महागठबंधन विधायक दल की बैठक में नीतीश की ओर से आया बड़ा रिएक्शन: जानिए क्या कहा h3>
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार में सफलतापूर्वक हुई जातीय गणना और इसकी रिपोर्ट के आधार पर लिये गए निर्णयों से भाजपा घबराहट में है। भाजपा के पास कोई मुद्दा बचा नहीं है, जिस कारण उसके नेता अनाप-शनाप बयान दे रहे हैं। सदन की कार्यवाही को हंगामा करके भाजपा नेता चलने नहीं दे रहे हैं। मुख्यमंत्री बुधवार को विधानमंडल के विस्तारित भवन के सेंट्रल हॉल में महागठबंधन विधानमंडल की बैठक को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जातीय गणना के आधार पर आगे का काम भी राज्य सरकार ने शुरू कर दी है। आरक्षण का दायरा 15 प्रतिशत बढ़ाया जा रहा है। इसपर हमने कैबिनेट की बैठक बुलाकर स्वीकृति दिला दी है। गुरुवार को सदन में इसका विधेयक भी आएगा। वहीं, गरीबों को दो-दो लाख देने का निर्णय हुआ है।
नीतीश कुमार ने कहा कि हम लोग प्रधानमंत्री के पास जाकर आग्रह किया था, देशभर में जातीय जनगणना कराने के लिए, पर वे सहमत नहीं हुआ। इसके बाद राज्य सरकार ने अपने स्तर पर बिहार में जातीय गणना कारया। उन्होंने बुधवार को दिये अपने बयान की भी चर्चा की, जिसपर विपक्ष गुरुवार को हंगामा किया। उन्होंने कहा कि कल भाजपा के लोग जातीय गणना और अन्य मसलों पर समर्थन दे रहे थे। पर, दिल्ली से बिहार के भाजपा नेताओं को निर्देश आया, इसके बाद ये सदन में हंगामा कर रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि मुझे सुबह में ही लोगों ने बताया कि मेरे बयान पर विभिन्न तरह की चर्चा हो रही है। इसके बाद मैंने अपनी वह बात वापस ली और माफी भी मांग ली है। बैठक में संसदीय कार्यमंत्री विजय कुमार चौधरी समेत जदयू के सभी मंत्री-विधायक-विधान पार्षद उपस्थित थे। बैठक में कांग्रेस नेता डॉ. मदन मोहन झा ने भी अपनी बात रखी।
वहीं, बैठक में भाकपा माले ने बैठक में भूमिहीनों की स्थिति का पता करने, वृद्धावस्था पेंशन बढ़ाने, अतिक्रमण के नाम पर गरीबों और स्ट्रीट वेंडरों को परेशान नहीं करने की बात कही। इसके अलावा महागठबंधन की अनुश्रवण समितियों का गठन नहीं होने और ब्यूरोक्रेसी के हावी होने का भी मुद्दा उठाया। विधायक दल नेता महबूब आलम ने पार्टी की ओर से बात रखी। माकपा की ओर से विधायक अजय कुमार ने भूमि सुधार लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि भूमिहीनों की आर्थिक उन्नति के लिए भूमि सुधार कानून का लागू किया जाना जरूरी है। भाकपा की ओर से विधायक सूर्यकांत पासवान ने आंदोलन के चलते नौकरी से निकाली गई आंगनबाड़ी सेविकाओं को दुबारा वापस लेने की मांग की।
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार में सफलतापूर्वक हुई जातीय गणना और इसकी रिपोर्ट के आधार पर लिये गए निर्णयों से भाजपा घबराहट में है। भाजपा के पास कोई मुद्दा बचा नहीं है, जिस कारण उसके नेता अनाप-शनाप बयान दे रहे हैं। सदन की कार्यवाही को हंगामा करके भाजपा नेता चलने नहीं दे रहे हैं। मुख्यमंत्री बुधवार को विधानमंडल के विस्तारित भवन के सेंट्रल हॉल में महागठबंधन विधानमंडल की बैठक को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जातीय गणना के आधार पर आगे का काम भी राज्य सरकार ने शुरू कर दी है। आरक्षण का दायरा 15 प्रतिशत बढ़ाया जा रहा है। इसपर हमने कैबिनेट की बैठक बुलाकर स्वीकृति दिला दी है। गुरुवार को सदन में इसका विधेयक भी आएगा। वहीं, गरीबों को दो-दो लाख देने का निर्णय हुआ है।
नीतीश कुमार ने कहा कि हम लोग प्रधानमंत्री के पास जाकर आग्रह किया था, देशभर में जातीय जनगणना कराने के लिए, पर वे सहमत नहीं हुआ। इसके बाद राज्य सरकार ने अपने स्तर पर बिहार में जातीय गणना कारया। उन्होंने बुधवार को दिये अपने बयान की भी चर्चा की, जिसपर विपक्ष गुरुवार को हंगामा किया। उन्होंने कहा कि कल भाजपा के लोग जातीय गणना और अन्य मसलों पर समर्थन दे रहे थे। पर, दिल्ली से बिहार के भाजपा नेताओं को निर्देश आया, इसके बाद ये सदन में हंगामा कर रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि मुझे सुबह में ही लोगों ने बताया कि मेरे बयान पर विभिन्न तरह की चर्चा हो रही है। इसके बाद मैंने अपनी वह बात वापस ली और माफी भी मांग ली है। बैठक में संसदीय कार्यमंत्री विजय कुमार चौधरी समेत जदयू के सभी मंत्री-विधायक-विधान पार्षद उपस्थित थे। बैठक में कांग्रेस नेता डॉ. मदन मोहन झा ने भी अपनी बात रखी।
वहीं, बैठक में भाकपा माले ने बैठक में भूमिहीनों की स्थिति का पता करने, वृद्धावस्था पेंशन बढ़ाने, अतिक्रमण के नाम पर गरीबों और स्ट्रीट वेंडरों को परेशान नहीं करने की बात कही। इसके अलावा महागठबंधन की अनुश्रवण समितियों का गठन नहीं होने और ब्यूरोक्रेसी के हावी होने का भी मुद्दा उठाया। विधायक दल नेता महबूब आलम ने पार्टी की ओर से बात रखी। माकपा की ओर से विधायक अजय कुमार ने भूमि सुधार लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि भूमिहीनों की आर्थिक उन्नति के लिए भूमि सुधार कानून का लागू किया जाना जरूरी है। भाकपा की ओर से विधायक सूर्यकांत पासवान ने आंदोलन के चलते नौकरी से निकाली गई आंगनबाड़ी सेविकाओं को दुबारा वापस लेने की मांग की।