भाजपा को होली से पहले नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलेगा: दक्षिण भारत से हो सकता है नया नेशनल प्रेसिडेंट, नड्डा एक और कार्यकाल नहीं लेंगे h3>
नई दिल्ली3 मिनट पहलेलेखक: सुजीत ठाकुर
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जून 2024 में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को 6 महीने का एक्सटेंशन दिया गया था।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया की शुरुआत मार्च के पहले हफ्ते तक शुरू हो जाएगी। होली (14 मार्च) से पहले पार्टी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल जाएगा।
इस बार राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए दक्षिण भारत से किसी नेता के नाम पर सहमति बन सकती है। क्योंकि, भाजपा का फोकस अब दक्षिणी राज्यों पर है।
फरवरी के आखिरी तक 18 राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों के चयन की प्रक्रिया पूरी होते ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए चुनाव कार्यक्रम घोषित होगा।
भाजपा संविधान के मुताबिक राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तभी कराया जा सकता है जब देश के कम से कम आधे राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव हो जाएं।
पार्टी के एक नेता के मुताबिक, मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक और कार्यकाल देने की जगह पार्टी नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनेगी।
हालांकि, भाजपा संविधान के मुताबिक राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए कोई व्यक्ति लगातार दो टर्म के लिए चुना जा सकता है।
इस लिहाज से नड्डा तकनीकी रूप से राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की योग्यता रखते हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि उन्होंने दोबारा अध्यक्ष बनने की जगह किसी नए व्यक्ति को यह जिम्मेदारी देने की बात कही है।
दक्षिण भारत से किसी को मौका संभव, 20 साल से नहीं बना इस बार राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए दक्षिण भारत से किसी नेता के नाम पर सहमति बनाने का विचार है। क्योंकि, भाजपा का फोकस अब दक्षिणी राज्यों पर है।
20 साल से वहां से कोई राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बना है। 2002-2004 के बीच वेंकैया नायडू (आंध्र) आखिरी थे। इस पर आरएसएस व आनुषंगिक संगठनों से भी चर्चा हो चुकी है।
ये तय है कि जो भी नया राष्ट्रीय अध्यक्ष बनेगा अगला लोकसभा चुनाव 2029 उसी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। भाजपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल 3 साल होता है, ऐसे में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल जनवरी 2028 तक होगा।
ठीक 14 महीने बाद लोकसभा चुनाव होंगे। जिसके चलते उनका कार्यकाल लोकसभा चुनाव तक बढ़ाया जाएगा।
राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव कराने से पहले भाजपा में सभी प्रदेशों में संगठनात्मक चुनाव होते हैं। यह चुनाव मंडल से लेकर जिला और प्रदेश स्तर तक होता है। प्रदेश स्तर पर चुनाव की प्रक्रिया जारी है।
जून में बढ़ा था जेपी नड्डा का कार्यकाल नड्डा का कार्यकाल जनवरी 2024 में खत्म हुआ था। पिछले साल लोकसभा चुनाव के लिए जून तक उनके कार्यकाल को 6 महीने का विस्तार दिया गया था। नड्डा अभी केंद्रीय मंत्री भी हैं।
अब तक चुनाव निर्विरोध… भाजपा में अभी तक राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव निर्विरोध होता आया है। यानी सिर्फ एक ही व्यक्ति नामांकन करता है और बिना वोटिंग अध्यक्ष चुन लिया जाता है। इस बार भी यही परंपरा रहने की उम्मीद है।
हालांकि, 2013 में जब नितिन गडकरी को दोबारा अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया शुरू हुई थी, तब यशवंत सिन्हा ने नामांकन पर्चा लिया था। इससे बवाल मच गया था, लेकिन जब गडकरी ने अनिच्छा दिखाई, तब सिन्हा ने पर्चा वापस लिया था और राजनाथ सिंह को अध्यक्ष चुना गया था।
अभी कौन, कहां प्रदेश अध्यक्ष
1. आंध्र प्रदेश
दग्गुबाती पुरंदेश्वरी
2. अरुणाचल प्रदेश
बियुराम वाहगे
3. असम
भाबेश कलिता
4. बिहार
दिलीप कुमार जयसवाल
5. छत्तीसगढ़
किरण सिंह देव
6. गोवा
सदानंद तनावड़े
7. गुजरात
सीआर पाटिल
8. हरियाणा-
मोहन लाल बड़ौली
9. हिमाचल प्रदेश
राजीव बिंदल
10. झारखंड
बाबूलाल मरांडी
11. कर्नाटक
बीवाई विजयेंद्र
12. केरल
के सुरेंद्रन
13. मध्य प्रदेश
वीडी शर्मा
14. महाराष्ट्र
चन्द्रशेखर बावनकुले
15. मणिपुर
अधिकारी मयुम शारदा देवी
16. मेघालय
रिकमान मोमिन
17. मिजोरम
वनलालहमुअका
18. नगालैंड
बेंजामिन येपथोमी
19. ओडिशा
