मिशन 2023: नई भूमिका में नजर आएगी कांग्रेस सेवादल, लगातार हार रही सीटों पर मिलेगा जिताने का टास्क | Congress Seva Dal has the responsibility of winning the losing seats | Patrika News h3>
-25 सीटों पर प्रचार और चुनाव प्रबंधन का जिम्मा संभालेगी कांग्रेस, 52 सीटें ऐसी जहां लगातार तीन बार से चुनाव हार रही है कांग्रेस, 2018 में 20 सीटों पर सेवादल को मिला था चुनाव प्रबंधन का टास्क
जयपुर
Published: April 18, 2022 10:32:04 am
जयपुर। कांग्रेस के सबसे अनुशासित संगठन के रूप में मशहूर कांग्रेस सेवादल का लगातार नया रूप देखने को मिल रहा है। केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में जहां कांग्रेस सेवादल ने पूरे प्रदेश में किसान संघर्ष यात्रा निकाली थी तो अब कांग्रेस सेवादल को साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तैयार किया जा रहा है।
congress sevadal
साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सेवादल नई भूमिका में नजर आएगी। उच्च स्तर पर चल रही चर्चाओं के मुताबिक कांग्रेस सेवादल विधानसभा चुनाव में बड़ी भूमिका में नजर आएगी, जहां कांग्रेस सेवादल को विधानसभा चुनाव में जीत दिलाने का टास्क दिया जाएगा।
लगातार हार रही सीटों पर मिलेगा जीत दिलाने का टास्क
विश्वस्त सूत्रों की माने तो विधानसभा चुनाव से तकरीबन 6 माह पहले कांग्रेस सेवादल के कार्यकर्ताओं को उन विधानसभा सीटों पर जीत दिलाने का टास्क दिया जाएगा जहां पर पार्टी को लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है।
बताया जा रहा है कि कांग्रेस सेवादल के कार्यकर्ताओं को 25- 25 कार्यकर्ताओं की टीम बनाकर इन विधानसभा सीटों पर भेजा जाएगा और 90 दिनों तक उन विधानसभा क्षेत्र में रहकर ही कांग्रेस सेवादल के कार्यकर्ता घर घर जाएंगे और जनता से कांग्रेस के पक्ष में मतदान की अपील करेंगे। साथ ही गांव-ढाणियों में भी गहलोत सरकार के कामकाज की जानकारी जनता को देंगे। हालांकि प्रदेश में 52 सीटें ऐसी हैं जहां कांग्रेस को लगातार तीन बार से हार का सामना करना पड़ रहा है। इन 52 सीटों में से 25 सीटों का टास्क सेवादल को दिया जाएगा।
कार्यकर्ताओं की राय से तय होंगे इन सीटों पर प्रत्याशी
बताया जा रहा है कि जिन सीटों का जिम्मा कांग्रेस सेवादल को दिया जाएगा, उन सीटों पर कांग्रेस सेवादल के कार्यकर्ता प्रत्याशियों को लेकर भी आमजन और कांग्रेस कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेंगे। कौनसा प्रत्याशी जिताऊ रहेगा, इसकी रिपोर्ट भी प्रदेश कांग्रेस को सौंपेंगे। चर्चा यह भी है कि कांग्रेस सेवादल कार्यकर्ताओं की रिपोर्ट के आधार पर ही प्रत्याशियों का भी इन सीटों पर चयन होगा।
2018 के विधानसभा चुनाव में मिला था 20 सीटों पर टास्क
इससे पहले 2018 में विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस सेवा दल को एआईसीसी की ओर से उन 20 सीटों का टास्क मिला था जहां पार्टी को लगातार तीन बार से हार का सामना करना पड़ रहा था 20 मई से कांग्रेस सेवा दल ने 11 सीटों पर जीत दिलाई थी।
जयपुर कांग्रेस के सबसे अनुशासन संगठन के रूप में माने जाने वाले कांग्रेस सेवादल कोलकाता नया रूप देखने को मिल रहा है केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में जहां कांग्रेस सेवा दल ने पूरे प्रदेश में किसान संघर्ष यात्रा निकाली थी तो अब कांग्रेस सेवादल को साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तैयार किया जा रहा है।
साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सेवादल नई भूमिका में नजर आएगी उच्च स्तर पर चल मंथन के मुताबिक कांग्रेस सेवा दल विधानसभा चुनाव में बड़ी भूमिका में नजर आएगी, जहां कांग्रेस सेवा दल को विधानसभा चुनाव में जीत दिलाने का टास्क दिया जाएगा।
सेवादल को जिम्मेदारी की एक वजह यह भी
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के अन्य अग्रिम संगठनों युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस और एनएसयूआई की बजाए कांग्रेस सेवादल को हारी हुई सीटों को जिताने का टास्क दिए जाने के पीछे एक वजह यह भी है कि चूंकि कांग्रेस सेवा दल को बेहद अनुशासित संगठन माना जाता है। ग्रामीण जनता के बीच कांग्रेस सेवादल की छवि भी बेहद अच्छी मानी जाती है, यही वजह है कि कांग्रेस सेवा दल को इस काम के लिए चुना जा रहा है।
इन 52 सीटों पर मिल रही कांग्रेस को लगातार तीन बार से हार
जिन 52 सीटों पर राजस्थान कांग्रेस को लगातार तीन बार से हार मिल रही है उनमें श्रीगंगानगर, अनूपगढ़, भादरा, बीकानेर पूर्व, रतनगढ़, उदयपुरवाटी, खंडेला, शाहपुरा, फुलेरा, विद्याधर नगर, मालवीय नगर, सांगानेर, बस्सी, किशनगढ़ बास, बहरोड, थानागाजी, अलवर शहर, नगर, नदबई, धौलपुर, महवा, गंगापुर, मालपुरा, अजमेर नॉर्थ, अजमेर साउथ, ब्यावर, नागौर, खींवसर, मेड़ता, जैतारण, सोजत, पाली, मारवाड़ जंक्शन, बाली, भोपालगढ़, सूरसागर, सिवाना, भीनमाल, सिरोही, रेवदर, उदयपुर, घाटोल, कुशलगढ़, राजसमंद, आसींद, भीलवाड़ा, बूंदी, कोटा साउथ, लाडपुरा, रामगंज मंडी, झालरापाटन और खानपुर है।
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-25 सीटों पर प्रचार और चुनाव प्रबंधन का जिम्मा संभालेगी कांग्रेस, 52 सीटें ऐसी जहां लगातार तीन बार से चुनाव हार रही है कांग्रेस, 2018 में 20 सीटों पर सेवादल को मिला था चुनाव प्रबंधन का टास्क
जयपुर
Published: April 18, 2022 10:32:04 am
जयपुर। कांग्रेस के सबसे अनुशासित संगठन के रूप में मशहूर कांग्रेस सेवादल का लगातार नया रूप देखने को मिल रहा है। केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में जहां कांग्रेस सेवादल ने पूरे प्रदेश में किसान संघर्ष यात्रा निकाली थी तो अब कांग्रेस सेवादल को साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तैयार किया जा रहा है।
congress sevadal
साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सेवादल नई भूमिका में नजर आएगी। उच्च स्तर पर चल रही चर्चाओं के मुताबिक कांग्रेस सेवादल विधानसभा चुनाव में बड़ी भूमिका में नजर आएगी, जहां कांग्रेस सेवादल को विधानसभा चुनाव में जीत दिलाने का टास्क दिया जाएगा।
लगातार हार रही सीटों पर मिलेगा जीत दिलाने का टास्क
विश्वस्त सूत्रों की माने तो विधानसभा चुनाव से तकरीबन 6 माह पहले कांग्रेस सेवादल के कार्यकर्ताओं को उन विधानसभा सीटों पर जीत दिलाने का टास्क दिया जाएगा जहां पर पार्टी को लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है।
