवारों की उम्र 45 से कम होनी चाहिए। अभी 45 साल तक के उम्मीदवारों को रखा जाता है। वहीं, एनाटॉमी, फिजियोलॉजी, बायोकैमिस्ट्री, फार्माकोलॉजी, पैथोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, फोरेंसिक मेडिसिन और कम्यूनिटी मेडिसिन के लिए 50 साल तक के सीनियर रेजीडेंट की भर्ती हो सकती है। सीनियर रेजीडेंट के लिए तीन साल तक की अवधि रखी गई है।
सुपर स्पेशिएलिटी में पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहे उम्मीदवार को भी सीनियर रेजीडेंट कहा जाएगा। ट्यूटर या डेमोस्ट्रेटर की पोस्ट के लिए एमबीबीएस की योग्यता न्यूनतम निर्धारित की गई है। डेमोस्ट्रेटर के लिए एमएससी और संबंधित विषय में पीएचडी होना जरुरी है।
सीनियर रेजीडेंट और फैकल्टी की पोस्ट की अपॉइंटमेंट के लिए एनाटॉमी, बायोकैमिस्ट्री, फिजियोलॉजी में एमएससी के साथ संबंधित विषय में पीएचडी होनी जरुरी है। गवर्नमेंट हॉस्पिटल में नॉन टीचिंग कंसल्टेंट, स्पेशलिस्ट, मेडिकल अफसर के लिए रिलेक्सेशन के संबंध में निर्देश जारी की गई है।
इसके तहत 220 बैड में चार साल का न्यूनतम अनुभव होने पर असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर चुना जा सकता है। इस पोस्ट के लिए बेसिक कोर्स इन बायोमेडिकल रिसर्च(बीएसबीआर) कोर्स किया होना जरुरी है। अपॉइंटमेंट होने पर तीन साल के अंदर बेसिक कोर्स इन मेडिकल एजुकेशन टेक्नोलॉजी(बीसीएमईटी ) कोर्स करना होगा। डिफेंस सर्विसेस में अगर स्पेशलिस्ट मेडिकल अफसर के तौर पर न्यूनतम 8 साल का टीचिंग अनुभव है तो संबंधित विषय में पीजी, तीन साल के टीचिंग अनुभव और दो रिसर्च पेपर होे पर संबंधित विषय में प्रोफेसर के तौर पर नियुक्ति हो सकती है।
इसी तरह एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, विजिटिंग फैकल्टी के लिए भी नियम निर्धारित किए गए हैं। एनएमसी द्वारा मेडिकल ब्रॉड स्पेशिएलिटी, सुपर स्पेशिएलिटी, सर्जिकल ब्रॉड स्पेशिएलिटी के लिए अकेडेमिक क्वालिफिकेशन और एडिशनल क्वालिफिकेशन की लिस्ट भी जारी की गई है। इसके साथ ही एनएमसी द्वारा फैकल्टी अपॉइंटमेंट और प्रमोशन के लिए अकेडेमिक योग्यता, टीचिंग और रिसर्च अनुभव भी विस्तार से बताया गया है।
कमिशन द्वारा अगर पूरी योग्यता नहीं है तो उन योग्यताओं को पूरा करने के लिए फैकल्टी को समय दिया जाएगा इसे ट्रांजिशन पीरियड कहा जाएगा। जिसमें फैकल्टी के संबंधित स्पेशिएलिटी में पूरी योग्यता न होने पर ट्रेनिंग और अनुभव हासिल करने के लिए तय समय दिया जाएगा।
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नेशनल मेडिकल कमिशन(एनएमसी) द्वारा मेडिकल संस्थानों में अध्यापकों की योग्यता के संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं। इन नियमों को टीईओ-2024 का नाम दिया गया है। इन नियमों के तहत ही मेडिकल संस्थानों में ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट विषय पढ़ाने वाले अध्यापकों की नियुक्ति और प्रमोशन होगी। वहीं, अब 70 साल की उम्र तक के फैकल्टी सदस्यों को रखा जा सकेगा।
