मां बोली- मेरे दोनों बेटों, पोते को खा गया: 25 साल से मुझसे प्रधानी नहीं जीत पा रहा था; फतेहपुर हत्याकांड में ग्राम प्रधान का दर्द – Fatehpur News h3>
राम चंद्र सैनी | फतेहपुर37 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
‘सुरेश सिंह मेरे दो बेटे और एक पोते को खा गया। 25 साल पहले जब मैं प्रधान बनी थी, तभी से सुरेश सिंह रंजिश रख रहा था। इसको लेकर कई बार लड़ाई भी हुई। प्रधानी मेरा बेटा पप्पू सिंह ही चलाता था। सुरेश हर एक काम में रुकावट बनता था।
गांव के लोग भी हम लोगों को पसंद करते थे। वो लोग झगड़ालू किस्म के हैं। गांव के लोगों के साथ भी उनका आए दिन झगड़ा होता रहता है। मेरे घर पर अब कोई आदमी नहीं बचा। मैं, मेरी एक बहू और दो छोटे बच्चे बचे हैं। पूरे घर को खत्म कर दिया।’
यह कहते-कहते 70 साल की राम दुलारी रोने लगती हैं। राम दुलारी फतेहपुर के अखरी गांव की प्रधान हैं। उनके दो बेटों और एक पोते की 8 अप्रैल को हत्या कर दी गई। वारदात के बाद दैनिक NEWS4SOCIALकी टीम फतेहपुर से 60 किमी दूर अखरी गांव पहुंची। यहां की आबादी 1200 है। गांव में 40 फीसदी ठाकुर लोग हैं। जहां तीन हत्याएं हुईं, हम वहां पहुंचे। परिजनों के दर्द को समझा।
सबसे पहले हमारी टीम अखरी गांव पहुंची। घटना के बाद गांव में तनाव को देखते हुए प्रतापगढ़, कौशांबी, हमीरपुर सहित 4 प्लाटून पीएसी के साथ एक मजिस्ट्रेट, 4 डीएसपी, 6 थानों की पुलिस समेत 100 पुलिसकर्मी तैनात हैं। पढ़िए पूरी रिपोर्ट…
यह मृतक पप्पू सिंह का घर है। यहां लोगों की भीड़ लगी है।
घटनास्थल पर सड़क के किनारे खून ही खून फैला पड़ा था। यहां से आधा किलोमीटर दूर हम मृतकों के घर पहुंचे। यहां ग्राम प्रधान राम दुलारी, उनकी दो बेटियां सुनीता सिंह, सोनी सिंह और मृतक पिंकू की पत्नी मनीषा सिंह 6 महीने के बेटे को गोद में लिए रोती-बिलखती दिखीं। पास में ही बैठा 8 साल का बेटा सूर्य मां को चुप कराने के दौरान खुद बी रोने लगता था।
हमने लोगों से बात करने की कोशिश की, लेकिन कोई इस हालत में ही नहीं था। करीब आधे घंटे तक इंतजार करने के बाद मृतक पप्पू सिंह की मां राम दुलारी बात करने के लिए तैयार हुईं।
मां बोली- 25 साल से चल रही थी रंजिश मां राम दुलारी कहती हैं- जब मैं ग्राम प्रधान बनी, तब से सुरेश सिंह से चुनावी रंजिश चल रही थी। सुरेश ने कई बार मेरे बेटे को घेरकर मार डालने की कोशिश की। 25 साल पहले सुरेश सिंह प्रधान था। उसके बाद वह हार गया। तभी से झगड़ा चल रहा था।
सुरेश सिंह मेरे बेटों को खा गया मैं चाहती हूं कि वह कभी अब इस गांव में न आए। उसके घर को गिरा दिया जाए। खेतों में आग लगा दी जाए। मेरे पूरे घर को बर्बाद कर दिया। अब मेरे घर में कोई आदमी नहीं बचा है। केवल एक बहू और दो छोटे बच्चे बचे हैं। अब हम लोग क्या करेंगे। सुरेश सिंह मेरे बेटों को खा गया।
