महिला अधिकारी के एक आइडिया से बदल रही युवाओं की किस्मत, सीएम भी कर चुके हैं इस पहल की तारीफ

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महिला अधिकारी के एक आइडिया से बदल रही युवाओं की किस्मत, सीएम भी कर चुके हैं इस पहल की तारीफ

महिला अधिकारी के एक आइडिया से बदल रही युवाओं की किस्मत, सीएम भी कर चुके हैं इस पहल की तारीफ


बालाघाट: कहते हैं जहां चाह होती है वहां राह होती है। मध्यप्रदेश का बालाघाट जिला नक्सल समस्या से जूझता है। कई गांव नक्सल प्रभावित हैं। लेकिन अब इन गांवों की पहचान बदलने लगी है। नक्सल प्रभावित इन गांवों को अब युवाओं की लाइब्रेरी के रूप में पहचान मिली है। बच्चे और युवाओं में ज्ञान की अलख जगाने का काम किया है। कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के बफर जोन में वन परिक्षेत्र अधिकारी के पद पर पदस्थ सीता जमरा ने। वो खुद के खर्च से बच्चों के पढ़ने के लिए निशुल्क लाइब्रेरी चला रही हैं। उनके इस काम का तारीफ सीएम शिवराज सिंह चौहान भी कर चुके हैं।

पांच गांवों को हो रहा है फायदा

वन और वन्य प्राणियों की सुरक्षा के साथ-साथ 40 वर्षीय सीता आदिवासी गांवों को रोज़गार से जोड़ने के लिए निःशुल्क लाइब्रेरी संचालित कर रही हैं। सीता के इस नवाचार से समनापुर क्षेत्र के 5 गांवों को फायदा मिल रहा है। बेरहखार, पण्डरापानी, सराईपतेरा, परपटा और मलूमझोला के युवाओं में अब पढ़ाई को लेकर जागरुक हुए हैं।

प्रतियोगी परीक्षा की तैयारियों के लिए किताबें

प्रतियोगी परीक्षा की तैयारियों के लिए किताबें

ये लाइब्रेरी सर्वसुविधायुक्त कमरों में नहीं बल्कि वन नाकों और अनुपयोगी भवनों में संचालित हो रही है। जिसमें हर तरह की किताबें उपलब्ध हैं। हिंदी समाचार पत्र, 8वीं से लेकर 12वीं क्लास तक की किताबें। सामान्य ज्ञान की मासिक पत्रिकाएं, रेलवे, लोक सेवा आयोग और विभिन्न शासकीय और प्राइवेट प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए किताबें रखी हैं। युवाओं को रोजगार के क्षेत्र में अपडेट रखने के लिए रोजगार से जुड़ी जानकारी दी जाती हैं।

टूरिस्ट भी करते हैं तारीफ

टूरिस्ट भी करते हैं तारीफ

बाघ देखने के लिए पहुंचने वाले पर्यटक भी इस नवाचार को खूब सराहते हैं। कई पर्यटकों ने भी इस लाइब्रेरी को पुस्तकों का दान किया है। इस तरह खुले आसमान के नीचे विद्यार्थियों को पढ़ता देख सैलानियों को काफी अचरज होता है।

किताबें देने से मिलती है खुशी

किताबें देने से मिलती है खुशी

इस नवाचार को करने वाली सीता जमरा कहती हैं कि यह आदिवासी क्षेत्र हैं। यहां के युवाओं में पढ़ने की बहुत इच्छा है। उन युवाओं तक किताबें पहुंचा कर उन्हें खुशी होती है। इन पुस्तकों का लाभ लेकर युवा अपने सपनों को साकार कर सकते हैं। आज लगभग 100 से ज्यादा युवा लाइब्रेरी में आकर पढ़ाई करते हैं। यहां सेना और अन्य शासकीय विभागों के सेवानिवृत कर्मचारी युवाओं की काउंसलिग भी करतें हैं।

सीता को मिल चुके हैं कई सम्मान

सीता को मिल चुके हैं कई सम्मान

इससे पहले सीता को 2021 प्रदेशस्तर पर वन्यप्राणी संरक्षण पुरस्कार सहित कई सम्मान मिल चुके हैं। हाल ही में उन्हें जी-20 समिट में भोपाल और इंदौर में आयोजित प्रदर्शनी में कान्हा नेशनल पार्क की ओर से बैगा आभूषण और सामग्री प्रस्तुत करने का अवसर मिला था। सीता के इस नवाचार की प्रशंसा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी कर चुके हैं।
रिपोर्ट- माधुरी कटरे

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