मध्य प्रदेश में 2500 करोड़ टैक्स की चोरी, सरकार को लगी बड़ी चपत | 2500 crore tax evasion in madhya pradesh big hit to government | Patrika News

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मध्य प्रदेश में 2500 करोड़ टैक्स की चोरी, सरकार को लगी बड़ी चपत | 2500 crore tax evasion in madhya pradesh big hit to government | Patrika News

मध्य प्रदेश में 2500 करोड़ टैक्स की चोरी, सरकार को लगी बड़ी चपत | 2500 crore tax evasion in madhya pradesh big hit to government | Patrika News

5 साल की अवधि में सरकार को लगी चपत : अब 3 माह में ही 3 हजार संदिग्ध रिटर्न फाइल।

भोपाल

Published: April 14, 2022 12:10:39 pm

भोपाल. जीएसटी कानून लागू होने के बाद मध्य प्रदेश में साल 2017 से 2021 तक करीब 2,500 करोड़ रुपए की जीएसटी की टैक्स चोरी होने का अनुमान सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, देश में ये आंकड़ा 52,000 करोड़ के आसपास है। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, विभाग ने ऐसे लोगों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) के जरिए रडार पर लेकर उन्हें नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है।

मध्य प्रदेश में 2500 करोड़ टैक्स की चोरी, सरकार को लगी बड़ी चपत

एसजीएसटी कमिश्नर लोकेश जाटब के अनुसार, मध्य प्रदेश में बीते तीन महीने में तीन हजार के करीब संदिग्ध रिटर्न फाइल हुए हैं। 12 प्रतिशत पंजीयन फर्जी पाए गए हैं, इन्हें चिह्नित किया है।

सूत्रों के अनुसार, जीएसटी कानून लागू होने के बाद से रजिस्टर्ड व्यापारियों ने या तो भूलवश या जानबूझकर कम टैक्स दिया है। इस पर ब्याज की राशि भी जमा नहीं की। यह स्थिति पूरे देश की है। अब केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड ने एआइ का सहारा लेकर ऐसे व्यापारियों के रिटर्न खंगालना शुरू किए हैं।

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अब क्या कर रहा विभाग

-ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से निकाली गई जानकारी को विभाग अब संबंधित क्षेत्र के अधिकारी के पास भेज रहा है। ये अधिकारी करदाता व्यापारी को नोटिस जारी कर रहे हैं।

-व्यापारी को अपना पक्ष रखने के लिए 30 दिन का समय दिया जा रहा है। यदि अधिकारी उनके द्वारा (करदाता के) दिए गए जवाब से संतुष्ट होते हैं तो कर (टैक्स) की डिमांड नहीं निकलेगी।

-ऐसा नहीं होने पर टैक्स, ब्याज एवं 15 प्रतिशत की पैनाल्टी जमा करना होगी। रडार पर आए लोगों को विभागीय अधिकारियों ने नोटिस भेजना शुरू कर दिया है।

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एक्सपर्ट व्यू

चार्टर्ड अकाउंटेंट नवनीत गर्ग का कहना है कि, जीएसटी लागू होने के बाद से विभाग जिस पैरामीटर पर काम कर रहा है, उसमें ज्यादातर मामले ब्याज के ही सामने आ रहे हैं। इसलिए विभाग अब ब्याज की गणना करके उसकी वसूली के लिए संबंधित व्यापारियों को नोटिस भेज रहा है।

जारी की एसओपी

केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड ने हाल ही में स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) जारी की है, जिसमें अधिकारियों को वसूली अभियान के बारे में बताया गया है। अफसर कार्रवाई में जुट गए हैं।

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