यह मृतक पप्पू सिंह की मां राम दुलारी है। उन्होंने कहा- मेरे यहां कोई नहीं बचा।
बहन बोली- अब मेरी बूढ़ी मां क्या करेगी इसके बाद हमने मृतक पप्पू की बहन सोनी सिंह से बात की। सोनी ने बताया- मेरे दोनों भाइयों को मार डाला गया। अब मेरी बूढ़ी मां अब क्या करेंगी। घर कोई नहीं बचा। दो छोटे-छोटे बच्चे हैं। उनका क्या होगा। भाभी का रो-रोकर बुरा हाल है।
जिस तरह से मेरे दो भाई और एक भतीजे की गोली मारकर हत्या की गई है। उसी तरह हत्यारों को फांसी दी जाए। उनके घर को बुलडोजर से गिरा दिया जाए। सुरेश सिंह तो यहीं चाहता था। वह कई बार इस तरह की कोशिश कर चुका था।
मेरी मां 25 साल से प्रधान है। वह जीत नहीं पा रहा था। मेरे परिवार में एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने के साथ सुरक्षा भी दी जाए, क्योंकि हम लोगों को अभी खतरा बना है।
बहन सोनी ने रोते हुए कहती है- मेरे भाई के हत्यारों को फांसी हो।
पत्नी बार-बार बेहोश हो रही, घर वालों की हालत खराब इसके बाद हमने मृतक पिंकू की पत्नी मनीषा सिंह से बात करने कोशिश की। लेकिन, वह बात करने की हालत में नहीं थी। उनकी गोद में एक 6 महीने का बच्चा था। वह बार-बार बेहोश हो जा रही थी। ननद सोनी सिंह उनको संभाले हुए थी। घर पर रिश्तेदारों की भीड़ थी। हर कोई घर वालों को समझाने की कोशिश कर रहा था। लेकिन, घर वालों की हालत खराब थी। विधायक उषा मौर्य भी घर पर मौजूद थीं। वह भी परिजनों को समझा रही थीं।
मां राम दुलारी का रो-रोकर बुरा हाल है। रिश्तेदार उनको ढांढस बंधा रहे हैं।
आरोपियों के घर पर ताला पड़ा इसके बाद हम आरोपी सुरेश सिंह के घर पहुंचे। मृतक के घर से आरोपियों का घर आधा किलोमीटर की दूरी है। जब हम आरोपियों के घर पहुंचे, तो वहां कोई नहीं था। गेट पर ताला लगा था। घर के आस-पास बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात था। गांव के लोग सुरेश सिंह के खिलाफ धरना दे रहे हैं।
आरोपी सुरेश सिंह के घर पर कोई नहीं था। गेट पर ताला लगा हुआ था।
3 आरोपी गिरफ्तार एडीजी भानु NEWS4SOCIALने कहा- इस मामले में सुरेश, उसके बेटों पीयूष सिंह और भूपेंद्र, सज्जन और विवेक पर हत्या का आरोप लगाया गया है। पुलिस ने सुरेश, पीयूष और भूपेंद्र को गिरफ्तार कर लिया है। 3 लोग फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। मामले में अभी जांच जारी है। जो भी तथ्य आगे निकल कर सामने आएंगे, उसी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
गांव की गलियों में सन्नाटा है। केवल पुलिस की गाड़ियां नजर आ रही है।
अब पढ़िए क्या था पूरा मामला… मंगलवार सुबह करीब 9 बजे की बात है। अखरी गांव के पूर्व प्रधान सुरेश कुमार उर्फ मुन्नू सिंह अपनी बाइक लेकर जा रहे थे। रास्ते में पप्पू सिंह का ट्रैक्टर खड़ा था। उन्होंने रास्ते से ट्रैक्टर हटाने को कहा, लेकिन पप्पू सिंह ने मना कर दिया।