मनमोहन सामल
20. पंजाब
सुनील जाखड़
21. राजस्थान
मदन राठौड़
22. सिक्किम
दिल्ली राम थापा
23. तमिलनाडु
के अन्नामलाई
24. तेलंगाना
जी किशन रेड्डी
25. त्रिपुरा
राजीव भट्टाचार्य
26. उत्तर प्रदेश
चौधरी भूपेन्द्र सिंह
27. उत्तराखंड-
महेंद्र भट्ट
28. पश्चिम बंगाल
सुकांत मजूमदार
केंद्र शासित प्रदेशों में अध्यक्ष
अंडमान और निकोबार
अजय बैरागी
चंडीगढ़
जतिंदर पाल मल्होत्रा
दादरा-नगर हवेली और दमन-दीव
दीपेश ठाकोर भाई टंडेल
दिल्ली-
वीरेंद्र सचदेवा
जम्मू-कश्मीर-
रविंदर रैना
लद्दाख-
फुंचोक स्टैनज़िन
लक्षद्वीप-
केएन कास्मिकोया
पुडुचेरी-
एस सेल्वगणपति
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नई दिल्ली3 मिनट पहलेलेखक: सुजीत ठाकुर
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जून 2024 में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को 6 महीने का एक्सटेंशन दिया गया था।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया की शुरुआत मार्च के पहले हफ्ते तक शुरू हो जाएगी। होली (14 मार्च) से पहले पार्टी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल जाएगा।
इस बार राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए दक्षिण भारत से किसी नेता के नाम पर सहमति बन सकती है। क्योंकि, भाजपा का फोकस अब दक्षिणी राज्यों पर है।
फरवरी के आखिरी तक 18 राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों के चयन की प्रक्रिया पूरी होते ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए चुनाव कार्यक्रम घोषित होगा।
भाजपा संविधान के मुताबिक राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तभी कराया जा सकता है जब देश के कम से कम आधे राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव हो जाएं।
पार्टी के एक नेता के मुताबिक, मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक और कार्यकाल देने की जगह पार्टी नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनेगी।
हालांकि, भाजपा संविधान के मुताबिक राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए कोई व्यक्ति लगातार दो टर्म के लिए चुना जा सकता है।
इस लिहाज से नड्डा तकनीकी रूप से राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की योग्यता रखते हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि उन्होंने दोबारा अध्यक्ष बनने की जगह किसी नए व्यक्ति को यह जिम्मेदारी देने की बात कही है।
दक्षिण भारत से किसी को मौका संभव, 20 साल से नहीं बना इस बार राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए दक्षिण भारत से किसी नेता के नाम पर सहमति बनाने का विचार है। क्योंकि, भाजपा का फोकस अब दक्षिणी राज्यों पर है।
20 साल से वहां से कोई राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बना है। 2002-2004 के बीच वेंकैया नायडू (आंध्र) आखिरी थे। इस पर आरएसएस व आनुषंगिक संगठनों से भी चर्चा हो चुकी है।
ये तय है कि जो भी नया राष्ट्रीय अध्यक्ष बनेगा अगला लोकसभा चुनाव 2029 उसी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। भाजपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल 3 साल होता है, ऐसे में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल जनवरी 2028 तक होगा।
ठीक 14 महीने बाद लोकसभा चुनाव होंगे। जिसके चलते उनका कार्यकाल लोकसभा चुनाव तक बढ़ाया जाएगा।
राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव कराने से पहले भाजपा में सभी प्रदेशों में संगठनात्मक चुनाव होते हैं। यह चुनाव मंडल से लेकर जिला और प्रदेश स्तर तक होता है। प्रदेश स्तर पर चुनाव की प्रक्रिया जारी है।
जून में बढ़ा था जेपी नड्डा का कार्यकाल नड्डा का कार्यकाल जनवरी 2024 में खत्म हुआ था। पिछले साल लोकसभा चुनाव के लिए जून तक उनके कार्यकाल को 6 महीने का विस्तार दिया गया था। नड्डा अभी केंद्रीय मंत्री भी हैं।
अब तक चुनाव निर्विरोध… भाजपा में अभी तक राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव निर्विरोध होता आया है। यानी सिर्फ एक ही व्यक्ति नामांकन करता है और बिना वोटिंग अध्यक्ष चुन लिया जाता है। इस बार भी यही परंपरा रहने की उम्मीद है।
हालांकि, 2013 में जब नितिन गडकरी को दोबारा अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया शुरू हुई थी, तब यशवंत सिन्हा ने नामांकन पर्चा लिया था। इससे बवाल मच गया था, लेकिन जब गडकरी ने अनिच्छा दिखाई, तब सिन्हा ने पर्चा वापस लिया था और राजनाथ सिंह को अध्यक्ष चुना गया था।
अभी कौन, कहां प्रदेश अध्यक्ष
केंद्र शासित प्रदेशों में अध्यक्ष
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