महरौली में बुलडोज़र से जिनके घर टूटे, उनके मायूस चेहरों और नम आंखों में हैं कई सवाल

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महरौली में बुलडोज़र से जिनके घर टूटे, उनके मायूस चेहरों और नम आंखों में हैं कई सवाल

महरौली में बुलडोज़र से जिनके घर टूटे, उनके मायूस चेहरों और नम आंखों में हैं कई सवाल

पांच दिनों से महरौली वासियों की नींद उड़ाने वाले डीडीए के बुलडोज़र पर मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट से ब्रेक लग गया। कोर्ट ने कहा कि संबंधित जमीन और संपत्तियों से जुड़े कई तरह के विवाद हैं और ऐसे में वहां तोड़फोड़ जारी रखने की इजाजत नहीं दी जा सकती। डीडीए की कार्रवाई देख मायूस चेहरों और नम आंखों में एमसीडी का समुदाय भवन और डाकघर की बिल्डिंग को लेकर गुस्सा भर आता है। लोग कहते हैं, ‘ये भी तो जंगल की जमीन पर बने हैं। हमारे 40 से 50 साल पुराने मकानों को अवैध बताया जा रहा। ये सरकारी बिल्डिंग तो हमारे घरों को बनाने के कई साल बाद बनी हैं। इनके खिलाफ एक्शन क्यों नहीं लिया जा रहा है? गरीब के एक कमरे के मकान को तोड़कर उसे बेघर किया जा रहा है। क्या सरकार के विभागों को नहीं मालूम था कि वे रिजर्व फॉरेस्ट एरिया की जमीन है? उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

दिल्ली के लोग बोले- दोषी अधिकारियों की पहचान और सजा क्यों नहीं?

साफ दिख रहा है कि डीडीए अधिकारियों की मिलीभगत से बिल्डरों ने बिल्डिंग बनाई और मोटी रकम लोगों से लेकर रफूचक्कर हो गए हैं। उसकी मार निम्न मध्यम वर्ग के लोग भुगत रहे हैं। सिस्टम इतना कमजोर लग रहा है कि सही में जो दोषी हैं उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

वीना सिंह, खिड़की एक्सटेंशन

दुखी हूं कि बिल्डर सरकारी जमीन पर कब्जा करके फ्लैट बना रहे हैं और डीडीए सहित पूरा तंत्र खामोश रहता है। भ्रष्ट अधिकारी खुद को फंसता देख लोगों के घर तोड़ रहे हैं। उन बिल्डरों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो रही जो लोगों की मेहनत की कमाई से अपनी जेबें भर रहे हैं।

वाणी अग्रवाल, छतरपुर एनक्लेव

महरौली फॉरेस्ट एरिया में अवैध कब्जों के मामले में सबसे बड़ा दोषी डीडीए है। पुलिस भी बिल्डरों से मोटी रकम लेती है। यह खुली सच्चाई है कि लोकल बॉडी के बिल्डिंग डिपार्टमेंट की बेईमानी के बगैर कोई भी अवैध निर्माण या अतिक्रमण नहीं हो सकता है। फिर उनको सजा क्यों नहीं?

शरद वशिष्ठ, महरौली

पांचवें दिन भी चला बुलडोज़र का पंजा

पांचवें दिन भी चला बुलडोज़र का पंजा

लड्डा सराय के रिजर्व फॉरेस्ट एरिया में बनी संपत्तियों के खिलाफ डीडीए की कार्रवाई मंगलवार को भी जारी रही। डीडीए रिकॉर्ड में अवैध संपत्तियों को ढहाने के लिए 4 जेसीबी मशीनें और प्राइवेट मजदूरों ने ग्राउंड फ्लोर से लेकर तीन मंजिला बने आधा दर्जन मकान और पांच दुकानों को ढहा दिया है। कार्रवाई की चपेट में वॉर्ड नं. 1 के साथ पहली बार वॉर्ड नं. 7 की संपत्तियां भी आ गई हैं। इस दौरान पुलिस को पहली बार प्रभावित लोगों के कड़े विरोध का सामना नहीं करना पड़ा। बताया जाता है कि अनेक लोग कार्रवाई को रुकवाने के लिए एलजी से लेकर बड़े नेताओं से संपर्क करने में जुटे हुए हैं। कोर्ट में भी याचिकाएं डाली जा रही हैं।

