मूवी रिव्यू : गुलमोहर
‘गुलमोहर’ की कहानी
फिल्म राजधानी दिल्ली के पॉश इलाके में स्थित गुलमोहर विला में रहने वाले एक रईस परिवार की कहानी है। होली के त्योहार से पहले अपने घर में यह परिवार अपने आखिरी दिन बिता रहा है। यह फैमिली ऊपर से भले ही चमक दमक भरी लगती है, लेकिन अंदर से काफी बिखरी हुई है। हाई सोसायटी के ज्यादातर परिवारों की तरह इसके मेंबर्स ने भी अपना बंगला बेचकर अलग-अलग फ्लैट्स में शिफ्ट होने का फैसला किया है। उन्हें लगता है कि एक घर में रहकर वे बंधनों का सामना कर रहे हैं। ऐसे में इस घर से दूर जाकर उन्हें उनसे मुक्ति मिल जाएगी।
घर की सबसे सीनियर मेंबर कुसुम बत्रा (शर्मिला टैगोर) दिल्ली छोड़कर पुडुचेरी शिफ्ट हो रही हैं। जबकि उनका बेटा अरुण (मनोज बाजपेयी) अपनी वाइफ इंदु (सिमरन) के साथ गुरुग्राम के फ्लैट में जा रहा है। अरुण का बेटा आदित्य (सूरज शर्मा) अपनी वाइफ दिव्या (कावेरी सेठ) के साथ अपने पैरंट्स से अलग रहने का फैसला करता है। जबकि अरुण की बेटी अमृता (उत्सवी झा) भी एक रिलेशनशिप में है, लेकिन वह अपनी लाइफ में एक दूसरी परेशानी का सामना कर रही है। बत्रा फैमिली में अरुण के चाचाजी सुधाकर बत्रा (अमोल पालेकर), उनका बेटा कमल (अनुराग अरोड़ा), बहू नीना (देविका शहानी) और पोता किशोर (श्रीहर्ष शर्मा) भी हैं।
‘गुलमोहर’ का ट्रेलर
अरुण और उसके बेटे में कुछ खास नहीं बनती है, वहीं उसकी बेटी भी एक अलग परेशानी का सामना कर रही है। जबकि अरुण अपने बच्चों से अलग होने को लेकर परेशान है। बावजूद इसके कुसुम ने सबको इस बात के लिए राज़ी कर लिया है कि वे अपना 34 साल पुराना घर छोड़ने से पहले इसमें अपनी आखिरी होली साथ में मनाएंगे। लेकिन इसी बीच अरुण को एक ऐसी सच्चाई पता लगती है, जिससे उसका दिल टूट जाता है। तो क्या कुसुम का पूरी फैमिली के साथ होली मनाने का सपना पूरा हो पाता है? यह आपको फिल्म देखकर ही पता लगेगा।
‘गुलमोहर’ का रिव्यू
डायरेक्टर राहुल चित्तैला ने परफेक्ट फैमिली ड्रामा रचा है, जो आपको आखिर तक बांधे रखता है। फिल्म में मौजूदा समय में टूटते संयुक्त परिवारों की उलझनों से लेकर उनकी चुनौतियों तक को बखूबी दिखाया गया है। फैमिली के नौकरों के बीच चल रही प्रेम कहानी का प्लॉट भी दिलचस्प है। मनोज बाजपेयी ने मिडिल एज बिजनेसमैन, एक जिम्मेदार बाप और चुनौतियों से मुंह नहीं मोड़ने वाले बेटे के रोल में जान डाल दी है।
लंबे अरसे बाद फिल्मी पर्दे पर वापसी करने वाली शर्मिला टैगोर भी कुसुम के रोल में शानदार लगी हैं। काफी अरसे तक साउथ सिनेमा में काम करने वाली सिमरन की बॉलिवुड में वापसी उम्दा है। जबकि सूरज शर्मा ने भी फिल्म में बढ़िया एक्टिंग की है। फिल्म के बाकी कलाकारों ने भी अपने अपने रोल को बखूबी निभाया है। फिल्म का संगीत भी कहानी को सपोर्ट करता है।
क्यों देखें- इस वीकेंड सिनेमा में किसी नई रिलीज के अभाव में आप घर पर ही इस बेहतरीन फैमिली ड्रामा फिल्म को एन्जॉय कर सकते हैं।