भोपाल के हरचंदन सिंह भट्टी को पद्म श्री सम्मान: जनजातीय संग्रहालय के आदिवासी परिवेश को किया डिजाइन; बोले- कला से जुड़ाव सुखद अनुभूति – Bhopal News h3>
हरचंदन सिंह भट्टी भारत भवन के रूपांकर विभाग के निदेशक हैं।
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर शनिवार को पद्म पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई। इसमें पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री से सम्मानित किए जाने वाली हस्तियों के नाम शामिल हैं। इस बार राष्ट्रपति ने 139 पद्म पुरस्कारों को मंजूरी दी है।
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कला के क्षेत्र में यह प्रतिष्ठित पुरस्कार भारत भवन के रूपांकर विभाग के निदेशक और भोपाल के आर्ट डिजाइनर हरचंदन सिंह भट्टी को दिया गया है। वह लंबे समय से विभिन्न प्रकार की डिजाइन तैयार कर रहे हैं। हरचंदन सिंह भट्टी ने भारत भवन के अलावा जनजातीय संग्रहालय के आदिवासी परिवेश को भी डिजाइन किया है।
बनना था चित्रकार, बन गए डिज़ाइनर
हरचंदन सिंह कहते हैं, “मैं बचपन से चित्रकार बनना चाहता था, लेकिन चित्रकार नहीं बन पाया। लेकिन डिज़ाइनर जरूर बन गया। मैं इन दोनों कामों को एक-दूसरे का पर्याय मानता हूं क्योंकि कलाकार का जीवन हमेशा कला से जुड़ा होता है और यही जुड़ाव सुखद अनुभूति देता है।”
हरचंदन आगे कहते हैं, “मुझे इस सम्मान की जानकारी अपने मित्रों और शासन स्तर से मिली।
यह किए हैं काम
- जनजातीय संग्रहालय स्वरूप महत्वपूर्ण योगदान।
- भारत भवन सर्विस में 1981 से जुड़े रहे, फिलहाल यहां रूपांकर विभाग के निदेशक हैं।
- उज्जैन के त्रिवेणी म्यूजियम को संवारा है।
- खजूराहो के आदिवासी म्यूजियम साल 2000 में पहली बार 2022-23 में नया स्वरूप दिया।
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एमपी की 5 हस्तियों को पद्मश्री सम्मान
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई। इसमें मध्यप्रदेश की 5 हस्तियों को भी पद्मश्री सम्मान मिला है। इनमें शैली होल्कर, जगदीश जोशीला और भेरू सिंह चौहान के नाम शामिल हैं। भेरू सिंह इंदौर जिले के महू के रहने वाले हैं। वे निर्गुण कबीर गायक हैं। शैली होलकर ने महेश्वर में एक हैंडलूम स्कूल की स्थापना की। जगदीश जोशीला निमाड़ी उपन्यासकार हैं। इसके अलावा बुधेंद्र कुमार जैन को मेडिसिन में और हरचंदन सिंह भट्टी को कला के क्षेत्र में पद्मश्री सम्मान मिला है। पढ़ें पूरी खबर