भूख-प्यास से तड़प-तड़प कर मरा डॉन, घिसटाते हुए बढ़ रहा था आगे, नहीं निकल रहे थे मुहं से बोल | Don Mukhtar Malik died of hunger and thirst | Patrika News

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भूख-प्यास से तड़प-तड़प कर मरा डॉन, घिसटाते हुए बढ़ रहा था आगे, नहीं निकल रहे थे मुहं से बोल | Don Mukhtar Malik died of hunger and thirst | Patrika News

मलिक की पत्नी ने गैंगस्टर वाहिद को छोड़ा एमपी
गैंगवार में मुख्तार मलिक का साथी विक्की वाहिद भी घायल हो गया था, उसने इस बारे में मुख्तार की पत्नी को सूचना दी, जिसके बाद मुख्तार की पत्नी शिबा गाड़ी लेकर भीमसागर बांध क्षेत्र में आ गई थी, जहां विक्की ने उसे बताया कि मुख्तार ठीक है और छुपा हुआ है, इसके बाद शिबा ने विक्की को गाड़ी से एमपी की बार्डर पर छोड़ा, फिर मुख्तार की पत्नी ने पुलिस को जानकारी दी, इसके बाद मुख्तार के परिजनों के साथ ही पुलिस भी मुख्तार को ढूंढने में जुट गई थी, काफी ढूंढने के बाद भी मुख्तार का पता नहीं चला था, लेकिन जब वहां के ग्रामीणों ने मुख्तार को घायल अवस्था में देखा तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस मुख्तार को अस्पताल लेकर पहुंची, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। ग्रामीणों ने बताया कि वह काफी थक चुका था, पैरों में छाले हो गए थे, ऐसे में घिसटाते हुए आगे बढऩे की कोशिश कर रहा था, मुहं से बोल भी नहीं निकल रहे थे।

कुख्यात बदमाश मुख्तार मलिक की राजस्थान के झालावाड़ जिले के असनावर थाना क्षेत्र में मछलियों के ठेके को लेकर हुए विवाद में हत्या कर दी गई। मंगलवार को ठेके को लेकर मुख्तार और बंटी गुर्जर गैंग में फायरिंग-पथराव हुआ था। मुख्तार जिस नाव में था, वह पलट गई थी। हमले में मुख्तार गंभीर घायल हुआ था। शुक्रवार सुबह पुलिस को भीमसागर क्षेत्र में किसी व्यक्ति के घायल होने की सूचना मिली। पहचान मुख्तार मलिक के रूप में हुई, लेकिन इलाज से पहले ही दम तोड़ दिया। हमले में एक युवक की मौत हो चुकी है और एक लापता है। इधर, पुलिस ने मामले में 12 को गिरफ्तार किया है।

फायरिंग मामले में दोनों पक्षों की ओर से रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। एक पक्ष के कासखेडली निवासी अब्दुल बंटी पुत्र अब्दुल हफीज ने मुख्तार मलिक गुट के शफीक मोहम्मद निवासी रीछवा, शकील मोहम्मद रीछवा, सलमान रीछवा, शोएब हुसैन झालावाड़, विजय कुमार भाट रीछवा, ब्रजराज भील रीछवा, आरिफ खिलचीपुर, मृतक कमल किशोर, मुख्तार मलिक भोपाल, विक्की वाहिद भोपाल व अखलाख खान के खिलाफ फायरिंग कर जानलेवा हमले का मामला दर्ज करवाया है। वहीं दूसरी ओर मृतक कमलकिशोर मीणा के भाई जुगल किशोर मीणा ने कासखेडली निवासी अब्दुल बंटी, किशनपुरा निवासी वसीम अहमद रजा व 8-10 अन्य के खिलाफ फायरिंग व पथराव कर जानलेवा हमले का मामला दर्ज कराया।

इसलिए हुआ था झगड़ा

उजाड़ नदी के बांध क्षेत्र में मछली पकडऩे का ठेका दिल्ली के इरशाद व अन्य के पास था। उन्होंने 31 मई को मलिक को ठेका बेच दिया था। सौदा दिन में हुआ और रात में ही नाव लेने को लेकर बंटी गुर्जर के लोगों ने विरोध किया। इसके बाद दोनों गुटों में झगड़ा होने लगा।

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1982 से अपराध की दुनिया में, 56 केस थे दर्ज
– भोपाल की अदालत में 1995 में खुलेआम गोलीबारी करने के बाद वह डॉन बन गया था। हाईकोर्ट ने मलिक, आसिफ मामू को फांसी की सजा सुनाई थी। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने सभी को बरी कर दिया था।

-मलिक 1982 से अपराध की दुनिया में सक्रिय था।

-उसके खिलाफ रायसेन, भोपाल के विभिन्न थानों में 56 केस थे।

-हत्या, हत्या का प्रयास, बलवा जैसे मामलों में रहा शामिल।

-मुख्तार के पास एके-47 से लेकर विदेशी माउजर, रिवॉल्वर, ऑटोमेटिक पिस्टल जैसे आधुनिक हथियार थे।



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