भारतीय नौसेना ने चीन की नाक के नीचे जापान, दक्षिण कोरिया के साथ किया जंग का अभ्यास h3>
हाइलाइट्स:
- भारत ने समुद्र में चीनी ड्रैगन की चुनौती मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी शुरू कर दी है
- भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस किलटान ने पूर्वी चीन सागर में अभ्यास किया है
- भारतीय युद्धपोत ने जापान और दक्षिण कोरिया की सेना के साथ तैयारियों को परखा
तोक्यो/सोल
लद्दाख में चल रहे तनाव के बीच भारत ने समुद्र में चीनी ड्रैगन की चुनौती मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी शुरू कर दी है। भारतीय नौसेना के अत्याधुनिक जंगी जहाज आईएनएस किलटान ने पूर्वी चीन सागर में जापान और दक्षिण कोरिया की सेना के साथ मिलकर जंग लड़ने का अभ्यास किया है। यह वही क्षेत्र है जहां पर चीन का अपने पड़ोसी देश जापान और ताइवान के साथ तनाव काफी बढ़ गया है।
ऐंटी सबमरीन खूबियों से लैस स्वदेशी युद्धपोत आईएनएस किलटान को भारतीय नौसेना ने सुदूर पूर्व के दौरे पर तैनात किया है। इसी तैनाती के दौरान भारतीय जंगी जहाज ने जापान के जेएस हमाना युद्धपोत के साथ पूर्वी चीन सागर में द्विपक्षीय अभ्यास किया। इस दौरान दोनों ही देशों की नौसेनाओं ने एक-दूसरे के साथ मिलकर जंग लड़ने का अभ्यास किया।
दक्षिण कोरियाई जंगी जहाज के साथ युद्ध की तैयारी
इसके बाद भारतीय नौसैनिक युद्धपोत ने दक्षिण कोरियाई जंगी जहाज के साथ युद्ध की तैयारियों को परखा। दक्षिण कोरिया की ओर से ग्येओंगनम नामक के फ्रीगेट ने हिस्सा लिया। भारतीय नौसेना ने एक बयान जारी करके बताया कि यह अभ्यास 28 जून को हुआ। खबरों के मुताबिक अब भारतीय युद्धपोत चीन के एक अन्य विरोधी देश फिलीपीन्स के पास पहुंच गया है।
वहीं इंडियन नेवी के एक अन्य युद्धपोत आईएनएस ऐरावत पिछले दिनों वियतनाम के कैमरान्ह बे इलाके का दौरा किया था। नौसेना ने बताया कि इस युद्धपोत को कैमरान्ह बे इलाके में तैनात किया गया है। भारतीय युद्धपोत ऐसे समय पर साउथ चाइना सी पहुंचा है जब चीन का अपने पड़ोसी देशों के साथ विवाद काफी बढ़ गया है। साथ ही चीनी जहाजों की घुसपैठ लगातार हिंद महासागर में बढ़ती जा रही है।
आईएनएस किलटान का 81 फीसदी हिस्सा स्वदेशी
भारत ने चीन को दिखा दिया है कि अगर वह उसके प्रभाव के क्षेत्र हिंद महासागर में घुसपैठ कर सकता है तो भारतीय जंगी जहाज भी साउथ चाइना सी की गहराईयों को नापने के लिए कभी भी पहुंच सकते हैं। इससे पहले भारत ने गलवान घाटी हिंसा के बाद अपने एक युद्धपोत को दक्षिण चीन सागर में तैनात कर दिया था। इस युद्धपोत को उस इलाके में तैनात किया गया है, जहां चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी की नौसेना ने किसी भी अन्य फोर्स की मौजूदगी पर ऐतराज जताया था।
इस जहाज का 81 फीसदी हिस्सा स्वदेशी है और परमाणु, जैविक और रासायनिक हमलों से मुकाबले के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित है। इसमें देश में ही बने कई हथियारों और सेंसरों को जोड़ा गया है। यह हैवीवेट टारपीडो, ASW रॉकेट, 76 मिमी कैलिबर मीडियम रेंज गन और 2 मल्टीबैरल 30 एम. एम. बंदूकों से लैस है। यह पहला प्रमुख जहाज है, जिसकी डिलिवरी से पहले सभी प्रमुख हथियारों और सेंसरों के समुद्री परीक्षण किए गए हैं।
