भोपाल का काटजू अस्पताल बनेगा मॉडल सेंटर: ​​2030 तक ​मातृ-शिशु मृत्यु दर आधी करने का लक्ष्य, नोडल अधिकारी और अधीक्षक नियुक्त – Bhopal News

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भोपाल का काटजू अस्पताल बनेगा मॉडल सेंटर:  ​​2030 तक ​मातृ-शिशु मृत्यु दर आधी करने का लक्ष्य, नोडल अधिकारी और अधीक्षक नियुक्त – Bhopal News

भोपाल का काटजू अस्पताल बनेगा मॉडल सेंटर: ​​2030 तक ​मातृ-शिशु मृत्यु दर आधी करने का लक्ष्य, नोडल अधिकारी और अधीक्षक नियुक्त – Bhopal News

मध्यप्रदेश में माृत शिशु मृत्यु दर को आधा करने के लिए मिशन 2030 गति पकड़ रहा है। इस कड़ी में राजधानी के काटजू अस्पताल को मॉडल सेंटर के रूप में तैयार किया जा रहा है। इसमें महिलाओं व नवजात शिशु से संबंधित 100 से अधिक रोगों की आधुनिक मशीनों से जांच और इला

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नीति आयोग की सस्टेनेबल डेवल्पमेंट गोल्स (SDG) रिपोर्ट 2024 में प्रदेश के लिए साल 2030 के तय लक्ष्य को हासिल करने के लिए यह कवायद की जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार एक लाख गर्भवती महिलाओं में से 173 की मौत हो जाती है। जिसे कम कर 70 से नीचे लाना जरूरी है। इसी प्रकार 0 से 5 साल तक की आयु के एक हजार में से 51 बच्चों की मौत हो जाती है। इसे भी 25 से नीचा लाने का टारगेट है।

नए नोडल अधिकारी व अधीक्षक की हुई नियुक्ति काटजू अस्पताल को मॉडल सेंटर बनाने के लिए मंगलवार को दो नए अधिकारियों की नियुक्ति हुई है। जिसमें आईईसी संचालक डॉ. रचना दुबे को सेंटर की नोडल अधिकारी और डॉ. बलराम उपाध्याय को अस्पताल अधीक्षक के पद पर नियुक्त किया गया है। पहले ही दिन नोडल अधिकारी डॉ. दुबे ने अधीक्षक डॉ. उपाध्याय की उपस्थिति में अस्पताल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने बच्चा वार्ड, महिला वार्ड, स्टोर शाखा, किचिन आदि का अवलोकन कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। साथ ही सभी संबंधित नर्सिंग इंचार्ज के साथ बैठक कर अस्पताल की मौजूदा कार्यप्रणाली, संसाधनों, सेवाओं की स्थिति और आवश्यक सुधारों के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

100 से अधिक रोगों की होगी जांच लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग महिलाओं और नवजात शिशु (28 दिन तक के बच्चों) की सेहत को बढ़ावा देने के लिए काटजू अस्पताल को स्टेट ऑफ आर्ट सेंटर बन रहा है। यहां आधुनिक मशीनों व नवीनतम विधियों से इलाज की व्यवस्था की जा रही है। इसके साथ प्रिवेंटिव गायनेकोलॉजिस्ट एंड केयर क्लिनिक भी अस्पताल की चौथी मंजिल पर बनाया जा रहा है। जो प्रदेश में अपनी तरह का पहला सेंटर होगा।

यह नई आधुनिक मशीनें आएंगी

  • केगेल चेयर: यह एक पेल्विक फ्लोर मांसपेशी के व्यायाम से जुड़ी मशीन हैं। जिन महिलाओं को बच्चा दानी या संबंधित मांसपेशियों के ढीले होने की शिकायत होती हैं। यह उनमें बिना सर्जरी के उपचार मुहैया कराती है। इस व्यायाम से पेल्विक मांसपेशियों में मजबूती आती है।
  • कोलपोस्कोप: इसके जरिए गर्भाशय ग्रीवा व कैंसर और जननांग समेत संबंधित अंगों की जांच की जाती है।
  • आधुनिक लेजर मशीन: इस मशीन में कई उपकरण होंगे। जो अलग-अलग रोग के अनुसार उपयोग किए जाएंगे। इससे सिस्ट, मैनोपॉज, यूरीन लीक जैसी कई समस्याओं का निदान आसान हो जाएगा। इसके अलावा अन्य मशीनें भी शामिल हैं जिनसे गर्भाशय के कैंसर सेल्स को शुरुआती चरण में ही नष्ट कर दिया जाएगा।

एजुकेशन प्रोग्राम होंगे संचालित काटजू चिकित्सालय की नोडल अधिकारी डॉ. रचना दुबे ने बताया कि अस्पताल को प्रदेश के जच्चा बच्चा अस्पतालों के लिए मॉडल सेंटर के रूप में तैयार किया जा रहा है। यह सेंटर जांच और इलाज के साथ साथ अवेयरनेस और एजुकेशन प्रोग्राम भी संचालित करेगा।

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