इन नियमों में एक्सटेंशन और फिर से अपॉइंटमेंट रखने के लिए इस उम्र सीमा को रखा जाएगा। डीन, डायरेक्टर, प्रिंसिपल की पोस्ट के लिए उन अध्यापकों को रखा जाएगा जिन्होंने पीजी मेडिकल डिग्री हासिल की हो और प्रोफेसर या एसोसिएट प्रोफेसर के तौर पर काम का कम से कम दस साल का अनुभव मांगा गया है। इन दस सालों में से पांच साल विभाग में प्रोफेसर के तौर पर जिम्मेदारी निभाई होनी चाहिए।
इन पदों के लिए अपॉइंटमेंट सीनियोरिटी कम मैरिट के आधार पर होना चाहिए। इसी तरह टीचिंग हॉस्पिटल के मेडिकल सुप्रींटेंडेंट के लिए भी यही अनुभव मांगा गया है। सीनियर रेजीडेंट की पोस्ट के लिए उम्मीदवारों की उम्र 45 से कम होनी चाहिए। अभी 45 साल तक के उम्मीदवारों को रखा जाता है। वहीं, एनाटॉमी, फिजियोलॉजी, बायोकैमिस्ट्री, फार्माकोलॉजी, पैथोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, फोरेंसिक मेडिसिन और कम्यूनिटी मेडिसिन के लिए 50 साल तक के सीनियर रेजीडेंट की भर्ती हो सकती है। सीनियर रेजीडेंट के लिए तीन साल तक की अवधि रखी गई है।
सुपर स्पेशिएलिटी में पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहे उम्मीदवार को भी सीनियर रेजीडेंट कहा जाएगा। ट्यूटर या डेमोस्ट्रेटर की पोस्ट के लिए एमबीबीएस की योग्यता न्यूनतम निर्धारित की गई है। डेमोस्ट्रेटर के लिए एमएससी और संबंधित विषय में पीएचडी होना जरुरी है।
सीनियर रेजीडेंट और फैकल्टी की पोस्ट की अपॉइंटमेंट के लिए एनाटॉमी, बायोकैमिस्ट्री, फिजियोलॉजी में एमएससी के साथ संबंधित विषय में पीएचडी होनी जरुरी है। गवर्नमेंट हॉस्पिटल में नॉन टीचिंग कंसल्टेंट, स्पेशलिस्ट, मेडिकल अफसर के लिए रिलेक्सेशन के संबंध में निर्देश जारी की गई है।
इसके तहत 220 बैड में चार साल का न्यूनतम अनुभव होने पर असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर चुना जा सकता है। इस पोस्ट के लिए बेसिक कोर्स इन बायोमेडिकल रिसर्च(बीएसबीआर) कोर्स किया होना जरुरी है। अपॉइंटमेंट होने पर तीन साल के अंदर बेसिक कोर्स इन मेडिकल एजुकेशन टेक्नोलॉजी(बीसीएमईटी ) कोर्स करना होगा। डिफेंस सर्विसेस में अगर स्पेशलिस्ट मेडिकल अफसर के तौर पर न्यूनतम 8 साल का टीचिंग अनुभव है तो संबंधित विषय में पीजी, तीन साल के टीचिंग अनुभव और दो रिसर्च पेपर होे पर संबंधित विषय में प्रोफेसर के तौर पर नियुक्ति हो सकती है।
इसी तरह एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, विजिटिंग फैकल्टी के लिए भी नियम निर्धारित किए गए हैं। एनएमसी द्वारा मेडिकल ब्रॉड स्पेशिएलिटी, सुपर स्पेशिएलिटी, सर्जिकल ब्रॉड स्पेशिएलिटी के लिए अकेडेमिक क्वालिफिकेशन और एडिशनल क्वालिफिकेशन की लिस्ट भी जारी की गई है। इसके साथ ही एनएमसी द्वारा फैकल्टी अपॉइंटमेंट और प्रमोशन के लिए अकेडेमिक योग्यता, टीचिंग और रिसर्च अनुभव भी विस्तार से बताया गया है।
कमिशन द्वारा अगर पूरी योग्यता नहीं है तो उन योग्यताओं को पूरा करने के लिए फैकल्टी को समय दिया जाएगा इसे ट्रांजिशन पीरियड कहा जाएगा। जिसमें फैकल्टी के संबंधित स्पेशिएलिटी में पूरी योग्यता न होने पर ट्रेनिंग और अनुभव हासिल करने के लिए तय समय दिया जाएगा।