ब्रेल लिपी में देनी है परीक्षा, तो खुद करनी होगी पेपर की व्यवस्था | Examination in Braille script, paper will have to be arranged yourself | News 4 Social h3>
जबलपुरPublished: Jan 19, 2024 10:53:14 pm
दिव्यांगो को राइटर भी खुद पढ़ेंगे ढूंढने, शिक्षा विभाग के पास नहीं व्यवस्था, छात्रों को बढ़ेगी मुश्किलें, पांचवी आठवीं बोर्ड परीक्षा का मामला
पांचवी व आठवीं बोर्ड के लिए कल से शुरू होंगे ऑनलाइन आवेदन
जबलपुर.
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित की जाने वाली पांचवी आठवीं की बोर्ड परीक्षाओं में दिव्यांग छात्रों के सामने मुश्किलें खड़ी होंगी। शिक्षा विभाग के पास न तो परीक्षा कराने के लिए ब्रेल पेपर उपलब्ध हैं न ही राइटर को देने के लिए राशि। अर्थात परीक्षाओं में दोनों ही चीजों की व्यवस्था ऐसे छात्रों को स्वयं उठानी होगी। जबकि छात्र मांग कर रहे थे कि उन्हे भी अन्य परीक्षाओं के समक्ष सुविधा प्रदान की जाए। हालांकि विभाग ने इस संबंध में छात्रों को किसी भी प्रकार की रियायत नहीं दी है। विभाग ने इसका जिम्मा छात्रों के मत्थे मढ़ दिया है। छात्रों को खुद इसकी व्यवस्था स्वयं के खर्चे से करनी होगी। हालांकि यह जरूर है कि ऐसे छात्रों के लिए विभाग द्वारा परीक्षा में 20 मिनट का अतिरिक्त समय दिया जाएगा साथ ही इन छात्रों के लिए बैठने की भी अलग से व्यवस्था की जाएगी
माशिमं की तर्ज पर की थी मांग
छात्रों ने माध्यमिक शिक्षा मंडल के तर्ज पर सुविधाएं प्रदान करने की मांग की थी। जिसमें विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त बच्चों को उनकी सुविधा के अनुसार केंद्रो में राइटर भी उपलब्ध कराया जाता है। राइटर के रूप में प्रतिदिन के हिसाब से 150 रुपए प्रदान किए जाते हैं। साथ ही यदि राइटर की व्यवस्था उपलब्ध नहीं होने की िस्थति में पीडि़त की मांग पर केंद्राध्यक्ष द्वारा राइटर की भी व्यवस्था उपलब्ध कराई जाती है। लेकिन इस तरह की व्यवस्था को लेकर कोई भी प्रावधान नहीं किया गया है। जबकि दिव्यांग छात्रों द्वारा इसे लेकर प्रदर्शन तक कर चुके हैं।
तीन हजार नि:शक्त छात्र
जानकारों के अनुसार जिले में नि:शक्त छात्रों की संख्या तीन हजार से अधिक है। पाचवीं और आठवीं बोर्ड परीक्षा परीक्षा के दौरान नि:शक्त छात्रों को राइटर लाने के लिए खुद ही पहल करनी होगी। वहीं विभाग ने भी सपष्ट कर दिया है कि यदि राइटर छात्र से अधिक पढा हुआ होता है तो संबंधित छात्र को परीक्षा से वंचित भी कर दिया जाएगा। दूसरी और छात्रों की समस्या है कि राइटर ढूंढने के बाद भी आसानी से नहीं मिलतें है। दिव्यांग राजाराम पटेल, सुरेंद्र कहते हैं कि किसी भी परीक्षा में राइटर आसानी से नहीं मिलते है जो मिलते भी हैं तो काफी पैंसा मांगते हैं। विभाग को इस दिशा में पहल करनी चाहिए।
-ऐसे छात्रों के लिए राशि का प्रावधान उच्च स्तर पर होना है। हम अपने स्तर पर यह प्रयास जरूर करेंगे कि यदि परीक्षा के दोरान कोई नि:शक्त छात्र राइटर की मांग करेगा तो उसे उपलब्ध कराया जाए।
-योगेश शर्मा, जिला परियोजना समन्वयक
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जबलपुरPublished: Jan 19, 2024 10:53:14 pm
दिव्यांगो को राइटर भी खुद पढ़ेंगे ढूंढने, शिक्षा विभाग के पास नहीं व्यवस्था, छात्रों को बढ़ेगी मुश्किलें, पांचवी आठवीं बोर्ड परीक्षा का मामला
पांचवी व आठवीं बोर्ड के लिए कल से शुरू होंगे ऑनलाइन आवेदन
जबलपुर.
