मंत्री केके विश्नोई बोले-राजनीति में हनुमान बेनीवाल सबसे अविश्वसनीय नेता: अपने राजनीतिक जीवन में केवल पाला बदलने का काम किया, अब युवाओं को भ्रमित कर रहे – Jaipur News h3>
आरपीएससी के पुर्नगठन और एसआई भर्ती को रद्द करने की मांग को लेकर हनुमान बेनीवाल के द्वारा धरना देने और विरोध प्रदर्शन के बाद मंत्री केके विश्नोई ने उन पर पलटवार करते हुए कहा कि आज राजस्थान की राजनीति में हनुमान बेनीवाल से अविश्वसनीय नेता कोई ओर नहीं ह
.
बेनीवाल पाला बदलने में माहिर हैं। लेकिन अब इनके लिए सभी दरवाजे बंद हो चुके है। ऐसे में यह युवाओं को भ्रमित करने का काम कर रहे हैं। अपनी राजनीति चमकाने के लिए और मीडिया की सुर्खियों में बने रहने के लिए किसी भी राजनेता के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी कर रहे है।
पिछले उपचुनावों में जनता ने उनको आइना दिखा दिया। हनुमान बेनीवाल जी का झूठ और पाखंड अब समाज, युवाओं के सामने आ गया है। युवा वर्ग अब इन पर विश्वास नहीं कर रहा है, इनके तंबू में संख्या तक नजर नहीं आ रही है।
बेनीवाल की सेटिंग्स का खेल समाप्त हो गया राज्यमंत्री केके विश्नोई ने कहा कि एसआई भर्ती परीक्षा कांग्रेस के कार्यकाल में हुई, और उस वक्त बेनीवाल कांग्रेस के समर्थन में थे तो कुछ बोल नहीं पाए। अब बेनीवाल अपने राजनैतिक अस्तित्व को बचाने के लिए युवाओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहे है।
कभी किसी नेता के लिए खिलाफ टीका-टिप्पणी कर रहे है तो कभी महिलाओं के खिलाफ बिना किसी तथ्य के बयान जारी कर रहे है। भाजपा राज में बेनीवाल जी के सेटिंग्स चलने वाली नहीं है, उनकी सेटिंग्स का खेल अब समाप्त हो गया है।
प्रदेश बीजेपी कार्यालय में आज रात नेताओं ने सामूहिक रूप से सांसद हनुमान बेनीवाल को लेकर प्रेस कांफ्रेंस की।
सरकार ने 292 पेपरलीक माफियों को जेल में डाला भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी ने सांसद हनुमान बेनीवाल को लेकर कहा कि भारतीय जनता पार्टी में शुचिता की राजनीति को प्राथमिकता दी जाती है। ऐसे में राजनीति क्षेत्र में सभी नेताओं को भी शुचिता की राजनीति करनी चाहिए लेकिन हनुमान बेनीवाल सुर्खियों में बने रहने के लिए अनर्गल बयानबाजी कर रहे है, यह उचित नहीं है।
परनामी ने कहा कि विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में पेपरलीक माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का भरोसा प्रदेश के युवाओं को दिया था, और भजनलाल सरकार ने 16 माह में 292 से अधिक पेपरलीक माफियाओं को सलाखों के पीछे पहुंचाने का काम किया। इतना ही नहीं, 92 लोकसेवकों को पेपरलीक में संलिप्त पाए जाने पर सेवा से बर्खास्त करते हुए इन्हें भी जेल में डालने का ऐतिहासिक कार्य किया है।