भारत के एम्युनिशन डंप के आसपास हुए अवैध निर्माण से सिविलिंयस की सुरक्षा को खतरा,कहीं पाकिस्तान के सियालकोट जैसा न हो हाल h3>
नई दिल्ली: पिछले महीने पाकिस्तान के सियालकोट में पाकिस्तानी सेना के एम्युनिशन डंप (Fire In Ammunition Dump) में आग लग गई थी। जिसके बाद से एम्युनिशन डंप की सुरक्षा और उसके आसपास की आबादी को लेकर चिंताएं और बढ़ी हैं। भारत में भी इंडियन आर्मी के एम्युनिशन डंप (Indian Army Ammunition Dump) के आसपास कई जगह अवैध निर्माण हुआ है। जिससे सिविलियंस की सुरक्षा को खतरा बना रहता है। आर्मी इस मामले को उठा रही है कि ज्यादातर जगहों पर द वर्क्स ऑफ डिफेंस एक्ट का पालन नहीं हो रहा है।
एम्युनिशन डंप में आर्मी की जरूरत की सभी तरह की बुलेट, ग्रेनेड, बॉम, शेल्स, माइनंस, रॉकेट, मिसाइल होती हैं। इतना विस्फोटक सामान होने की वजह से एम्युनिशन डंप या डिपो आबादी वाले इलाके से दूर बनाए जाते हैं। साथ ही खास तरह से डिजाइन किए होते हैं ताकि डिपो की सुरक्षा के साथ ही वहां तैनात लोगों की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो।
सुरक्षा को ध्यान में रखकर ही बना था द वर्क्स ऑफ डिफेंस एक्ट
इंडियन आर्मी के एक अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ही 1903 में द वर्क्स ऑफ डिफेंस एक्ट (The Works Of Defence Act) बना था। जिसके मुताबिक जो भी क्रिटिकल डिफेंस स्टेबलिसमेंट (महत्वपूर्ण रक्षा प्रतिष्ठान) हैं उसके आसपास की जमीन के इस्तेमाल पर कुछ तरह की पाबंदियां हैं, बिना इजाजत वहां निर्माण काम नहीं हो सकता। यह इसलिए बनाया गया कि किसी तरह का हादसा होने पर कोलेटरल डैमेज ना हो।
इस एक्ट के तहत तीन जोन हैं। ए क्लास जोन में 2000 यार्ड तक बिना इजाजत जमीन के ऊपर कोई निर्माण काम नहीं हो सकता। बी क्लास जोन में 1000 यार्ड तक बिना इजाजत न तो निर्माण काम हो सकता है और न ही पेड़ लगाए जा सकते हैं। सी क्लास जोन में 500 यार्ड तक बिना इजाजत जमीन के ऊपर, नीचे कहीं भी कोई निर्माण काम नहीं हो सकता।
कई लोकेशन पर इस एक्ट का हो रहा उल्लंघन
आर्मी सूत्रों के मुताबिक कई लोकेशन पर इस एक्ट का उल्लंघन हो रहा है। एम्युनिशन डंप बदोवाल (लुधियाना), एम्युनिशन डंप वल्ला (अमृतसर), एम्युनिशन डंप पुलगांव (महाराष्ट्र), एम्युनिशन डंप भटिंडा के आसपास सबसे ज्यादा उल्लंघन हुआ है, अतिक्रमण और कई अवैध निर्माण हुए हैं। कई मामलों में केस अदालतों में पेंडिंग हैं। आर्मी के 65 ऐसे स्टेबलिसमेंट हैं जिनके लिए रक्षा मंत्रालय ने द वर्क्स ऑफ डिफेंस एक्ट के तहत गजट नोटिफिकेशन निकाला था। लेकिन लगभग सभी जगह इसका उल्लंघन हो रहा है।
