मिल क्षेत्र, लालबाग जैसे इलाकों में सुकून: जहां सीमेंट-कांक्रीट, वहां तापमान 1 से 2 डिग्री ज्यादा, वजह- 5 साल में डेढ़ लाख पेड़ काट दिए – Indore News

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मिल क्षेत्र, लालबाग जैसे इलाकों में सुकून:  जहां सीमेंट-कांक्रीट, वहां तापमान 1 से 2 डिग्री ज्यादा, वजह- 5 साल में डेढ़ लाख पेड़ काट दिए – Indore News

मिल क्षेत्र, लालबाग जैसे इलाकों में सुकून: जहां सीमेंट-कांक्रीट, वहां तापमान 1 से 2 डिग्री ज्यादा, वजह- 5 साल में डेढ़ लाख पेड़ काट दिए – Indore News

गर्मी के 73 साल पर आईआईटी की स्टडी सही साबित हो रही है। स्टडी में चेताया था कि इंदौर में बढ़ते सीमेंट-कांक्रीट और घटती हरियाली से तापमान 39 से 40 डिग्री बना रहेगा। शहर में अलग-अलग क्षेत्रों में रविवार को रिकॉर्ड तापमान से भी यह साबित होता है। जिन इलाक

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एयरपोर्ट, रीगल और एग्रीकल्चर कॉलेज स्थित केंद्रों में आंकड़ों में 1-2 डिग्री तक का अंतर आ रहा है। पर्यावरणविद् डॉ. सुधींद्र मोहन शर्मा के मुताबिक शहर का जिस तरह से विस्तार हो रहा है, उसे देखते हुए शहर की चारों दिशाओं में मौसम केंद्र को सिस्टम स्थापित करना चाहिए। भंवरकुआं, विजय नगर क्षेत्र में भी वैधशाला स्थापित करनी चाहिए।

इन इलाकों में राहत, क्योंकि यहां हरियाली पर्याप्त है

कस्तूरबा ग्राम रोड, यशवंत क्लब के सामने, राजकुमार ब्रिज से मिल क्षेत्र तरफ जाने वाली रोड, लालबाग रोड, माणिकबाग से राजीव प्रतिमा तक हरियाली मौजूद है। इन क्षेत्रों में रविवार को तापमान औसत 39 डिग्री तक दर्ज हुआ है।

ये क्षेत्र ज्यादा तप रहे, क्योंकि हरियाली कम है

मध्य शहर, विजय नगर, रिंग रोड पर मूसाखेड़ी से आईटी पार्क की ओर, भंवरकुआं, एयरपोर्ट रोड पर कालानी नगर क्षेत्र, चंदन नगर, फूटीकोठी, महू नाका इलाका, लाबरिया भेरू से गंगवाल तक तापमान 40 डिग्री तक दर्ज हुआ।

यह थी आईआईटी की स्टडी… 2024 से तापमान बढ़ना शुरू होगा

09% ग्रीन बेल्ट है फिलहाल इंदौर में

2-4 दिन हीट वेव चलती है आमतौर पर

आईआईटी ने 1950 से 2023 तक के आंकड़ों का विश्लेषण किया था। निष्कर्ष यह निकला था कि 2024 से तापमान में इजाफा और हीट वेव के दिनों की संख्या बढ़ना शुरू हो जाएगी। इस बार भी ऐसा ही हो रहा। अप्रैल में तापमान लगातार 39 से 40 डिग्री के बीच बना रहा। आशंका यह भी है कि मई में तापमान 44 डिग्री के करीब तक पहुंच जाएगा।

सड़कों ​के लिए सबसे ज्यादा पेड़ कटे 5 साल में सड़क चौड़ीकरण, ब्रिज, बीआरटीएस, फीडर सड़कों के नाम पर डेढ़ लाख पेड़ कटे हैं। यह आंकड़ा इंदौर सिटी का है। महू, मानपुर और चोरल में जहां जंगल है, वहां बिजली, रेल, पानी की लाइन के लिए भी 1 लाख के करीब पेड़ कट चुके हैं। इससे भी तापमान बढ़ गया है। इंदौर में ग्रीन बेल्ट का प्रतिशत 9 है, लेकिन यह कागजी है। वर्ष 2000 तक इंदौर की हर सड़क हरियाली से लदी हुई थी। महूनाका से अन्नपूर्णा, महूनाका से फूटीकोठी, लसूड़िया से राजीव प्रतिमा तक के 11 किमी हिस्से में आसमान छूते पीपल, नीम और बरगद के पेड़ थे, जो अब नहीं हैं।

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