भोपाल में चौक-चौराहों पर रंग-गुलाल की बौछारें शुरू: रंगपंचमी पर छोटे-बड़े समेत सभी ले रहे आनंद; शहर के कई इलाकों से निकलेगी गेर – Bhopal News h3>
भोपाल में रंगपंचमी धूमधाम से मनाई जा रही है। गली-गली, चौक-चौराहों और कॉलोनियों में रंगों और गुलाल की बौछार शुरू हो गई है। छोटे-बड़े सभी उम्र के लोग अबीर-गुलाल उड़ाते हुए, ढोल की थाप पर नाचते-गाते और एक-दूसरे को रंग लगाकर होली का आनंद ले रहे हैं।
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इस बीच, पुराने शहर के सुभाष चौक, बरखेड़ी, और नए भोपाल में शाहपुरा से गेर निकाली जाएगी। संत नगर, भेल और कोलार में भी रंगपंचमी धूमधाम से मनाई जाएगी। मुख्य आयोजन चौक बाजार में होगा, जहां बड़ी संख्या में लोग एकत्रित होंगे। गेर की शुरुआत सुबह 11 बजे होगी। हुरियारे भूत-पिशाच का रूप धारण कर गेर में शामिल होंगे। सोमवारा पहुंचते ही 6 टैंकरों से रंग बरसाया जाएगा।
रंगपंचमी पर गली-मोहल्लों में बच्चों ने मचाई धूम।
इन रूट पर निकलेगा जुलूस
रंगपंचमी पर चल समारोह धूमधाम से निकाला जाएगा। यह जुलूस लोहा बाजार, छोटा भैय्या कॉर्नर, जनकपुरी, सिंधी मार्केट, भवानी चौक, लखेरापुरा, पीपल चौक, चिंता मन चौराहा, इतवारा चौराहा से होकर जैन मंदिर रोड, मंगलवारा, गणपति चौक, घोड़ा नक्कास होते हुए हनुमान जी की मढ़िया पर समाप्त होगा।
गेर में शिव-पार्वती, राधा-कृष्ण और ब्रज होली की झांकी आकर्षण का केंद्र होंगी। इसके अलावा, ढोल-ताशे, डीजे, दुल-दुल घोड़ी, ऊंट, घोड़े, फूल-गुलाल उड़ाने वाली मशीन और नृत्य मंडली भी गेर में शामिल होगी।
भोपाल में 1956 में पहली बार निकली थी गेर
समाजसेवी प्रमोद नेमा ने बताया कि 1956 में भोपाल सर्राफा के व्यापारी इंदौर गए थे, जहां उन्होंने रंगपंचमी की गेर देखी। इस आयोजन से प्रेरित होकर उन्होंने भोपाल में भी ऐसा ही जुलूस निकालने का निर्णय लिया। जब वे वापस लौटे, तो सबसे पहले चौक बाजार से रंगपंचमी का जुलूस प्रारंभ किया, जो लगातार 4 वर्षों तक चला।
भीड़ बढ़ने लगी, तो हिंदू उत्सव समिति के संस्थापक उद्धव दास मेहता से इस आयोजन की व्यवस्था संभालने का अनुरोध किया गया। इसके बाद, 1960 में पहली बार हिंदू उत्सव समिति के बैनर तले रंगपंचमी का जुलूस निकाला गया। उस दौर में जुलूस चौक बाजार से प्रारंभ होकर लोहा बाजार, जुमेराती, सोमवारा, लखेरापुरा होते हुए हनुमान गंज स्थित हनुमान जी की मढ़िया पर समाप्त होता था।