सूत्रों के मुताबिक रक्षा मंत्रालय के नोटिफिकेशन के आधार पर 65 में से 42 स्टेबलिसमेंट के आसपास निर्माण को लेकर पाबंदी को लेकर राज्य सरकारों ने नोटिस निकाले हैं जबकि 23 स्टेबलिसमेंट को अभी राज्य सरकारों ने नोटिफाई ही नहीं किया है। आर्मी के एक अधिकारी ने कहा कि एम्युनिशन डंप के आसपास अवैध निर्माण खतरनाक है और इससे सिविलिंयस को भी खतरा है। साल 2016 में पुलगांव के एम्युनिशन डिपो में भयानक आग लग गई थी जिसमें 11 सैनिक मारे गए। 2010 में पानागढ़ के डिपो में आग लगी जिसके बाद लगातार कई विस्फोट हुए।
सुरक्षा को ध्यान में रखकर ही बना था द वर्क्स ऑफ डिफेंस एक्ट
इंडियन आर्मी के एक अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ही 1903 में द वर्क्स ऑफ डिफेंस एक्ट (The Works Of Defence Act) बना था। जिसके मुताबिक जो भी क्रिटिकल डिफेंस स्टेबलिसमेंट (महत्वपूर्ण रक्षा प्रतिष्ठान) हैं उसके आसपास की जमीन के इस्तेमाल पर कुछ तरह की पाबंदियां हैं, बिना इजाजत वहां निर्माण काम नहीं हो सकता। यह इसलिए बनाया गया कि किसी तरह का हादसा होने पर कोलेटरल डैमेज ना हो।
इस एक्ट के तहत तीन जोन हैं। ए क्लास जोन में 2000 यार्ड तक बिना इजाजत जमीन के ऊपर कोई निर्माण काम नहीं हो सकता। बी क्लास जोन में 1000 यार्ड तक बिना इजाजत न तो निर्माण काम हो सकता है और न ही पेड़ लगाए जा सकते हैं। सी क्लास जोन में 500 यार्ड तक बिना इजाजत जमीन के ऊपर, नीचे कहीं भी कोई निर्माण काम नहीं हो सकता।
कई लोकेशन पर इस एक्ट का हो रहा उल्लंघन
आर्मी सूत्रों के मुताबिक कई लोकेशन पर इस एक्ट का उल्लंघन हो रहा है। एम्युनिशन डंप बदोवाल (लुधियाना), एम्युनिशन डंप वल्ला (अमृतसर), एम्युनिशन डंप पुलगांव (महाराष्ट्र), एम्युनिशन डंप भटिंडा के आसपास सबसे ज्यादा उल्लंघन हुआ है, अतिक्रमण और कई अवैध निर्माण हुए हैं। कई मामलों में केस अदालतों में पेंडिंग हैं। आर्मी के 65 ऐसे स्टेबलिसमेंट हैं जिनके लिए रक्षा मंत्रालय ने द वर्क्स ऑफ डिफेंस एक्ट के तहत गजट नोटिफिकेशन निकाला था। लेकिन लगभग सभी जगह इसका उल्लंघन हो रहा है।
सूत्रों के मुताबिक रक्षा मंत्रालय के नोटिफिकेशन के आधार पर 65 में से 42 स्टेबलिसमेंट के आसपास निर्माण को लेकर पाबंदी को लेकर राज्य सरकारों ने नोटिस निकाले हैं जबकि 23 स्टेबलिसमेंट को अभी राज्य सरकारों ने नोटिफाई ही नहीं किया है। आर्मी के एक अधिकारी ने कहा कि एम्युनिशन डंप के आसपास अवैध निर्माण खतरनाक है और इससे सिविलिंयस को भी खतरा है। साल 2016 में पुलगांव के एम्युनिशन डिपो में भयानक आग लग गई थी जिसमें 11 सैनिक मारे गए। 2010 में पानागढ़ के डिपो में आग लगी जिसके बाद लगातार कई विस्फोट हुए।