भूख हड़ताल टूटी, आंदोलन जारी रखने पर चर्चा आज: भिंड में NH-719 सिक्सलेन बनाने की मांग; संतों के धरने का दसवां दिन – Bhind News h3>
भिंड में नेशनल हाईवे-719 को सिक्सलेन बनाए जाने को लेकर संत समाज पिछले कई दिनों से आंदोलन कर रहा है। शुक्रवार को नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला के पहुंचने के बाद आंदोलन में राजनीति शुरू हो गई।
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शहर के कई लोग आंदोलन समाप्ति की पैरवी करने लगे है। वहीं, कुछ लोग अभी आंदोलन को निरंतर जारी रखने की बात कह रहे है। आंदोलन के आगे की रूपरेखा तय किए जाने को लेकर संत समिति के अध्यक्ष कालीदास महाराज ने संतों और आंदोलन से जुड़े समाजसेवियों की आज बैठक बुलाई है। ये बैठक दोपहर साढ़े बाहर बजे होगी।
संतों के आंदोलन का दसवां दिन संतों के आंदोलन का आज शनिवार को दसवां दिन है। नौवें दिन यानी कल शुक्रवार को संतों से मुलाकात करने के लिए नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला पहुंचे थे। यहां संत समिति के अध्यक्ष कालीदास महाराज ने तीखे शब्दों के साथ भाषण का उद्बोधन किया। इसके बाद मंत्री शुक्ला ने कहा कि मैं संतों का आशीर्वाद लेने आया था। उन्होंने संतों से आंदोलन समाप्त करने का आग्रह भी किया था। इस पर संतों ने हाईवे को सिक्सलेन बनाए जाने को लेकर लिखित में आश्वासन मांगा।
गोहद में पूर्व सैनिकों ने अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया था।
इस पर शुक्ला ने शासन के पाले में गेंद फेंक दी थी। इसके बाद दंदरौआ धाम के महंत महामंडलेश्वर रामदास महाराज भी आंदोलन को समाप्त करने की बात पर सहमति जाहिर की। इसके पश्चात भूख हड़ताल पर बैठे संतों का अनशन खत्म कराया गया। परंतु कल पूरे समय धरना जारी रहा। संतों के अनशन तुड़वाने के बाद आंदोलन समाप्ति की चर्चा जोरों पर चलती रही।
आंदोलन के दौरान मंचासीन संत जन।
संत समिति के अध्यक्ष कालीदास महाराज ने कहा कि कुछ लोग आंदोलन समाप्ति कराना चाहते है। आज शनिवार को संतों व आंदोलन में हिस्सेदारी निभा रहे पूर्व सैनिक संगठन और समाजसेवियों के साथ बैठक की जाएगी। आंदोलन के आगे की रूपरेखा तय होगी।
संतों से आशीर्वाद लेते हुए मंत्री राकेश शुक्ला।
आंदोलन से सरपंच संघ की दूरियां इस आंदोलन को शुरुआत समय में जगह जगह समर्थन करने वाला सरपंच संघ के सदस्य अचानक गायब हो गए। इक्का-दुक्का ही नजर आने लगे। इस पूरे मामले में सरपंच संघ के अध्यक्ष मुरारी तोमर का कहना है कि संतों के आंदोलन को सरपंच संघ का पूरा समर्थन है। कुछ कारण वश मैं या मेरे साथी नहीं आ सके। लेकिन आंदोलन को निरंतर समर्थन है।