हाइलाइट्स:
- भारत ने समुद्र में चीनी ड्रैगन की चुनौती मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी शुरू कर दी है
- भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस किलटान ने पूर्वी चीन सागर में अभ्यास किया है
- भारतीय युद्धपोत ने जापान और दक्षिण कोरिया की सेना के साथ तैयारियों को परखा
लद्दाख में चल रहे तनाव के बीच भारत ने समुद्र में चीनी ड्रैगन की चुनौती मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी शुरू कर दी है। भारतीय नौसेना के अत्याधुनिक जंगी जहाज आईएनएस किलटान ने पूर्वी चीन सागर में जापान और दक्षिण कोरिया की सेना के साथ मिलकर जंग लड़ने का अभ्यास किया है। यह वही क्षेत्र है जहां पर चीन का अपने पड़ोसी देश जापान और ताइवान के साथ तनाव काफी बढ़ गया है।
ऐंटी सबमरीन खूबियों से लैस स्वदेशी युद्धपोत आईएनएस किलटान को भारतीय नौसेना ने सुदूर पूर्व के दौरे पर तैनात किया है। इसी तैनाती के दौरान भारतीय जंगी जहाज ने जापान के जेएस हमाना युद्धपोत के साथ पूर्वी चीन सागर में द्विपक्षीय अभ्यास किया। इस दौरान दोनों ही देशों की नौसेनाओं ने एक-दूसरे के साथ मिलकर जंग लड़ने का अभ्यास किया।
दक्षिण कोरियाई जंगी जहाज के साथ युद्ध की तैयारी
इसके बाद भारतीय नौसैनिक युद्धपोत ने दक्षिण कोरियाई जंगी जहाज के साथ युद्ध की तैयारियों को परखा। दक्षिण कोरिया की ओर से ग्येओंगनम नामक के फ्रीगेट ने हिस्सा लिया। भारतीय नौसेना ने एक बयान जारी करके बताया कि यह अभ्यास 28 जून को हुआ। खबरों के मुताबिक अब भारतीय युद्धपोत चीन के एक अन्य विरोधी देश फिलीपीन्स के पास पहुंच गया है।
वहीं इंडियन नेवी के एक अन्य युद्धपोत आईएनएस ऐरावत पिछले दिनों वियतनाम के कैमरान्ह बे इलाके का दौरा किया था। नौसेना ने बताया कि इस युद्धपोत को कैमरान्ह बे इलाके में तैनात किया गया है। भारतीय युद्धपोत ऐसे समय पर साउथ चाइना सी पहुंचा है जब चीन का अपने पड़ोसी देशों के साथ विवाद काफी बढ़ गया है। साथ ही चीनी जहाजों की घुसपैठ लगातार हिंद महासागर में बढ़ती जा रही है।
आईएनएस किलटान का 81 फीसदी हिस्सा स्वदेशी
भारत ने चीन को दिखा दिया है कि अगर वह उसके प्रभाव के क्षेत्र हिंद महासागर में घुसपैठ कर सकता है तो भारतीय जंगी जहाज भी साउथ चाइना सी की गहराईयों को नापने के लिए कभी भी पहुंच सकते हैं। इससे पहले भारत ने गलवान घाटी हिंसा के बाद अपने एक युद्धपोत को दक्षिण चीन सागर में तैनात कर दिया था। इस युद्धपोत को उस इलाके में तैनात किया गया है, जहां चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी की नौसेना ने किसी भी अन्य फोर्स की मौजूदगी पर ऐतराज जताया था।
इस जहाज का 81 फीसदी हिस्सा स्वदेशी है और परमाणु, जैविक और रासायनिक हमलों से मुकाबले के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित है। इसमें देश में ही बने कई हथियारों और सेंसरों को जोड़ा गया है। यह हैवीवेट टारपीडो, ASW रॉकेट, 76 मिमी कैलिबर मीडियम रेंज गन और 2 मल्टीबैरल 30 एम. एम. बंदूकों से लैस है। यह पहला प्रमुख जहाज है, जिसकी डिलिवरी से पहले सभी प्रमुख हथियारों और सेंसरों के समुद्री परीक्षण किए गए हैं।