भोजपुर में बाल-विवाह की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान: अक्षय तृतीया पर धर्मगुरुओं को बड़ी जिम्मेदारी, कहा- बिना आधार कार्ड देखे शादी नहीं कराऊंगा – Bhojpur News

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भोजपुर में बाल-विवाह की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान:  अक्षय तृतीया पर धर्मगुरुओं को बड़ी जिम्मेदारी, कहा- बिना आधार कार्ड देखे शादी नहीं कराऊंगा – Bhojpur News

भोजपुर में बाल-विवाह की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान: अक्षय तृतीया पर धर्मगुरुओं को बड़ी जिम्मेदारी, कहा- बिना आधार कार्ड देखे शादी नहीं कराऊंगा – Bhojpur News

हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया रथ

भोजपुर में बाल अधिकारों की सुरक्षा और बाल विवाह की रोकथाम के लिए जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन के सहयोगी संगठन ‘दिशा एक प्रयास’ की ओर से धर्मगुरुओं के बीच जागरूकता अभियान चलाया गया। साथ ही जागरूकता रथ को रवाना किया गया।

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रथ को रवाना करने वाले महंत और मौलवी ने कहा कि मैं आज से इस अपराध में शामिल नहीं रहूंगा। पहले शादी कराते समय बच्ची और बच्चों का उम्र नहीं पूछते थे। अब मैं आधार कार्ड देखे बिना कोई काम नहीं करूंगा। इस बाल विवाह मुक्त भारत अभियान को शत प्रतिशत सफल बनाने में अपना सहयोग दूंगा।

अक्षय तृतीया पर निकाला गया जागरूकता अभियान

लोगों में जागरूकता की कमी

संगठन की निदेशिका कुमारी सुनीता सिंह ने बताया कि धर्मगुरुओं से मिला सहयोग और समर्थन अभिभूत करने वाला है। इस अक्षय तृतीया जिले में एक भी बाल विवाह नहीं बोगा। जेआरसी कानूनी हस्तक्षेपों के जरिए बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए देश के 416 जिलों में जमीन पर काम कर 250 से भी ज्यादा नागरिक संगठनों का नेटवर्क है। जिसने पिछले वर्षों में 2 लाख से ज्यादा बाल विवाह रुकवाए हैं। पांच करोड़ से ज्यादा लोगों को बाल विवाह के खिलाफ शपथ दिलाई है।

अभी भी देश में बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता की कमी है। ज्यादातर लोगों को यह पता नहीं है कि यह बाल विवाह निषेध अधिनियम (पीसीएमए), 2006 के तहत दंडनीय अपराध है। इसमें किसी भी रूप में शामिल होने या सेवाएं देने पर दो साल की सजा व जुर्माना या दोनों हो सकता है। इसमें बाराती और लड़की पक्ष के लोगों के अलावा कैटरर, साज-सज्जा करने वाले डेकोरेटर, हलवाई, माली, बैंड बाजा वाले, मैरेज हॉल के मालिक और यहां तक कि विवाह संपन्न कराने वाले पंडित और मौलवी को भी अपराध में संलिप्त माना जाएगा।

भोजपुर जिले के अलग-अलग गांवों में चलाया जा रहा है अभियान।

सुनीता सिंह ने आगे कहा कि इसलिए हमने धर्मगुरुओं और पुरोहित वर्ग के बीच जागरूकता अभियान चलाने का फैसला किया है। हमने उन्हें समझाया कि बाल विवाह और कुछ नहीं बल्कि बच्चों के साथ बलात्कार है। अठारह वर्ष से कम उम्र की किसी बच्ची से वैवाहिक संबंधों में भी यौन संबंध बनाना, पॉक्सो कानून के तहत बलात्कार है। बेहद खुशी का विषय है कि आज पंडित और मौलवी इस बात को समझते हुए न सिर्फ इस अभियान को समर्थन दे रहे हैं, बल्कि खुद आगे बढ़कर बाल विवाह नहीं होने देने की शपथ ले रहे हैं।

इस अभियान में कुमुद कुमार सिंह, रजत कुमार, राजेश कुमार राय, अखिलेश कुमार यादव, रिचा कुमारी, तारा शेखर, संजीत कुमार सिंह, रंजू कुमारी, अंजली कुमारी आदि शामिल थे।

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