कहा- नहीं हटाएंगे। इस बात पर दोनों की बहस शुरू हो गई। फिर हाथापाई हुई। गाली-गलौज और आवाज सुनकर सुरेश सिंह के परिवार के लोग हथियार लेकर पहुंच गए। पप्पू सिंह के बेटे और भाई भी मौके पर पहुंच गए।
खेत में कुछ इस तरह से बाप-बेटे और भाई की लाशें मिलीं।
पहले दोनों पक्षों में जमकर लात-घूसे चले। इसी बीच सुरेश सिंह के घरवालों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। तीनों ने भागने की कोशिश की, लेकिन आरोपियों ने उन्हें गोलियों से भून दिया। करीब 20-25 राउंड फायरिंग हुई। इससे पूरे गांव दहशत फैल गई। लोग जब तक मौके पर पहुंचे आरोपी फरार हो गए थे।
दोनों परिवारों में प्रधानी चुनाव को लेकर रंजिश चल रही है। इस बार के चुनाव में सुरेश सिंह के परिवार को हराकर पप्पू सिंह की मां प्रधान चुनी गई हैं। भाकियू नेता पप्पू सिंह का अभय इकलौता बेटा था। उनकी पत्नी की 15 साल पहले मौत हो चुकी है। पिंकू सिंह खेती-किसानी करते थे।
—————————
ये खबर भी पढ़ें…
फतेहपुर में किसान नेता, बेटे और भाई की हत्या:घर के बाहर घेरकर गोलियों से भूना, रास्ते को लेकर हुआ था विवाद
फतेहपुर में भारतीय किसान यूनियन नेता, उनके बेटे और भाई की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मंगलवार सुबह बाइक को रास्ता न देने को लेकर उनकी गांव के परिवार से बहस हुई। थोड़ी देर में बहस मारपीट खून-खराबे तक पहुंच गई। पढ़ें पूरी खबर…
खबरें और भी हैं…
उत्तर प्रदेश की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Uttar Pradesh News
राम चंद्र सैनी | फतेहपुर37 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
‘सुरेश सिंह मेरे दो बेटे और एक पोते को खा गया। 25 साल पहले जब मैं प्रधान बनी थी, तभी से सुरेश सिंह रंजिश रख रहा था। इसको लेकर कई बार लड़ाई भी हुई। प्रधानी मेरा बेटा पप्पू सिंह ही चलाता था। सुरेश हर एक काम में रुकावट बनता था।
गांव के लोग भी हम लोगों को पसंद करते थे। वो लोग झगड़ालू किस्म के हैं। गांव के लोगों के साथ भी उनका आए दिन झगड़ा होता रहता है। मेरे घर पर अब कोई आदमी नहीं बचा। मैं, मेरी एक बहू और दो छोटे बच्चे बचे हैं। पूरे घर को खत्म कर दिया।’
यह कहते-कहते 70 साल की राम दुलारी रोने लगती हैं। राम दुलारी फतेहपुर के अखरी गांव की प्रधान हैं। उनके दो बेटों और एक पोते की 8 अप्रैल को हत्या कर दी गई। वारदात के बाद दैनिक NEWS4SOCIALकी टीम फतेहपुर से 60 किमी दूर अखरी गांव पहुंची। यहां की आबादी 1200 है। गांव में 40 फीसदी ठाकुर लोग हैं। जहां तीन हत्याएं हुईं, हम वहां पहुंचे। परिजनों के दर्द को समझा।
सबसे पहले हमारी टीम अखरी गांव पहुंची। घटना के बाद गांव में तनाव को देखते हुए प्रतापगढ़, कौशांबी, हमीरपुर सहित 4 प्लाटून पीएसी के साथ एक मजिस्ट्रेट, 4 डीएसपी, 6 थानों की पुलिस समेत 100 पुलिसकर्मी तैनात हैं। पढ़िए पूरी रिपोर्ट…
