महागठबंधन के पोस्टर से राहुल गांधी ही गायब, इस विपक्षी एकता से 2024 में कैसे फतह पाएंगे नीतीश?

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महागठबंधन के पोस्टर से राहुल गांधी ही गायब, इस विपक्षी एकता से 2024 में कैसे फतह पाएंगे नीतीश?

महागठबंधन के पोस्टर से राहुल गांधी ही गायब, इस विपक्षी एकता से 2024 में कैसे फतह पाएंगे नीतीश?


पटना : बिहार के पूर्णिया में होने वाली महागठबंधन की रैली (Purnia Mahagathbandhan Rally) शुरू होने से पहले ही विवाद की भेंट चढ़ती दिख रही। दरअसल, हुआ ये कि सात दलों के आह्वान पर आयोजित रैली को लेकर पोस्टर जारी किया गया है। इसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रधानमंत्री पद के दावेदार राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को बड़ी ही महीन राजनीति के तहत पोस्टर से ही गायब कर दिया गया है। यह दीगर है कि इस पोस्टर में दूसरे दलों के सर्वमान्य नेताओं को जगह दी गई है।

अंतर्द्वंद्व से घिरा है महागठबंधन

महागठबंधन के भीतर पहले से ही एक दूसरे के प्रति अविश्वास का माहौल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपदस्थ करने को लेकर बिहार के सीएम नीतीश कुमार की विपक्षी एकता की मुहिम को कांग्रेस का साथ नहीं मिला। कांग्रेस राहुल गांधी को पीएम उम्मीदवार मानती है। इधर, पीएम की दावेदारी भले नीतीश कुमार न करें पर महागठबंधन के अन्य दल विशेष कर जेडीयू और आरजेडी उन्हें पीएम उम्मीदवार के रूप में विपक्षी एकता की मुहिम को ताकत दे रहे हैं।

यहां तक कि राज्य में तेजस्वी यादव की ताजपोशी को लेकर भी महागठबंधन में एका नहीं है। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह 2025 में भी आरजेडी नेता को सीएम उम्मीदवार के रूप में नहीं देखते हैं। वहीं राष्ट्रीय जनता दल के कई नेता तेजस्वी यादव को सीएम बनाने के लिए बयानों का तीर चलाए जा रहे हैं। मंत्रिपरिषद के विस्तार को लेकर भी नीतीश कुमार कुछ कह रहे हैं और तेजस्वी यादव कुछ। सच्चाई यही है कि विधायकों की संख्या के अनुसार, दो और मंत्री पद मिलना चाहिए पर यहां भी कांग्रेस को घोर निराशा का सामना करना पड़ रहा है।

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अब पोस्टर से राहुल भी गायब

अभी रैली को एक दिन ही बचे हैं और पोस्टर जारी करने में महागठबंधन के नेताओं ने राहुल गांधी का ख्याल ही नहीं रखा। इन्हें पोस्टर में भी जगह नहीं मिली। अंदरखाने से जो सूचना मिल रही कि उसमें कहा जा रहा है कि बिहार में राहुल गांधी कोई फैक्टर नहीं हैं। यहां तो लालू प्रसाद और नीतीश कुमार का ही सिक्का चलता है।

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कहीं महागठबंधन तीसरे मोर्चे की राह पर तो नहीं

वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विशेषज्ञ अरुण पांडे कहते हैं कि राहुल गांधी का पोस्टर में तस्वीर नहीं देना कई सवालों को जन्म दे जाता है। एक तो यह कि महागठबंधन तीसरे मोर्चे की राह पर तो नहीं? वैसे भी कांग्रेस को शिकायत थी कि रैली को लेकर हमसे संपर्क नहीं किया गया। कांग्रेस चाहती थी कि पार्टी के रायपुर में अधिवेशन के बाद रैली की तारीख तय हो। हालांकि कांग्रेस की मांग नहीं सुनी गई।

अब अधिवेशन के चलते कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नहीं आ पाएंगे। कांग्रेस को खीझ इस बात को लेकर है कि राहुल गांधी की यात्रा को महागठबंधन का साथ नहीं मिला। कहीं न कहीं नाराजगी का रिफ्लेक्शन भी इसे माना जा रहा। कांग्रेस की इस तरह से अनदेखी से उसकी आने वाले समय में बिहार की सत्ता से मुक्ति भी हो सकती है। बहरहाल, कांग्रेस ने अपना सम्मान बचाने के लिए अलग से पोस्टर बनाकर राहुल गांधी की बड़ी तस्वीर को शामिल कर दिया है।

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