मुरैना की चंबल नदी में छोड़े गए 32 घड़ियाल: इनमें दो नर और 30 मादा, देवगढ़ से पकड़े गए मगरच्छ को भी छोड़ा – Morena News

4
मुरैना की चंबल नदी में छोड़े गए 32 घड़ियाल:  इनमें दो नर और 30 मादा, देवगढ़ से पकड़े गए मगरच्छ को भी छोड़ा – Morena News

मुरैना की चंबल नदी में छोड़े गए 32 घड़ियाल: इनमें दो नर और 30 मादा, देवगढ़ से पकड़े गए मगरच्छ को भी छोड़ा – Morena News

बक्सों को ठोका गया, एक-एक करके घड़ियाल बक्सों में से निकले और सीधा नदी के पानी में चले गए।

मुरैना के वन विभाग ने रविवार को घड़ियालों व एक मगरमच्छ को चंबल नदी में छोड़ दिया। छोड़े जाने वाले घड़ियालों में 30 मादा घड़ियाल है व दो नर घड़ियाल हैं। इनको देवगढ़ क्षेत्र के चंबल नदी के सरसैनी घाट पर आज दोपहर छोड़ा गया। छोड़े गए सभी घड़ियाल वर्ष 202

.

बता दें कि तय कार्यक्रम के अनुसार मुरैना के देवरी स्थित घड़ियाल केंद्र में पल रहे 30 मादा घड़ियालों को तथा दो नर घड़ियालों को उनके लिए बनाए गए विशेष काठ के बक्सों में बंद किया गया। उसके बाद उन्हें ट्रैक्टर ट्राली पर लादकर चंबल नदी के सरसैनी घाट पर ले जाया गया। जहां सभी बक्सों के मुंह चंबल नदी की तरफ किए गए।

इस दौरान अधीक्षक देवरी श्याम सिंह चौहान, उपमंडल अधिकारी मुरैना सामान्य माधु सिंह, अधीक्षक भिंड भूरा गायकवाड, गेम रेंज देवरी रिंकी आर्य एवं ज्योति प्रसाद दंडोतिया तथा समस्त स्टाफ मौजूद रहा।

एक-एक करके निकले घड़ियाल सभी घड़ियालों के बक्सों को जब नदी की तरफ मुंह करके लिटाया गया तो घड़ियाल बक्सों में से नहीं निकले। इस पर वन कर्मचारियों ने घड़ियालों को हाथ से ठोकना शुरू कर दिया। जैसे ही बक्सों को ठोका गया, एक-एक करके घड़ियाल बक्सों में से निकले और सीधा नदी के पानी में चले गए।

घड़ियालों को गर्मियों में बहुत भूख लगती है लेकिन सर्दियों में कम भूख लगती है। घड़ियाल केंद्र में घड़ियाल एक छोटे से तालाब में बंद रहते हैं और उन्हें आराम से भोजन मिल जाता है। लेकिन चंबल नदी उनके लिए समुद्र के समान है वहां उन्हें शिकार खोजना पड़ता है। शिकार खोजने के लिए मेहनत करनी पड़ती है और एक-दो दिन का समय लग जाता है। एक-दो दिन का समय लगने पर वह बिना भोजन के रह सकते हैं इसलिए इन घड़ियालों को सर्दियों के सीजन में छोड़ जाता है। घड़ियालों को दिसंबर जनवरी व फरवरी माह में ही चंबल नदी में छोड़ा जाता है।

घड़ियाल छोड़ते हुए।

एक मगरच्छ को भी छोड़ा, देवगढ़ से पकड़ा था घड़ियालों के साथ एक मगरमच्छ को भी चंबल नदी में छोड़ा गया। उसे 2 साल पहले देवगढ़ गांव से पकड़ा गया था। चंबल नदी में बाढ़ आने पर यह मगर पानी के साथ में गांव में घुस आया था। जैसे ही गांव वालों को पता लगा उन्होंने वन विभाग को सूचित किया था। वन विभाग के अधिकारियों ने मगर का रेस्क्यू किया और उसे लाकर देवरी स्थित घड़ियाल केंद्र में छोड़ दिया था। तबसे वह वहीं पर था। आज उसे भी घड़ियाल केंद्र से निजात मिल गई और वह अपने प्राकृतिक वातावरण में नदी में चला गया।

98 घड़ियालों को छोड़ने की अनुमति इस वर्ष देवरी घड़ियाल केंद्र के अधिकारियों को चंबल नदी के 98 घड़ियालों को छोड़ने की अनुमति मिली है। वर्तमान में घड़ियाल केंद्र पर 288 घड़ियाल हैं।

मध्यप्रदेश की और खबर पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे – Madhya Pradesh News