यह मृतक पप्पू सिंह का घर है। यहां लोगों की भीड़ लगी है।
घटनास्थल पर सड़क के किनारे खून ही खून फैला पड़ा था। यहां से आधा किलोमीटर दूर हम मृतकों के घर पहुंचे। यहां ग्राम प्रधान राम दुलारी, उनकी दो बेटियां सुनीता सिंह, सोनी सिंह और मृतक पिंकू की पत्नी मनीषा सिंह 6 महीने के बेटे को गोद में लिए रोती-बिलखती दिखीं। पास में ही बैठा 8 साल का बेटा सूर्य मां को चुप कराने के दौरान खुद बी रोने लगता था।
हमने लोगों से बात करने की कोशिश की, लेकिन कोई इस हालत में ही नहीं था। करीब आधे घंटे तक इंतजार करने के बाद मृतक पप्पू सिंह की मां राम दुलारी बात करने के लिए तैयार हुईं।
मां बोली- 25 साल से चल रही थी रंजिश मां राम दुलारी कहती हैं- जब मैं ग्राम प्रधान बनी, तब से सुरेश सिंह से चुनावी रंजिश चल रही थी। सुरेश ने कई बार मेरे बेटे को घेरकर मार डालने की कोशिश की। 25 साल पहले सुरेश सिंह प्रधान था। उसके बाद वह हार गया। तभी से झगड़ा चल रहा था।
सुरेश सिंह मेरे बेटों को खा गया मैं चाहती हूं कि वह कभी अब इस गांव में न आए। उसके घर को गिरा दिया जाए। खेतों में आग लगा दी जाए। मेरे पूरे घर को बर्बाद कर दिया। अब मेरे घर में कोई आदमी नहीं बचा है। केवल एक बहू और दो छोटे बच्चे बचे हैं। अब हम लोग क्या करेंगे। सुरेश सिंह मेरे बेटों को खा गया।
यह मृतक पप्पू सिंह की मां राम दुलारी है। उन्होंने कहा- मेरे यहां कोई नहीं बचा।
बहन बोली- अब मेरी बूढ़ी मां क्या करेगी इसके बाद हमने मृतक पप्पू की बहन सोनी सिंह से बात की। सोनी ने बताया- मेरे दोनों भाइयों को मार डाला गया। अब मेरी बूढ़ी मां अब क्या करेंगी। घर कोई नहीं बचा। दो छोटे-छोटे बच्चे हैं। उनका क्या होगा। भाभी का रो-रोकर बुरा हाल है।
जिस तरह से मेरे दो भाई और एक भतीजे की गोली मारकर हत्या की गई है। उसी तरह हत्यारों को फांसी दी जाए। उनके घर को बुलडोजर से गिरा दिया जाए। सुरेश सिंह तो यहीं चाहता था। वह कई बार इस तरह की कोशिश कर चुका था।
मेरी मां 25 साल से प्रधान है। वह जीत नहीं पा रहा था। मेरे परिवार में एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने के साथ सुरक्षा भी दी जाए, क्योंकि हम लोगों को अभी खतरा बना है।
बहन सोनी ने रोते हुए कहती है- मेरे भाई के हत्यारों को फांसी हो।
पत्नी बार-बार बेहोश हो रही, घर वालों की हालत खराब इसके बाद हमने मृतक पिंकू की पत्नी मनीषा सिंह से बात करने कोशिश की। लेकिन, वह बात करने की हालत में नहीं थी। उनकी गोद में एक 6 महीने का बच्चा था। वह बार-बार बेहोश हो जा रही थी। ननद सोनी सिंह उनको संभाले हुए थी। घर पर रिश्तेदारों की भीड़ थी। हर कोई घर वालों को समझाने की कोशिश कर रहा था। लेकिन, घर वालों की हालत खराब थी। विधायक उषा मौर्य भी घर पर मौजूद थीं। वह भी परिजनों को समझा रही थीं।
