भोपाल-इंदौर कॉरीडोर, वेदांता-टाटा-एक्सेल ने दिखाई रूचि | Bhopal-Indore Corridor, Vedanta-Tata-Excel showed interest | Patrika News

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भोपाल-इंदौर कॉरीडोर, वेदांता-टाटा-एक्सेल ने दिखाई रूचि | Bhopal-Indore Corridor, Vedanta-Tata-Excel showed interest | Patrika News

भोपाल-इंदौर कॉरीडोर, वेदांता-टाटा-एक्सेल ने दिखाई रूचि | Bhopal-Indore Corridor, Vedanta-Tata-Excel showed interest | Patrika News

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– कॉरीडोर के सेंट्रल पाइंट आष्टा के आस-पास विकास के प्रयास, हजारों करोड़ के बड़े प्रोजेक्ट आएंगे
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भोपाल

Published: April 08, 2022 10:22:54 pm

भोपाल। प्रदेश के सबसे अहम भोपाल-इंदौर कॉरीडोर में औद्योगिक विकास को नए पंख लग सकते हैं। वजह ये कि अभी तक इस कॉरीडोर में इंदौर-भोपाल के आस-पास ही विकास हो रहा है, लेकिन सरकार की कोशिश पूरे कॉरीडोर को विकसित करने की है। इसके लिए लंबे समय से कॉरीडोर के सेंट्रल पाइंट आष्टा के आस-पास भी औद्योगिक निवेश लाने के प्रयास हो रहे हैं, लेकिन इसमें ज्यादा कामयाबी नहीं मिल पाई है। लेकिन, अब तीन बड़ी कंपनियों ने इस दिशा में रूचि दिखाई है। तीनों कंपनियां बड़ा निवेश प्रोजेक्ट लाने की मंशा रखती है, इस कारण बेहतर कनेक्टिविटी वाले कम विकसित क्षेत्र में भी जा सकती है। इस कारण इस कॉरीडोर का सेंट्रल पाइंट भी इनके लिए मुफीद है। इसलिए सरकार इन्हें इन पाइंट्स पर लाने के प्रयास कर रही है।
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इन 3 कंपनियों ने दिखाई रूचि-
दरअसल, इंदौर-भोपाल से आगे बढक़र इस कॉरीडोर में अन्य कही पर निवेश को लेकर टाटा, वेदांता और एक्सेल समूह ने रूचि दिखाई है। तीनों ही समूह बड़े वेंचर लाना चाहते हैं। इस कारण आष्टा में बड़े वेंचर को लगाया जा सकता है। बड़े वेंचर में आस-पास ही टाउनशिप, शॉपिंग मार्केट व अन्य अधोसंरचना का विकास भी हो जाता है। इसलिए बड़े वेंचर को कम विकसित जगह पर भी शुरू किया जा सकता है। इस कारण तीनों समूह इस ओर कदम बढ़ा रहे हैं। इसमें मुख्य रूप से साफ्टवेयर-हार्डवेयर प्रोजेक्ट आएंगे। वेदांता तीस हजार करोड़ के निवेश पर प्रारंभिक चर्चा कर चुका है। इस कारण इस कड़ी में वेदांता को प्रमुखता से रखा गया है। एक्सेल समूह ने पहले ग्वालियर के समीप रूचि दिखाई थी, लेकिन बड़े निवेश के कारण ज्यादा जमीन चाहिए। यह स्थिति आष्टा के समीप भी है। यह इंदौर-भोपाल का सेंटर पाइंट होने के साथ बेहतर तरीके से कनेक्ट है। इसलिए यहां निवेश फायदेमंद है। तीनों ही समूहों से अभी सरकार की बातचीत चल रही है।
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औद्योगिक कॉरीडोर का कांसेप्ट-
आष्टा में बड़ा औद्योगिक क्लस्टर विकसित हो जाता है, तो सरकार का पूरे इंदौर-भोपाल कॉरीडोर को औद्योगिक कॉरीडोर बनाने का प्रोजेक्ट भी सफल हो जाएगा। इंदौर-भोपाल रूट प्रदेश का सबसे कमर्शियल और बेहतर रूट है। अभी इंदौर और उसके आस-पास ही सबसे ज्यादा विकास हुआ है। यह विकास देवास तक आ चुका है, लेकिन इसके बाद सोनकच्छ से विकास नहीं दिखता। वही भोपाल व आस-पास भी विकास है, लेकिन सीहोर के बाद गेप है। आष्टा में बडा क्लस्टर विकसित हो जाता है, तो यह दोनों ओर से बेहतर तरीके से जुड़ा होगा। भोपाल-इंदौर एयरपोर्ट भी होने से कनेक्टिविटी बेहतर रहेगी। इससे आष्टा से इंदौर-भोपाल दोनों ओर विकास हो पाएगा। इसलिए आष्टा को बेहतर पाइंट माना जा रहा है।
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