डीडीए की कार्रवाई दोपहर 12:30 बजे के बाद ही शुरू हो पाई थी। इसका कारण कोर्ट से मिले स्टे को बताया जाता है। कार्रवाई के लिए पुलिस का दस्ता मंगलवार को भी भूल भुलैया की तरफ पहुंचा जहां सोमवार को तोड़फोड़ की गई थी। बताया जाता है कि तोड़ी गई संपत्तियों के बगल में स्थित दो संपत्ति के मालिक कोर्ट से स्टे ले आए थे। विवादों से बचने के लिए डीडीए का दस्ता थोड़ा शांत रहा। दोपहर करीब एक बजे वॉर्ड नं. 1 के गुरुद्वारे के बगल में बनी 5 दुकानों को तोड़ दिया। दुकानों के सामने स्थित एक मंजिला और 3 मंजिला तीन मकानों को ढहा दिया। इसी दौरान दो जेसीबी मशीनों ने वॉर्ड नं. 7 स्थित पोस्ट ऑफिस वाली गली में बने डेढ़ मंजिला तीन मकानों को तोड़ दिया।

महरौली के लोग बोले- हमारे पास रजिस्‍ट्री तो DDA क्यों गिरा रहा घर?

महरौली में DDA के बुलडोज़र पर हाई कोर्ट ने लगाया ब्रेक

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हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार के चीफ सेक्रेटरी को निर्देश दिया कि सभी पक्षकारों के साथ बैठक करें। आम सहमति से ऐक्शन प्लान बनाएं। विवादित जमीनों का सीमांकन करें। जब तक ऐसा नहीं हो जाता, तब तक वहां तोड़फोड़ की इजाजत नहीं दी जा सकती। इसके बाद दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने डीडीए को अगले निर्देश तक महरौली में तोड़फोड़ अभियान रोकने का निर्देश जारी कर दिया। अधिकारियों ने अतिक्रमण रोधी अभियान के तहत महरौली पुरातत्व पार्क में 20 बहुमंजिला भवन, बड़ी संख्या में दुकानों, मकान, निजी स्कूल भवन की पहचान ऐसे ढांचे के रूप में की है जो अवैध रूप से बनाए गए हैं। इस पार्क में जी20 की बैठक प्रस्तावित है। बीते शुक्रवार यहां अतिक्रमण विरोधी अभियान शुरू किया गया था।

महरौली मामले में आदेश न मानने पर डीएम (साउथ) से सरकार नाराज

स्पष्ट और लिखित आदेश देने के बावजूद महरौली में डिमोलिशन पर रोक न लगाने और नए सिरे से जमीन के सीमांकन की कार्रवाई शुरू न करने पर दिल्ली सरकार ने साउथ डिस्ट्रिक्ट की डीएम के प्रति नाराजगी जाहिर की है। राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने मंगलवार को एक बार फिर उन्हें पत्र लिखकर सरकार के आदेशों से अवगत कराते हुए उन पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

बुलडोज़र के खिलाफ बीजेपी नेता पहुंचे LG के पास

लगातार पांच दिनों से महरौली के रिहायशी मकानों पर चल रहे बुलडोजर के खिलाफ बीजेपी नेता कुछ लोगों के साथ मंगलवार को एलजी के पास पहुंचे। नेताओं ने एलजी से कार्रवाई रोकने का अनुरोध किया। करीब एक घंटे तक चली बैठक में स्थानीय लोगों ने एलजी के समक्ष आपबीती सुनाई। उनकी बातें सुनने के बाद एलजी ने कहा कि बिना प्रशासनिक प्रक्रिया पूरी किए बिना कार्रवाई नहीं होगी। उन्होंने नेताओं और लोगों को तुरंत कार्रवाई बंद कराने का आश्वासन भी दिया।

एलजी ने लगाई तोड़-फोड़ पर रोक, जांच कराने का भरोसा

महरौली में रह रहे सैकड़ों परिवारों को बड़ी राहत देते हुए उप-राज्यपाल वीके सक्सेना ने डीडीए को अगले निर्देश तक इस इलाके में चलाए जा रहे डिमोलिशन अभियान को रोकने का निर्देश दिया है। मंगलवार को एलजी ऑफिस पहुंचे महरौली और लड्डा सराय गांव के निवासियों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद एलजी ने यह निर्देश जारी किया।

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