मां राम दुलारी का रो-रोकर बुरा हाल है। रिश्तेदार उनको ढांढस बंधा रहे हैं।
आरोपियों के घर पर ताला पड़ा इसके बाद हम आरोपी सुरेश सिंह के घर पहुंचे। मृतक के घर से आरोपियों का घर आधा किलोमीटर की दूरी है। जब हम आरोपियों के घर पहुंचे, तो वहां कोई नहीं था। गेट पर ताला लगा था। घर के आस-पास बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात था। गांव के लोग सुरेश सिंह के खिलाफ धरना दे रहे हैं।
आरोपी सुरेश सिंह के घर पर कोई नहीं था। गेट पर ताला लगा हुआ था।
3 आरोपी गिरफ्तार एडीजी भानु NEWS4SOCIALने कहा- इस मामले में सुरेश, उसके बेटों पीयूष सिंह और भूपेंद्र, सज्जन और विवेक पर हत्या का आरोप लगाया गया है। पुलिस ने सुरेश, पीयूष और भूपेंद्र को गिरफ्तार कर लिया है। 3 लोग फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। मामले में अभी जांच जारी है। जो भी तथ्य आगे निकल कर सामने आएंगे, उसी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
गांव की गलियों में सन्नाटा है। केवल पुलिस की गाड़ियां नजर आ रही है।
अब पढ़िए क्या था पूरा मामला… मंगलवार सुबह करीब 9 बजे की बात है। अखरी गांव के पूर्व प्रधान सुरेश कुमार उर्फ मुन्नू सिंह अपनी बाइक लेकर जा रहे थे। रास्ते में पप्पू सिंह का ट्रैक्टर खड़ा था। उन्होंने रास्ते से ट्रैक्टर हटाने को कहा, लेकिन पप्पू सिंह ने मना कर दिया।
कहा- नहीं हटाएंगे। इस बात पर दोनों की बहस शुरू हो गई। फिर हाथापाई हुई। गाली-गलौज और आवाज सुनकर सुरेश सिंह के परिवार के लोग हथियार लेकर पहुंच गए। पप्पू सिंह के बेटे और भाई भी मौके पर पहुंच गए।
खेत में कुछ इस तरह से बाप-बेटे और भाई की लाशें मिलीं।
पहले दोनों पक्षों में जमकर लात-घूसे चले। इसी बीच सुरेश सिंह के घरवालों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। तीनों ने भागने की कोशिश की, लेकिन आरोपियों ने उन्हें गोलियों से भून दिया। करीब 20-25 राउंड फायरिंग हुई। इससे पूरे गांव दहशत फैल गई। लोग जब तक मौके पर पहुंचे आरोपी फरार हो गए थे।
दोनों परिवारों में प्रधानी चुनाव को लेकर रंजिश चल रही है। इस बार के चुनाव में सुरेश सिंह के परिवार को हराकर पप्पू सिंह की मां प्रधान चुनी गई हैं। भाकियू नेता पप्पू सिंह का अभय इकलौता बेटा था। उनकी पत्नी की 15 साल पहले मौत हो चुकी है। पिंकू सिंह खेती-किसानी करते थे।
—————————
ये खबर भी पढ़ें…
फतेहपुर में किसान नेता, बेटे और भाई की हत्या:घर के बाहर घेरकर गोलियों से भूना, रास्ते को लेकर हुआ था विवाद
फतेहपुर में भारतीय किसान यूनियन नेता, उनके बेटे और भाई की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मंगलवार सुबह बाइक को रास्ता न देने को लेकर उनकी गांव के परिवार से बहस हुई। थोड़ी देर में बहस मारपीट खून-खराबे तक पहुंच गई। पढ़ें पूरी खबर…