ब्लड नमूनों से नहीं मिला खाने में जहर, अब 59 मरीजों के 'मल' की होगी जांच

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ब्लड नमूनों से नहीं मिला खाने में जहर, अब 59 मरीजों के 'मल' की होगी जांच


ब्लड नमूनों से नहीं मिला खाने में जहर, अब 59 मरीजों के 'मल' की होगी जांच

पूंछ थाना क्षेत्र के बरौदा गांव में त्रयोदशी संस्कार में खाना खाने के बाद सैकड़ों लोगों को फूड पॉइजनिंग होने के मामले में अच्छी खबर यह है कि मेडिकल कॉलेज भर्ती हुए एक सैकड़ा से अधिक मरीजों में से अधिकांश अब ठीक होकर अपने घर लौट गए हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग मरीजों के ठीक होने के बाद भी कोई रिस्क लेना नहीं चाहता है। इसलिए जो मरीज खुद को बीमार बता रहे हैं, उन्हें भर्ती कर लिया जा रहा है। वहीं, मंगलवार को मेडिकल कॉलेज पहुंचे मरीजों की रक्त जांच की रिपोर्ट में फिलहाल चिकित्सकों को ऐसे केमिकल का पता नहीं चला है कि जो उनकी चिंता के साथ ही मरीज की समस्या को बढ़ाता हो। बावजूद इसके 5 दर्जन से अधिक मरीजों के मल की जांच भी मेडिकल के डॉक्टर करा रहे हैं, ताकि फूड पॉइजनिंग के सही कारणों तक पहुंचा जा सके। दूसरी ओर देर शाम जिला अस्पताल में भी दर्जन भर मरीजों को भर्ती कराया गया है।

मरीजों का हुआ ब्लड टेस्ट

पूंछ के ग्राम बरौदा में लगभग 1800 ग्रामीण त्रयोदशी का भोजन करने के बाद उल्टी, दस्त, पेट में दर्द, चक्कर, सिर दर्द और बुखार के शिकार हो गए थे। जिन बच्चों ने अपनी मां का दूध पीया, वह भी बीमार पड़ गए। हालांकि, मां का दूध छुड़ाने और थोड़े से उपचार के बाद अब बच्चों की सेहत में सुधार बताया जा रहा है। दूसरी तरफ मेडिकल कॉलिज में भर्ती 130 से अधिक मरीजों में से 35 मरीजों के ठीक होने के बाद मंगलवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। मेडिकल कॉलिज के 10 नम्बर नेत्र वॉर्ड में स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे चिकित्सकों ने बताया कि यहां भर्ती लगभग प्रत्येक मरीज का ब्लड टेस्ट कराया गया है।

59 मल के सैंपल लिए गए

इस रिपोर्ट में ऐसा कुछ विशेष नहीं आया है कि जिसे देख कर यह कहा जा सके कि मरीजों को बहुत अधिक संक्रमण हुआ है। हालांकि सभी को एण्टिबायोटिक डोज दी गयी है। लेकिन अब भी बड़ी संख्या में मरीज ऐसे हैं, जिन्हें दवा का असर समाप्त होते ही दस्त, पेट दर्द और चक्कर आने की शिकायत आ रही है। ऐसे में फूड पॉइजिनिंग का सही पता लगाने के लिए मेडिकल कॉलिज के प्रधानाचार्य प्रो. एनएस सेंगर द्वारा गठित डॉक्टर की टीम ने मंगलवार सुबह 59 मरीजों के मल का सैंपल लैब भिजवाया है। इससे पता लगाया जाएगा कि उन्हें भोजन में किस खाद्य पदार्थ से नुकसान उठाना पड़ा। इस जांच की रिपोर्ट में अभी दो दिन का समय लगेगा, जिसके बाद ही स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो सकेगी।



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