भारत में जापान करेगा 3.2 लाख करोड़ रुपये का निवेश, दोनों देशों के बीच हुए 6 समझौते h3>
नई दिल्ली: जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा शनिवार को संक्षिप्त यात्रा पर भारत पहुंचे। इसके बाद शाम को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ शिखर वार्ता की। वह रविवार सुबह 8 बजे यहां से प्रस्थान करेंगे। भारत-जापान के बीच पिछली वार्षिक शिखर बैठक अक्टूबर 2018 में टोक्यो में हुई थी। दिसंबर 2019 में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर व्यापक विरोध-प्रदर्शनों के मद्देनजर प्रधानमंत्री मोदी और उनके तत्कालीन जापानी समकक्ष शिंजो आबे के बीच गुवाहाटी में प्रस्तावित वार्षिक शिखर वार्ता रद्द कर दी गई थी। साल 2020 और 2021 में भी कोरोना वायरस महामारी के चलते यह शिखर बैठक नहीं हो सकी थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जापान के अपने समकक्ष फुमियो किशिदा के साथ हुई बैठक के बाद भारत और जापान के बीच 6 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। जापान ने 2014 में की गई निवेश प्रोत्साहन साझेदारी के तहत भारत में 3,20,000 करोड़ रुपये के निवेश लक्ष्य की घोषणा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के बीच वार्ता के बाद जापान ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए सतत विकास पहल की घोषणा की। भारत और जापान ने प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री किशिदा के बीच वार्ता के बाद स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी की घोषणा की।
पीएम मोदी ने बातचीत के बाद कहा कि विश्व अभी भी Covid-19 और उसके दुष्प्रभावों से जूझ रहा है। वैश्विक आर्थिक रिकवरी की प्रक्रिया में अभी भी अडचनें आ रही हैं। जियो पॉलिटिकल घटनाएं भी नई चुनौतियां प्रस्तुत कर रही हैं। इस सन्दर्भ में भारत-जापान पार्टनरशिप को और गहन करना सिर्फ दोनों देशों के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं है। इससे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र और पूरे विश्व के स्तर पर भी शांति, समृद्धि और स्थिरता को प्रोत्साहन मिलेगा।
रेल प्रोजेक्ट्स में जापान के योगदान को सराहा
पीएम मोदी बोले- भारत और जापान, दोनों ही सुरक्षित, भरोसेमंद और स्थिर एनर्जी सप्लाई के महत्व को समझते हैं। यह स्थिर इकनॉमिक ग्रोथ के लक्ष्य को पाने और क्लाइमेट चेंज की समस्या से निपटने के लिए अनिवार्य है। हमारी क्लीन एनर्जी पार्टनरशिप इस दिशा में लिया गया एक निर्णायक कदम साबित होगा। आज भारत ‘मेक इन इंडिया फॉर वर्ल्ड’ (दुनिया के लिए भारत में निर्माण) के लिए असीम संभावनाएं प्रस्तुत करता है। इस संदर्भ में जापानी कंपनियां बहुत समय से एक प्रकार से हमारी ब्रांड अंबेसडर रही हैं। उन्होंने आगे कहा डेडिकेटेड फ्रेट कोरिडोर और मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल जैसे हमारे फ्लैगशिप प्रोजेक्ट्स में जापान का सहयोग उल्लेखनीय रहा है। हम इस योगदान के लिए आभारी हैं। मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट में अच्छी प्रगति हो रही है।
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पीएम मोदी ने बातचीत के बाद कहा कि विश्व अभी भी Covid-19 और उसके दुष्प्रभावों से जूझ रहा है। वैश्विक आर्थिक रिकवरी की प्रक्रिया में अभी भी अडचनें आ रही हैं। जियो पॉलिटिकल घटनाएं भी नई चुनौतियां प्रस्तुत कर रही हैं। इस सन्दर्भ में भारत-जापान पार्टनरशिप को और गहन करना सिर्फ दोनों देशों के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं है। इससे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र और पूरे विश्व के स्तर पर भी शांति, समृद्धि और स्थिरता को प्रोत्साहन मिलेगा।
रेल प्रोजेक्ट्स में जापान के योगदान को सराहा
पीएम मोदी बोले- भारत और जापान, दोनों ही सुरक्षित, भरोसेमंद और स्थिर एनर्जी सप्लाई के महत्व को समझते हैं। यह स्थिर इकनॉमिक ग्रोथ के लक्ष्य को पाने और क्लाइमेट चेंज की समस्या से निपटने के लिए अनिवार्य है। हमारी क्लीन एनर्जी पार्टनरशिप इस दिशा में लिया गया एक निर्णायक कदम साबित होगा। आज भारत ‘मेक इन इंडिया फॉर वर्ल्ड’ (दुनिया के लिए भारत में निर्माण) के लिए असीम संभावनाएं प्रस्तुत करता है। इस संदर्भ में जापानी कंपनियां बहुत समय से एक प्रकार से हमारी ब्रांड अंबेसडर रही हैं। उन्होंने आगे कहा डेडिकेटेड फ्रेट कोरिडोर और मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल जैसे हमारे फ्लैगशिप प्रोजेक्ट्स में जापान का सहयोग उल्लेखनीय रहा है। हम इस योगदान के लिए आभारी हैं। मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट में अच्छी प्रगति हो रही है।
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