महाराष्ट्र के बाद यूपी में लाउडस्पीकर पर सख्ती, अब मध्यप्रदेश की बारी | yogi adityanath on loudspeaker uma bharti news | Patrika News h3>
उमा ने कहा धर्म का भेदभाव किए बगैर निर्णय लेना चाहिए…।
भोपाल
Updated: April 20, 2022 12:42:44 pm
भोपाल। महाराष्ट्र के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भी लाउडस्पीकरों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण को रोकने का फैसला लिया है। मध्यप्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती ने इस फैसले की सराहना की है, वहीं स्वागतयोग्य बताया है। उमा भारती ने ऐसे ही फैसले को मध्यप्रदेश में भी लागू करने की मांग की है।
पूर्व सीएम उमा भारती ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के फैसले का स्वागत किया है। उमा भारती ने बुधवार सुबह ट्वीट के जरिए कहा है कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ जी की सरकार के द्वारा ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए लिया गया नीतिगत निर्णय अभिनंदनीय है। ज्यादा शोर-शराबे से शहर और गांव के लोगों को स्नायु तंत्र की बीमारियां बढ़ रही हैं। उमा ने लाउडस्पीकर को तय समय सीमा में बजाने के लिए मध्यप्रदेश सराकर से भी फैसला लेने की मांग की है। उमा ने इस सिलसिले में एक के बाद एक 7 ट्वीट किए हैं।
यूपी ने जारी की यह गाइडलाइन
महाराष्ट्र के बाद यूपी की योगी सरकार ने भी लाउडस्पीकर पर सख्त तेवर दिखाए हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद ध्वनि प्रदूषण पर गाइडलाइन जारी की गई है। योगी ने कहा है कि धार्मिक आजादी सबको है, लेकिन माइक की आवाज परिसर के बाहर नहीं जानी चाहिए। लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन यह सुनिश्चित हो कि आवाज परिसर से बाहर न आए। अन्य लोगों को कोई असविधा नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा योगी ने नए स्थलों पर लाउडस्पीकर नहीं लगाने की बात भी कही है। साथ ही बगैर अनुमति धार्मिक जुलूस निकालने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
कोई शोभायात्रा/धार्मिक जुलूस बिना विधिवत अनुमति के न निकाली जाए। अनुमति से पूर्व आयोजक से शांति-सौहार्द कायम रखने के संबंध में शपथ पत्र लिया जाए।
अनुमति केवल उन्हीं धार्मिक जुलूसों को दिया जाए, जो पारंपरिक हों, नए आयोजनों को अनावश्यक अनुमति न दी जाए:#UPCM श्री @myogiadityanath जी
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) April 18, 2022
महाराष्ट्र सरकार भी ले चुकी है फैसला
लाउडस्पीकर विवाद के बाद महाराष्ट्र सरकार ने भी बड़ा फैसला लेते हुए आदेश जारी किए। इसके मुताबिक धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर लगाने से पहले प्रशासन से अनुमति लेनी अनिवार्य रहेगी। गौरतलब है कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के बयान के बाद विवाद की शुरुआत हुई थी, जिसमें उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था कि 3 मई तक मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटा दें। यदि ऐसा नहीं किया गया तो मनसे कार्यकर्ता मस्जिदों के बाहर स्पीकर लगाएंगे और हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे।
उमा के ट्वीट
1. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ जी की सरकार के द्वारा ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए लिया गया नीतिगत निर्णय अभिनंदनीय है।
2. ज्यादा शोर एवं आवाजों से शहर एवं गांव के लोगों को स्नायु तंत्र की बीमारियां बढ़ रही हैं उन्हें रात में सुख से सोना बहुत जरूरी है।
3. इसलिए रात में 10 बजे से सुबह 7 बजे तक माईक की आवाज पर सख्त नियंत्रण होना चाहिए।
4. सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए ध्वनि विस्तारक यंत्रों की आवाज की अनुमति इसी शर्त पर मिलनी चाहिए कि वह आवाज इतने ही लोग सुनेंगे जो वहां बैठे हुए हैं, इसमें धर्म का भेदभाव ना हो।
5. अस्पताल और स्कूल इन आवाजों से डिस्टर्ब हो रहे हैं। घरों में रहने वाले विद्यार्थी एवं अस्वस्थ या वृद्ध लोगों की शोर एवं आवाजों से उनकी तकलीफ बढ़ रही हैं।
6. बारातों के डीजे या किसी भी जुलूस के शोर का एक समय तय हो एवं आवाज की सीमित सीमा तय हो तभी हम स्वस्थ समाज की रचना में योगदान दे पाएंगे।
7. हम भी मध्यप्रदेश में इस प्रकार का निर्णय लें।
