मुरादाबाद में मस्जिदें पढ़ा रहीं ट्रैफिक रूल्स का पाठ: SSP ने लांच किया है मिशन रोड सेफ्टी, एक्सीडेंटल डेथ को आधा करने की मुहिम – Moradabad News

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मुरादाबाद में मस्जिदें पढ़ा रहीं ट्रैफिक रूल्स का पाठ:  SSP ने लांच किया है मिशन रोड सेफ्टी, एक्सीडेंटल डेथ को आधा करने की मुहिम – Moradabad News

मुरादाबाद में मस्जिदें पढ़ा रहीं ट्रैफिक रूल्स का पाठ: SSP ने लांच किया है मिशन रोड सेफ्टी, एक्सीडेंटल डेथ को आधा करने की मुहिम – Moradabad News

मुरादाबाद की मस्जिदों में लोगों को ट्रैफिक रूल्स के प्रति जागरूक करते मौलाना।

मुरादाबाद की मस्जिदों और मदरसों से इन दिनों ट्रैफिक रूल्स का पाठ पढ़ाया जा रहा है। नमाज के बाद इसके बारे में ऐलान भी हो रहे हैं। मस्जिदों पर सेल्फी स्टैंड भी लगे हैं, जिन पर लिखा है- ‘मैं यातायात नियमों का पालन करने की शपथ लेता हूं।’ मौलाना नसीहतें भ

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मुरादाबाद जिले की मस्जिदों से लगातार ऐलान हो रहे हैं कि, कोई भी व्यक्ति हेलमेट पहने बगैर दुपहिया वाहन न चलाए, नाबालिग को हरगिज वाहन न दें और ट्रिपल राइडिंग हरगिज न करें। इसके साथ ही कार में बैठते वक्त सील्ट बेल्ट लगाने और रान्ग साइड वाहन न चलाने की नसीहतें भी मुरादाबाद की मस्जिदों से दी जा रही हैं।

दरअसल इस मुहिम के पीछे मुरादाबाद के SSP सतपाल अंतिल हैं। एसएसपी अंतिल ने प्रदेश में योगी सरकार के 8 वर्ष पूरे हाेने पर मनाए जा रहे ‘सुशासन के 8 वर्ष’ कार्यक्रम में ‘मिशन रोड सेफ्टी’ अभियान को लान्च किया था। इस अभियान का मकसद एक्सीडेंट में होने वाली मौतों का आधा करना है।

मस्जिदों से यातायात नियमों का पालन करने की नसीहतें देते हुए मौलाना।

एसएसपी बताते हैं, मुरादाबाद में वर्ष 2021 में 257, 2022 में 328, 2023 में 311 और वर्ष 2024 में 291 लोगों की जान सड़क दुर्घटनाओं में चली गई। ये आंकड़ा मर्डर में मर्डर में मरने वालों से करीब 10 गुना अधिक है। एसएसपी कहते हैं- सुशासन के 8 वर्ष पूरे होने पर हमने ये संकल्प लिया है कि हम एक्सीडेंट में होने वाली इन मौतों को 50 फीसदी तक कम करेंगे।

इस तरह के सेल्फी स्टैंड पूरे जिले में थाने, चौकी और पुलिस आफिसों के साथ प्रमुख स्थानों पर रखवाए गए हैं।

एक व्यक्ति के जाने से उसकी पूरी फैमिली प्रभावित होती है। इसलिए हम दुर्घटनाओं की वजहों को रिमूव करने के साथ-साथ पब्लिक को जागरूक करने के लिए भी अपने स्तर पर हर संभव कोशिश कर रहे हैं। ताकि लोग यातायात नियमों का पालन करें और एक्सीडेंट की संख्या कम हो सके।

2 महीने की स्टडी में पुलिस ने चिन्हित किए 400 प्वाइंट्स

SSP सतपाल अंतिल बताते हैं- हमने इस अभियान को लांच करने से पहले लगातार मीटिंग्स की हैं। हर थाने पर एक उपनिरीक्षक के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाकर दुर्घटना वाले प्वाइंट्स को स्टडी कराया है। दुर्घटना की वजहों को चिन्हित किया है। करीब 2 महीने की मशक्कत के बाद हमने 400 ऐसे प्वाइंट्स चिन्हित किए हैं, जहां काम करने की जरूरत है।

एसएसपी सतपाल अंतिल ने मिशन रोड सेफ्टी के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

कहीं इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड करने की जरूरत है। कहीं सड़क बननी है, कहीं डार्क स्पोट्स हैं तो कहीं T प्वाइंट्स पर अतिक्रमण दुर्घटनाओं की वजह बन रहे हैं। दुर्घटना की इन सभी वजहों को दूर करने के लिए संबंधित विभागों के साथ मिलकर काम शुरू कर दिया गया है। जिन जगहों पर रिफलेक्टर लगने हैं वहां रिफलेक्टर लगाए जा रहे हैं।

एसएसपी ने बताया कि, ये अभियान 3 महीने चलेगा। पहले 3 सप्ताह में हम सभी विभागों, जनप्रतिनिधियों, स्कूल कॉलेज, धर्म गुरुओं और सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से जन जागरुकता अभियान चलाएंगे। ताकि लोग दुपहिया वाहन पर हेलमेट जरूर लगाएं। कार में सीट बेल्ट पहनें और यातायात नियमों का पालन करें। इसके बाद के 2 महीने में दुर्घटना के कारणों को दूर किया जाएगा।

मर्डर-लूट की तरह संजीदगी से होगी एक्सीडेंट की विवेचना

SSP कहते हैं- हम इस अभियान को धरातल पर गंभीरता से एग्जीक्यूट करने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रहे हैं। सभी थाना्र प्रभारियों को निर्देश दिए गए हैं कि एक्सीडेट की इंवेस्टीगेशन उसी गंभीरता के साथ की जाए, जिस गंभीरता से पुलिस मर्डर और लूट जैसी घटनाओं की विवेचना करती है। एक्सीडेंट के बाद पुलिस का काम सिर्फ पंचनामा भरकर डेडबॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाने तक सीमित नहीं होगा। बल्कि घटनास्थाल पर पहुंचकर थाना प्रभारी और सीनियर पुलिस अधिकारी दुर्घटना की वजहों को भी तलाश करेंगे। दुर्घटना की वजह को रिमूव कर ये सुनिश्चित करेंगे कि उस जगह पर दोबारा एक्सीडेंट न हो।

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