मेगा एंपायर- 64 हजार करोड़ की जीरोधा ब्रोकर: कॉल सेंटर में नौकरी करने वाले दो भाइयों ने बनाई 1.6 करोड़ यूजर्स की कंपनी h3>
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहला पॉडकास्ट इंटरव्यू लेने वाले निखिल कामत इन दिनों चर्चा में हैं। ये पॉडकास्ट 15 दिन पहले रिलीज हुआ है। निखिल न तो कोई जर्नलिस्ट हैं, न ही कोई फेमस यूट्यूबर। वे तो स्टॉक ट्रेडिंग की दुनिया के जाने-माने खिलाड़ी हैं।
.
निखिल कामत जीरोधा के को-फाउंडर हैं। जीरोधा एक स्टॉक ब्रोकरेज फर्म है। इस कंपनी की शुरुआत साल 2010 में निखिल और उनके भाई नितिन ने की थी। जीरोधा देश की सबसे बड़ी स्टॉक ब्रोकरेज फर्म में से एक है।
पीएम मोदी के साथ निखिल कामत।
आज जीरोधा लगभग ₹64,000 करोड़ की कंपनी है। हाल ही में नितिन कामत ने अपनी एक सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि जीरोधा के यूजर्स 1.6 करोड़ से ज्यादा हो गए हैं।
आज मेगा एंपायर में कहानी स्टॉक ब्रोकरेज फर्म जीरोधा की….
निखिल का जन्म 5 सितंबर 1986 को कर्नाटक के शिमोगा में हुआ था। पिता रघुराम बैंक में नौकरी करते थे। बचपन से ही निखिल का मन पढ़ाई में नहीं लगता था। 10वीं के बाद उन्होंने स्कूल छोड़ दिया। 14 साल की उम्र में मोबाइल बेचने लगे। निखिल के बड़े भाई ने इंजीनियरिंग की। हालांकि अपने मारवाड़ी दोस्तों का बिजनेस देख दोनों को लगता था कि बिजनेस ही करना चाहिए। यही सोच उन्हें शेयर ट्रेडिंग की दुनिया में लेकर आई।
अपने माता-पिता के साथ नितिन कामत और उनके छोटे भाई निखिल कामत।
मां के नाम शुरू किया पहला ट्रेडिंग अकाउंट 17 साल की उम्र में नितिन ने अपनी मां के नाम पर ट्रेडिंग खाता खोलकर शेयर बाजार में इन्वेस्ट करना शुरू किया। कुछ कमाई भी हुई, लेकिन 2001-02 के मार्केट क्रैश ने उनकी सारी सेविंग डुबो दी। इसके बाद भी उन्होंने दोस्तों से उधार लेकर ट्रेडिंग जारी रखी, लेकिन नतीजा वही रहा।
इस दौर ने उन्हें बाजार की बारीकियां सिखाईं। हालांकि परिवार का सपोर्ट हमेशा उनके साथ रहा।
दोनों भाई दिन में ट्रेडिंग करते और रात में जॉब फाइनेंशियल प्रॉब्लम के चलते दोनों भाई एक कॉल सेंटर में जॉब करते थे। निखिल ने अपने एक इंटरव्यू में बताया कि वो दिन में ट्रेडिंग करते थे और रात में कॉल सेंटर में जॉब।
पहली बार अमेरिकी निवेशक ने दिया था मौका निखिल कहते हैं कि पिता ने उनकी रुचि देखकर अपनी सेविंग उन्हें शेयर मार्केट में लगाने के लिए दे दी। 2004 में दोनों भाइयों को एक अमेरिकी निवेशक का पोर्टफोलियो मैनेज करने का मौका मिला, इससे उन्हें ₹25 लाख मिले। यहां से उन्होंने अपने पहले फंड मैनेजमेंट बिजनेस ‘कामत एसोसिएट्स’ की शुरुआत की।
2015 तक जीरोधा की टीम 85 लोगों की हो गई थी।
अपनी सेविंग से शुरू की कंपनी 2009 में नितिन ने रेगुलर ट्रेडिंग से ब्रेक लिया और ट्रेडर्स की समस्याओं पर रिसर्च करने लगे। उन्होंने पाया कि भारतीय ब्रोकरेज इंडस्ट्री में पारदर्शिता और कम लागत की कमी है। यही वह समय था जब उन्होंने ‘जीरोधा’ शुरू करने का फैसला किया।
15 अगस्त 2010 को, कामत ब्रदर्स ने जीरोधा की नींव रखी। इसका नाम जीरो + रोधा से लिया गया, जिसका मतलब है ‘शून्य बाधा’। यह भारत की पहली डिस्काउंट ब्रोकरेज फर्म थी। दोनों भाइयों ने अपनी सेविंग से इसे शुरू किया, क्योंकि 2008 के मार्केट क्रैश के बाद कोई भी वेंचर कैपिटलिस्ट निवेश करने को तैयार नहीं था।