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उमा ने कहा धर्म का भेदभाव किए बगैर निर्णय लेना चाहिए…।
भोपाल
Updated: April 20, 2022 12:42:44 pm
भोपाल। महाराष्ट्र के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भी लाउडस्पीकरों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण को रोकने का फैसला लिया है। मध्यप्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती ने इस फैसले की सराहना की है, वहीं स्वागतयोग्य बताया है। उमा भारती ने ऐसे ही फैसले को मध्यप्रदेश में भी लागू करने की मांग की है।
पूर्व सीएम उमा भारती ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के फैसले का स्वागत किया है। उमा भारती ने बुधवार सुबह ट्वीट के जरिए कहा है कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ जी की सरकार के द्वारा ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए लिया गया नीतिगत निर्णय अभिनंदनीय है। ज्यादा शोर-शराबे से शहर और गांव के लोगों को स्नायु तंत्र की बीमारियां बढ़ रही हैं। उमा ने लाउडस्पीकर को तय समय सीमा में बजाने के लिए मध्यप्रदेश सराकर से भी फैसला लेने की मांग की है। उमा ने इस सिलसिले में एक के बाद एक 7 ट्वीट किए हैं।
यूपी ने जारी की यह गाइडलाइन
महाराष्ट्र के बाद यूपी की योगी सरकार ने भी लाउडस्पीकर पर सख्त तेवर दिखाए हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद ध्वनि प्रदूषण पर गाइडलाइन जारी की गई है। योगी ने कहा है कि धार्मिक आजादी सबको है, लेकिन माइक की आवाज परिसर के बाहर नहीं जानी चाहिए। लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन यह सुनिश्चित हो कि आवाज परिसर से बाहर न आए। अन्य लोगों को कोई असविधा नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा योगी ने नए स्थलों पर लाउडस्पीकर नहीं लगाने की बात भी कही है। साथ ही बगैर अनुमति धार्मिक जुलूस निकालने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
कोई शोभायात्रा/धार्मिक जुलूस बिना विधिवत अनुमति के न निकाली जाए। अनुमति से पूर्व आयोजक से शांति-सौहार्द कायम रखने के संबंध में शपथ पत्र लिया जाए।
अनुमति केवल उन्हीं धार्मिक जुलूसों को दिया जाए, जो पारंपरिक हों, नए आयोजनों को अनावश्यक अनुमति न दी जाए:#UPCM श्री @myogiadityanath जी— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) April 18, 2022
महाराष्ट्र सरकार भी ले चुकी है फैसला
लाउडस्पीकर विवाद के बाद महाराष्ट्र सरकार ने भी बड़ा फैसला लेते हुए आदेश जारी किए। इसके मुताबिक धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर लगाने से पहले प्रशासन से अनुमति लेनी अनिवार्य रहेगी। गौरतलब है कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के बयान के बाद विवाद की शुरुआत हुई थी, जिसमें उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था कि 3 मई तक मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटा दें। यदि ऐसा नहीं किया गया तो मनसे कार्यकर्ता मस्जिदों के बाहर स्पीकर लगाएंगे और हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे।
उमा के ट्वीट
1. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ जी की सरकार के द्वारा ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए लिया गया नीतिगत निर्णय अभिनंदनीय है।
2. ज्यादा शोर एवं आवाजों से शहर एवं गांव के लोगों को स्नायु तंत्र की बीमारियां बढ़ रही हैं उन्हें रात में सुख से सोना बहुत जरूरी है।
3. इसलिए रात में 10 बजे से सुबह 7 बजे तक माईक की आवाज पर सख्त नियंत्रण होना चाहिए।
4. सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए ध्वनि विस्तारक यंत्रों की आवाज की अनुमति इसी शर्त पर मिलनी चाहिए कि वह आवाज इतने ही लोग सुनेंगे जो वहां बैठे हुए हैं, इसमें धर्म का भेदभाव ना हो।
5. अस्पताल और स्कूल इन आवाजों से डिस्टर्ब हो रहे हैं। घरों में रहने वाले विद्यार्थी एवं अस्वस्थ या वृद्ध लोगों की शोर एवं आवाजों से उनकी तकलीफ बढ़ रही हैं।
6. बारातों के डीजे या किसी भी जुलूस के शोर का एक समय तय हो एवं आवाज की सीमित सीमा तय हो तभी हम स्वस्थ समाज की रचना में योगदान दे पाएंगे।
7. हम भी मध्यप्रदेश में इस प्रकार का निर्णय लें।
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