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित की जाने वाली पांचवी आठवीं की बोर्ड परीक्षाओं में दिव्यांग छात्रों के सामने मुश्किलें खड़ी होंगी। शिक्षा विभाग के पास न तो परीक्षा कराने के लिए ब्रेल पेपर उपलब्ध हैं न ही राइटर को देने के लिए राशि। अर्थात परीक्षाओं में दोनों ही चीजों की व्यवस्था ऐसे छात्रों को स्वयं उठानी होगी। जबकि छात्र मांग कर रहे थे कि उन्हे भी अन्य परीक्षाओं के समक्ष सुविधा प्रदान की जाए। हालांकि विभाग ने इस संबंध में छात्रों को किसी भी प्रकार की रियायत नहीं दी है। विभाग ने इसका जिम्मा छात्रों के मत्थे मढ़ दिया है। छात्रों को खुद इसकी व्यवस्था स्वयं के खर्चे से करनी होगी। हालांकि यह जरूर है कि ऐसे छात्रों के लिए विभाग द्वारा परीक्षा में 20 मिनट का अतिरिक्त समय दिया जाएगा साथ ही इन छात्रों के लिए बैठने की भी अलग से व्यवस्था की जाएगी
माशिमं की तर्ज पर की थी मांग
छात्रों ने माध्यमिक शिक्षा मंडल के तर्ज पर सुविधाएं प्रदान करने की मांग की थी। जिसमें विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त बच्चों को उनकी सुविधा के अनुसार केंद्रो में राइटर भी उपलब्ध कराया जाता है। राइटर के रूप में प्रतिदिन के हिसाब से 150 रुपए प्रदान किए जाते हैं। साथ ही यदि राइटर की व्यवस्था उपलब्ध नहीं होने की िस्थति में पीडि़त की मांग पर केंद्राध्यक्ष द्वारा राइटर की भी व्यवस्था उपलब्ध कराई जाती है। लेकिन इस तरह की व्यवस्था को लेकर कोई भी प्रावधान नहीं किया गया है। जबकि दिव्यांग छात्रों द्वारा इसे लेकर प्रदर्शन तक कर चुके हैं।
तीन हजार नि:शक्त छात्र
जानकारों के अनुसार जिले में नि:शक्त छात्रों की संख्या तीन हजार से अधिक है। पाचवीं और आठवीं बोर्ड परीक्षा परीक्षा के दौरान नि:शक्त छात्रों को राइटर लाने के लिए खुद ही पहल करनी होगी। वहीं विभाग ने भी सपष्ट कर दिया है कि यदि राइटर छात्र से अधिक पढा हुआ होता है तो संबंधित छात्र को परीक्षा से वंचित भी कर दिया जाएगा। दूसरी और छात्रों की समस्या है कि राइटर ढूंढने के बाद भी आसानी से नहीं मिलतें है। दिव्यांग राजाराम पटेल, सुरेंद्र कहते हैं कि किसी भी परीक्षा में राइटर आसानी से नहीं मिलते है जो मिलते भी हैं तो काफी पैंसा मांगते हैं। विभाग को इस दिशा में पहल करनी चाहिए।
-ऐसे छात्रों के लिए राशि का प्रावधान उच्च स्तर पर होना है। हम अपने स्तर पर यह प्रयास जरूर करेंगे कि यदि परीक्षा के दोरान कोई नि:शक्त छात्र राइटर की मांग करेगा तो उसे उपलब्ध कराया जाए।
-योगेश शर्मा, जिला परियोजना समन्वयक