मनरेगा में हुई धांधली, 11.46 लाख रुपये की होगी वसूली h3>
बहेड़ी। प्रखंड क्षेत्र के हावीडीह दक्षिणी पंचायत के डैनीखोंह गांव के पास मनरेगा योजना…
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,दरभंगाThu, 18 May 2023 12:50 AM
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बहेड़ी। प्रखंड क्षेत्र के हावीडीह दक्षिणी पंचायत के डैनीखोंह गांव के पास मनरेगा योजना से चले पांच कार्यों की जांच पड़ताल में भारी अनियमितता का मामला उजागर हुआ है। इसको लेकर लोकपाल दरभंगा के कार्यालय में प्रतिवाद संख्या तीन, 11 फरवरी को दायर किया गया था। जिसके आलोक में सभी मनरेगा योजनाओं की गहनता से जांच पड़ताल की गयी थी। हावीडीह दक्षिणी पंचायत के डैनीखोंह गांव में मनरेगा योजना से पांच आहर उड़ाहीकरण योजनाओं को किया गया था। डैनीखोंह गांव के परिवादी चंद्रकांत सिंह के आवेदन के आलोक में दो मई को कार्यपालक अभियंता मनरेगा ने कार्यस्थल की जांच पड़ताल की थी। उसी प्रतिवेदन के आलोक में लोकपाल दरभंगा अमरेंद्र ठाकुर ने मनरेगा योजनाओं में गंभीर वित्तीय अनियमितताओं को लेकर 11.40 लाख रुपये की वसूली को लेकर डीएम, डीडीसी व ग्रामीण विकास विभाग के सचिव को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। मामले में हावीडीह दक्षिणी पंचायत के वर्तमान मुखिया राजेश मुखिया, तत्कालीन पीओ अभिषेक रमण, जेई इफ्तेखार आलम, तत्कालीन पीआरएस धैर्य मोहन झा व वर्तमान राजीव कुमार सिंह, तत्कालीन पीटीए रंजय कुमार व वर्तमान पीटीए विनोद कुमार से राशि के रिकवरी के बाद सरकारी कोष में जमा करवायी जाएगी। साथ ही सभी के विरुद्ध सरकारी राशि गवन करने को लेकर विधि सम्मत कार्रवाई करने की भी अनुशंसा की गयी। मनरेगा से किए गए आहर उड़ाही योजना में पहली योजना में हीरा लाल के खेत से नरेश सिंह के खेत तक किया गया। जिसकी प्राकृत राशि 402200 रुपये है। एमबी 295310 रुपये का था। जिसमें से एमआइएस के मुताबिक 289590 रुपये की निकासी कर ली गई है। दूसरी योजना में सियाराम मंडल के खेत से जामुन मंडल के खेत तक आहार उराहीकरण कार्य किया गया। जिसकी प्राकृत राशि 401300 है। एमबी 338230 रुपये का था। जिसमें से एमआईएस के मुताबिक 332640 रुपये की निकासी कर ली गई है। तीसरी योजना में रामरेख मंडल के खेत से रामचंद्र मंडल के खेत तक आहर उराहीकरण कार्य किया गया। जिसकी प्राकृत राशि 412100 रुपये है। एमबी 187020 रुपये का था। जिसमें से एमआइएस के मुताबिक 173040 रुपये की निकासी कर ली गई है। चौथी योजना में एकराम सिंह के खेत से रामबहादुर मंडल के खेत तक आहर उराहीकरण कार्य किया गया है। जिसकी प्राक्कलित राशि 496848 रुपये का था। एमबी 211590 रुपये का था। जिसमें से एमआईएस के मुताबिक 208950 रुपये की निकासी कर ली गई है। पांचवी योजना में महेंद्र मंडल के खेत से देवनारायण मंडल के खेत तक आहर उराहीकरण कार्य किया गया है। जिसकी प्राकृत राशि 451500 रुपये का था। एमबी 184080 रुपये का था। जिसमें से एमआईएस के मुताबिक 178920 रुपये की निकासी कर ली गई है। जांच प्रतिवेदन में बताया गया है कि पांचों योजनाओं में भारी अनियमितता बरती गई है। कोई भी योजना जनोपयोगी नहीं प्रतीत होता है। सभी योजनाओं में कार्य की खानापूर्ति मात्र की गयी है। इसके आलोक में ऊपर वर्णित स्थानीय मुखिया सहित संबंधित सभी मनरेगा कर्मियों से 11,461,8 0 रुपये की वसूली करते हुए सरकारी राशि के गबन के आरोप में इन लोगों के विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई भी की जा सकती है।
यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।