बताया जा रहा है कि कांग्रेस सेवादल के कार्यकर्ताओं को 25- 25 कार्यकर्ताओं की टीम बनाकर इन विधानसभा सीटों पर भेजा जाएगा और 90 दिनों तक उन विधानसभा क्षेत्र में रहकर ही कांग्रेस सेवादल के कार्यकर्ता घर घर जाएंगे और जनता से कांग्रेस के पक्ष में मतदान की अपील करेंगे। साथ ही गांव-ढाणियों में भी गहलोत सरकार के कामकाज की जानकारी जनता को देंगे। हालांकि प्रदेश में 52 सीटें ऐसी हैं जहां कांग्रेस को लगातार तीन बार से हार का सामना करना पड़ रहा है। इन 52 सीटों में से 25 सीटों का टास्क सेवादल को दिया जाएगा।
कार्यकर्ताओं की राय से तय होंगे इन सीटों पर प्रत्याशी
बताया जा रहा है कि जिन सीटों का जिम्मा कांग्रेस सेवादल को दिया जाएगा, उन सीटों पर कांग्रेस सेवादल के कार्यकर्ता प्रत्याशियों को लेकर भी आमजन और कांग्रेस कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेंगे। कौनसा प्रत्याशी जिताऊ रहेगा, इसकी रिपोर्ट भी प्रदेश कांग्रेस को सौंपेंगे। चर्चा यह भी है कि कांग्रेस सेवादल कार्यकर्ताओं की रिपोर्ट के आधार पर ही प्रत्याशियों का भी इन सीटों पर चयन होगा।
2018 के विधानसभा चुनाव में मिला था 20 सीटों पर टास्क
इससे पहले 2018 में विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस सेवा दल को एआईसीसी की ओर से उन 20 सीटों का टास्क मिला था जहां पार्टी को लगातार तीन बार से हार का सामना करना पड़ रहा था 20 मई से कांग्रेस सेवा दल ने 11 सीटों पर जीत दिलाई थी।
जयपुर कांग्रेस के सबसे अनुशासन संगठन के रूप में माने जाने वाले कांग्रेस सेवादल कोलकाता नया रूप देखने को मिल रहा है केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में जहां कांग्रेस सेवा दल ने पूरे प्रदेश में किसान संघर्ष यात्रा निकाली थी तो अब कांग्रेस सेवादल को साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तैयार किया जा रहा है।
साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सेवादल नई भूमिका में नजर आएगी उच्च स्तर पर चल मंथन के मुताबिक कांग्रेस सेवा दल विधानसभा चुनाव में बड़ी भूमिका में नजर आएगी, जहां कांग्रेस सेवा दल को विधानसभा चुनाव में जीत दिलाने का टास्क दिया जाएगा।
सेवादल को जिम्मेदारी की एक वजह यह भी
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के अन्य अग्रिम संगठनों युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस और एनएसयूआई की बजाए कांग्रेस सेवादल को हारी हुई सीटों को जिताने का टास्क दिए जाने के पीछे एक वजह यह भी है कि चूंकि कांग्रेस सेवा दल को बेहद अनुशासित संगठन माना जाता है। ग्रामीण जनता के बीच कांग्रेस सेवादल की छवि भी बेहद अच्छी मानी जाती है, यही वजह है कि कांग्रेस सेवा दल को इस काम के लिए चुना जा रहा है।
इन 52 सीटों पर मिल रही कांग्रेस को लगातार तीन बार से हार
जिन 52 सीटों पर राजस्थान कांग्रेस को लगातार तीन बार से हार मिल रही है उनमें श्रीगंगानगर, अनूपगढ़, भादरा, बीकानेर पूर्व, रतनगढ़, उदयपुरवाटी, खंडेला, शाहपुरा, फुलेरा, विद्याधर नगर, मालवीय नगर, सांगानेर, बस्सी, किशनगढ़ बास, बहरोड, थानागाजी, अलवर शहर, नगर, नदबई, धौलपुर, महवा, गंगापुर, मालपुरा, अजमेर नॉर्थ, अजमेर साउथ, ब्यावर, नागौर, खींवसर, मेड़ता, जैतारण, सोजत, पाली, मारवाड़ जंक्शन, बाली, भोपालगढ़, सूरसागर, सिवाना, भीनमाल, सिरोही, रेवदर, उदयपुर, घाटोल, कुशलगढ़, राजसमंद, आसींद, भीलवाड़ा, बूंदी, कोटा साउथ, लाडपुरा, रामगंज मंडी, झालरापाटन और खानपुर है।
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