शुरुआत में कई दिक्कतें हुईं। मार्केटिंग बजट नहीं था। स्टाफ भी कम था। फिर भी उन्होंने याहू मैसेंजर और डोर-टु-डोर मार्केटिंग से कस्टमर जोड़े।
जीरोधा का डिस्काउंट ब्रोकिंग मॉडल जीरोधा ने एक अनोखा डिस्काउंट ब्रोकिंग मॉडल पेश किया। ₹20 प्रति ट्रेड की फ्लैट ब्रोकरेज फीस की शुरुआत की, जिससे ट्रेडर्स बड़ी संख्या में उनके प्लेटफॉर्म पर आए। यह मॉडल भारतीय बाजार में बिल्कुल नया था, लेकिन विदेशों में यह पहले से जाना जाता था।
साल 2015 में उन्होंने 0 ब्रोकरेज नीति लागू की, जिससे उनके कस्टमर 30,000 से बढ़कर 14 लाख हो गया। इस दौरान जीरोधा ने टेक्नोलॉजी पर फोकस किया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के ‘NOW’ प्लेटफॉर्म का उपयोग करके उन्होंने कस्टमर का भरोसा जीता।
लॉकडाउन के दौरान जब लोग घरों में कैद थे, जीरोधा का यूजर बेस 1 करोड़ से ज्यादा हो गया। उनका प्लेटफॉर्म ‘काइट’ बेहद लोकप्रिय हुआ।
2014 में लॉन्च किया खुद का ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म साल 2013 तक जीरोधा के 7000 ग्राहक हो गए थे और रोजाना ₹1000-₹1500 करोड़ का टर्नओवर हो रहा था। यह उनकी टीम के समर्पण और इनोवेटिव सोच का परिणाम था।
साल 2014 में जीरोधा ने खुद का ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म जीरोधा ट्रेडर (ZT) लॉन्च किया। कस्टमर की सहूलियत के लिए मोबाइल और वेब प्लेटफॉर्म (Z5 और ZM) भी लॉन्च किए।
7 लोगों की टीम से हुई थी शुरुआत शुरुआती दिनों में फंड की कमी के चलते केवल सात लोगों की टीम थी। इस टीम में कामत ब्रदर्स भी शामिल थे। 2015 तक यह टीम 85 लोगों की हो गई। साल 2020 तक जीरोधा भारत की सबसे बड़ी रिटेल ब्रोकरेज फर्म बन गई, जिसमें लाखों कस्टमर जुड़े और रोजाना ₹20,000 करोड़ का टर्नओवर था।
स्टोरी रिसर्च – श्रेयांश गौर
——————————————————
अन्य मेगा एंपायर भी पढ़ें…
मेगा एंपायर-2 विदेशी इंजीनियर्स ने शुरू किया L&T ग्रुप:अयोध्या में राम मंदिर बनाने वाली कंपनी, रेवेन्यू 2 लाख करोड़ से ज्यादा
देश के इंफ्रा प्रोजेक्ट्स में अहम भूमिका निभाने वाली लार्सन एंड टुब्रो एक भारतीय मल्टीनेशनल कंपनी है। ये अपने बेहतरीन आर्किटेक्ट डिजाइन के लिए जानी जाती है। L&T दुनियाभर के 50 से ज्यादा देशों में काम करती है। पूरी खबर पढ़ें…
मेगा एंपायर-साइकिल रिपेयर की दुकान से शुरू हुई MG MOTOR:6 बार बिकी, आज 40 हजार करोड़ की कंपनी, 80 देशों में कारोबार
दुनिया के सबसे बड़े कार ब्रांड में से एक MG Motors की शुरुआत साइकिल की दुकान से हुई थी। इसकी शुरुआत सिसिल किम्बर ने मोरिस गैराज से 1924 में की थी। आज एमजी मोटर 80 से ज्यादा देशों में कारोबार कर रहा है। पूरी खबर पढ़ें… मेगा एंपायर-कैंडी की शॉप से शुरू हुई चॉकलेट कंपनी हर्शेज:दुकान के लिए घर गिरवी रखा, आज 95 हजार करोड़ रेवेन्यू
हर्शे शुरुआत अमेरिका के मिल्टन हर्शे ने की थी, जिन्होंने 12 साल की उम्र में पढ़ाई छोड़ दी थी। ये कंपनी आज 85 देशों में कारोबार करती है और सालाना 93 हजार करोड़ से भी ज्यादा का रेवेन्यू जनरेट करती है। पूरी खबर पढ़ें…