मुख्तार अंसारी का राजनीतिक करियर: झांसी जेल से मऊ विधानसभा चुनाव जीतने का वो किस्सा | Mukhtar Ansari Story Winning Mau Assembly Election from Jhansi Jail | News 4 Social h3>
2007 विधानसभा चुनाव 2007 में, मुख्तार अंसारी ने गाजीपुर की मऊ विधानसभा से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। उन्हें समाजवादी पार्टी का समर्थन प्राप्त था। उस समय, वह भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के आरोप में गाजीपुर जेल में बंद थे।
चुनाव प्रभावित करने की आशंका चुनाव के दौरान प्रशासन को आशंका थी कि वह गाजीपुर जेल में रहते हुए मतदान को प्रभावित कर सकता है। इस पर, 29 अप्रैल 2007 को उन्हें गाजीपुर से झांसी जिला कारागार में स्थानांतरित कर दिया गया था।
झांसी जेल में 11 दिन मुख्तार अंसारी 9 मई 2007 तक झांसी जेल में रहे। इन 11 दिनों के दौरान, जेल की सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए गए थे। पुलिस की खुफिया शाखा भी लगातार सक्रिय रही थी।
मुख्तार से मिलने वालों का तांता इन 11 दिनों में, मुख्तार से मिलने वालों की संख्या में कोई कमी नहीं आई थी। ज्यादातर लोग गाजीपुर और अन्य जिलों से आते थे। सियासत में ऊंचा रसूख होने के कारण, जेल में उनकी सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा गया था।
चुनाव में जीत मुख्तार अंसारी 7,000 वोटों के अंतर से चुनाव जीतने में कामयाब रहे। उन्होंने बसपा उम्मीदवार को हराया, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहा। झांसी में फिर कभी नहीं लौटे
चुनाव जीतने के बाद मुख्तार अंसारी झांसी जेल से वापस गाजीपुर भेज दिए गए। इसके बाद वह फिर कभी झांसी नहीं लौटे। वहीं, वरिष्ठ जेल अधीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि मुख्तार झांसी जेल में 11 दिनों तक निरंतर रहे थे। उन्हें उसके बाद वापस गाजीपुर भेज दिया गया था।
2007 विधानसभा चुनाव 2007 में, मुख्तार अंसारी ने गाजीपुर की मऊ विधानसभा से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। उन्हें समाजवादी पार्टी का समर्थन प्राप्त था। उस समय, वह भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के आरोप में गाजीपुर जेल में बंद थे।
चुनाव प्रभावित करने की आशंका चुनाव के दौरान प्रशासन को आशंका थी कि वह गाजीपुर जेल में रहते हुए मतदान को प्रभावित कर सकता है। इस पर, 29 अप्रैल 2007 को उन्हें गाजीपुर से झांसी जिला कारागार में स्थानांतरित कर दिया गया था।
झांसी जेल में 11 दिन मुख्तार अंसारी 9 मई 2007 तक झांसी जेल में रहे। इन 11 दिनों के दौरान, जेल की सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए गए थे। पुलिस की खुफिया शाखा भी लगातार सक्रिय रही थी।
मुख्तार से मिलने वालों का तांता इन 11 दिनों में, मुख्तार से मिलने वालों की संख्या में कोई कमी नहीं आई थी। ज्यादातर लोग गाजीपुर और अन्य जिलों से आते थे। सियासत में ऊंचा रसूख होने के कारण, जेल में उनकी सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा गया था।
चुनाव में जीत मुख्तार अंसारी 7,000 वोटों के अंतर से चुनाव जीतने में कामयाब रहे। उन्होंने बसपा उम्मीदवार को हराया, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहा। झांसी में फिर कभी नहीं लौटे
चुनाव जीतने के बाद मुख्तार अंसारी झांसी जेल से वापस गाजीपुर भेज दिए गए। इसके बाद वह फिर कभी झांसी नहीं लौटे। वहीं, वरिष्ठ जेल अधीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि मुख्तार झांसी जेल में 11 दिनों तक निरंतर रहे थे। उन्हें उसके बाद वापस गाजीपुर भेज दिया गया था।