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बहेड़ी। प्रखंड क्षेत्र के हावीडीह दक्षिणी पंचायत के डैनीखोंह गांव के पास मनरेगा योजना…
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,दरभंगाThu, 18 May 2023 12:50 AM
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बहेड़ी। प्रखंड क्षेत्र के हावीडीह दक्षिणी पंचायत के डैनीखोंह गांव के पास मनरेगा योजना से चले पांच कार्यों की जांच पड़ताल में भारी अनियमितता का मामला उजागर हुआ है। इसको लेकर लोकपाल दरभंगा के कार्यालय में प्रतिवाद संख्या तीन, 11 फरवरी को दायर किया गया था। जिसके आलोक में सभी मनरेगा योजनाओं की गहनता से जांच पड़ताल की गयी थी। हावीडीह दक्षिणी पंचायत के डैनीखोंह गांव में मनरेगा योजना से पांच आहर उड़ाहीकरण योजनाओं को किया गया था। डैनीखोंह गांव के परिवादी चंद्रकांत सिंह के आवेदन के आलोक में दो मई को कार्यपालक अभियंता मनरेगा ने कार्यस्थल की जांच पड़ताल की थी। उसी प्रतिवेदन के आलोक में लोकपाल दरभंगा अमरेंद्र ठाकुर ने मनरेगा योजनाओं में गंभीर वित्तीय अनियमितताओं को लेकर 11.40 लाख रुपये की वसूली को लेकर डीएम, डीडीसी व ग्रामीण विकास विभाग के सचिव को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। मामले में हावीडीह दक्षिणी पंचायत के वर्तमान मुखिया राजेश मुखिया, तत्कालीन पीओ अभिषेक रमण, जेई इफ्तेखार आलम, तत्कालीन पीआरएस धैर्य मोहन झा व वर्तमान राजीव कुमार सिंह, तत्कालीन पीटीए रंजय कुमार व वर्तमान पीटीए विनोद कुमार से राशि के रिकवरी के बाद सरकारी कोष में जमा करवायी जाएगी। साथ ही सभी के विरुद्ध सरकारी राशि गवन करने को लेकर विधि सम्मत कार्रवाई करने की भी अनुशंसा की गयी। मनरेगा से किए गए आहर उड़ाही योजना में पहली योजना में हीरा लाल के खेत से नरेश सिंह के खेत तक किया गया। जिसकी प्राकृत राशि 402200 रुपये है। एमबी 295310 रुपये का था। जिसमें से एमआइएस के मुताबिक 289590 रुपये की निकासी कर ली गई है। दूसरी योजना में सियाराम मंडल के खेत से जामुन मंडल के खेत तक आहार उराहीकरण कार्य किया गया। जिसकी प्राकृत राशि 401300 है। एमबी 338230 रुपये का था। जिसमें से एमआईएस के मुताबिक 332640 रुपये की निकासी कर ली गई है। तीसरी योजना में रामरेख मंडल के खेत से रामचंद्र मंडल के खेत तक आहर उराहीकरण कार्य किया गया। जिसकी प्राकृत राशि 412100 रुपये है। एमबी 187020 रुपये का था। जिसमें से एमआइएस के मुताबिक 173040 रुपये की निकासी कर ली गई है। चौथी योजना में एकराम सिंह के खेत से रामबहादुर मंडल के खेत तक आहर उराहीकरण कार्य किया गया है। जिसकी प्राक्कलित राशि 496848 रुपये का था। एमबी 211590 रुपये का था। जिसमें से एमआईएस के मुताबिक 208950 रुपये की निकासी कर ली गई है। पांचवी योजना में महेंद्र मंडल के खेत से देवनारायण मंडल के खेत तक आहर उराहीकरण कार्य किया गया है। जिसकी प्राकृत राशि 451500 रुपये का था। एमबी 184080 रुपये का था। जिसमें से एमआईएस के मुताबिक 178920 रुपये की निकासी कर ली गई है। जांच प्रतिवेदन में बताया गया है कि पांचों योजनाओं में भारी अनियमितता बरती गई है। कोई भी योजना जनोपयोगी नहीं प्रतीत होता है। सभी योजनाओं में कार्य की खानापूर्ति मात्र की गयी है। इसके आलोक में ऊपर वर्णित स्थानीय मुखिया सहित संबंधित सभी मनरेगा कर्मियों से 11,461,8 0 रुपये की वसूली करते हुए सरकारी राशि के गबन के आरोप में इन लोगों के विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई भी की जा सकती है।
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