मुरादाबाद में CO दफ्तर के सामने से 400Kva ट्रांसफार्मर चोरी: वजन 2000 kg, चोर क्या क्रेन लाए थे ?; FIR दर्ज नहीं, SDO ने झूठी रिपोर्ट दी – Moradabad News

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मुरादाबाद में CO दफ्तर के सामने से 400Kva ट्रांसफार्मर चोरी:  वजन 2000 kg, चोर क्या क्रेन लाए थे ?; FIR दर्ज नहीं, SDO ने झूठी रिपोर्ट दी – Moradabad News

मुरादाबाद में CO दफ्तर के सामने से 400Kva ट्रांसफार्मर चोरी: वजन 2000 kg, चोर क्या क्रेन लाए थे ?; FIR दर्ज नहीं, SDO ने झूठी रिपोर्ट दी – Moradabad News

बिजली महकमे के दावे को सच मानें तो मुरादाबाद में सीओ सिविल लाइंस की नाक के नीचे से चोर 400केवीए का ट्रांसफार्मर उड़ा ले गए। ये ट्रांसफार्मर सीओ सिविल लाइंस के ऑफिस के सामने अंबेडकर पार्क पर रखा था। यानी वो इलाका, जहां जिला अस्पताल और दो-दो थाने होने क

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गौर करने की बात ये भी है जिस ट्रांसफार्मर के चोरी होने की बात बिजली विभाग कर रहा है उसका वजन अमूमन 2000 Kg है। इसमें करीब 485 लीटर तेल और 850 किलोग्राम तांबे का तार भी होता है। हमने बिजली विभाग के एक अवर अभियंता से पूछा तो उन्होंने कहा, अलग-अलग कंपिनयों के ट्रांसफार्मर का वजन अलग-अलग होता है। लेकिन 400केवीए ट्रांसफार्मर का न्यूनतम वजन 3.25 कुंतल होता है। जेई ने दैनिक NEWS4SOCIALसे कहा, 400 केवीए के ट्रांसफार्मर की शिफ्टिंग बगैर क्रेन की मदद के नहीं हाे सकती।

तो क्या क्रेन लेकर आए थे चोर? जेई की बात को सरल शब्दों में समझें तो ये साफ है कि चोर भी इस ट्रांसफार्मर को बगैर क्रेन की मदद के चोरी नहीं कर सकते।ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या चोर ट्रांसफार्मर चोरी करने के लिए अपने साथ क्रेन लेकर आए थे ? अगर एक सीओ के दफ्तर के ठीक सामने चोर क्रेन लगाकर ट्रांसफार्मर चोरी कर ले जाते हैं, तो इससे शहर में पुलिस के इकबाल पर बड़ा सवालिया निशान लगता है।

पहले बिजली विभाग के एक उपखंड अधिकारी के एक्सईएन को लिखे इस खत को पढ़िए

ये एसडीओ श्रीकांत वर्मा का खत है, जो उन्होंने एक्सईएन को लिखा है।

13 जनवरी की चोरी, पुलिस को सूचना 6 फरवरी को ट्रांसफार्मर चोरी की ये घटना बिजली महकमे ने 13 जनवरी की बताई है। 33/11 केवीए बिजलीघर पीटीसी पर तैनात अवर अभियंता वीरेंद्र कुमार ने 6 फरवरी को पुलिस को सूचना दी कि विद्युत नगरीय वितरण खंड द्वितीय के कार्यालय के सामने अंबेडकर पार्क के पास रखा 400केवीए का ट्रांसफार्मर 13 जनवरी को कुछ अज्ञात लोगों द्वारा चोरी कर लिया गया है।

SDO ने कहा-FIR लिखा दी है, SHO बोले-अभी कोई FIR नहीं

उपखंड अधिकारी (SDO) चतुर्थ श्रीकांत वर्मा ने 6 फरवरी को अपने एक्सईएन (नगरीय विद्युत वितरण खंड द्वितीय) को इस ट्रांसफार्मर चोरी के बारे में एक पत्र लिखा। इस पत्र में उन्होंने कहा कि अंबेकर पार्क के पास रखा 400केवीए का ट्रांसफार्मर चोरी होने की रिपोर्ट जेई ने दी है। जेई ने इस बाबत सिविल लाइंस थाने पर 6 फरवरी को FIR भी दर्ज करा दी है। दैनिक NEWS4SOCIALने इस बारे में इंस्पेक्टर सिविल लाइंस मनीष सक्सेना से पूछा तो उन्होंने बताया कि अभी ट्रांसफार्मर चोरी की कोई रिपोर्ट नहीं लिखी गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

इतने दिन क्यों दबाए रखी विभाग ने चोरी की घटना ? ट्रांसफार्मर और तार चोरी जैसी घटनाएं बड़ी घटनाएं मानी जाती हैं। इसलिए इन घटनाओं को पुलिस भी गंभीरता से लेती है। लेकिन ट्रांसफार्मर चोरी की इस घटना को विभाग ही करीब 23 दिन तक दबाए बैठा रहा। 13 जनवरी की चोरी की सूचना 6 फरवरी को पुलिस को दी गई। इस देरी के पीछे आखिर बिजली अधिकारियों की क्या मजबूरी थी ?

कहीं इस चोरी के पीछे 2007 का अमरोहा जैसा खेल तो नहीं ? 2007 में अमरोहा में ट्रांसफार्मर चोरी का एक बड़ा खेल पकड़ा गया था। ट्रांसफार्मर चोरी के पीछे विभाग के ही अधिकारियों का गिरोह काम कर रहा था। ट्रांसफार्मरों को अमरोहा की कॉटन वेस्ट इंडस्ट्री को बेचने के बाद विभाग के अधिकारी उनकी चोरी की रिपोर्ट लिखा देते थे। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद नियमों के मुताबिक विभागीय स्टोर से नया ट्रांसफार्मर संबंधित डिवीजन को मिल जाता है। मामला तब पकड़ा गया था जब अमरोहा में ट्रांसफार्मर, ट्रांसफार्मर के तेल और तार की चोरी की 100 से ज्यादा FIR अलग-अलग थानों में कुछ ही महीनों में दर्ज हुईं।

क्या CCTV फुटेज डिलीट होने का वेट किया गया ?

मुरादाबाद में ट्रांसफार्मर चोरी की ताजा घटना में भी बिजली विभाग के अधिकारी सवालों के घेरे में हैं। 13 जनवरी की घटना की सूचना पुलिस को 6 फरवरी को देने से सवाल ये भी उठ रहा है कि क्या विभाग के अधिकारी CCTV फुटेज के डिलीट होने का वेट कर रहे थे। क्योंकि अगर समय से पुलिस को इस चोरी की सूचना मिलती और पुलिस जांच करती तो CCTV फुटेज से सब साफ हो जाता कि ट्रांसफार्मर को कब और किसने गायब किया है?

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