ब्रह्मोस मिसाइल: अब 800 किलोमीटर तक दुश्मन साफ | indian-air-force-test-fired-brahmos-missile-from-su30 | Patrika News

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भारतीय वायु सेना ने देश के पूर्वी तट पर सुखोई 30 एमकेआई युद्धक विमान से दागी गई ब्रह्मोस मिसाइल ने भारतीय नौ सेना के डिकमीशन्ड जहाज बर्बाद कर दिया। इस मिसाइल का हमला इतना सटीक था कि जहाज बीच से दो टुकड़े हो गया। भारतीय वायु सेना और नौ सेना के समन्वय में हुए इस परीक्षण में मिसाइल पूरी तरह से बेहतर साबित हुई।

जयपुर

Published: April 19, 2022 11:24:45 pm

जयपुर भारतीय वायु सेना ने देश के पूर्वी तट पर सुखोई 30 एमकेआई युद्धक विमान से दागी गई ब्रह्मोस मिसाइल ने भारतीय नौ सेना के डिकमीशन्ड जहाज बर्बाद कर दिया। इस मिसाइल का हमला इतना सटीक था कि जहाज बीच से दो टुकड़े हो गया। भारतीय वायु सेना और नौ सेना के समन्वय में हुए इस परीक्षण में मिसाइल पूरी तरह से बेहतर साबित हुई।

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भारतीय वायु सेना के लिए ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल का उच्चीकृत वायु वर्जन तैयार कर रहा है। इसकी रेंज 800 किलोमीटर से अधिक होगी। इसे 40 से ज्यादा सुखोई जेट में लगाने का आदेश 2016 में ही दिया जा चुका है। ऐसे में वायु सेना लेह से ही चाहे तो चीन हो या पाकिस्तान इनका कोई शहर हमारे निशाने से बच नहीं सकता है।

दुश्मन की नींद उड़ गई है,ऐसा है ब्रह्मोस
पाकिस्तान पर गलती से हुई मिस्टेक में ब्रह्मोस ही गिरी थी। इसके साथ ही उसके और उसकी चीनी आकाओं के हाथ पांव फूल गए थे। आपको बता दें कि ब्रह्मोस एक कम दूरी की रैमजेट, सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल है। इसे पनडुब्बी से, पानी के जहाज से, विमान से या जमीन से भी छोड़ा जा सकता है। यह दुनिया की ऐसी इकलौती मिसाइल है। इसे रूस की एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया और भारत के डीआरडीओ ने संयुक्त रूप से इसको विकासित किया है।

हर मौसम में सटीक निशाना रूस और भारत की तकनीक से तैयार यह मिसाइल दिन हो या रात। आंधी हो या फिर बरसात। हर मौसम में और हर स्थिति में सटीकता के साथ हमला करने की क्षमता से लैस है। यह ऐसी मिसाइल है कि जल,थल और नभ में भारतीय सैन्य बलों का वर्चस्व स्थापित करती है। इसकी गिनती 21वीं सदी की सबसे खतरनाक मिसाइलों में की जाती है।

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Anand Mani Tripathi

आनंद मणि त्रिपाठी राजस्थान पत्रिका में राजनीति, अपराध, विदेश, रक्षा एवं सामरिक मामलों के पत्रकार हैं। पत्रकारिता के तीनों माध्यम प्रिंट, टीवी और आनलाइन में गहरा और अपनी तेज तर्रार रिपोर्टिंग के लिए जाने जाते हैं। पश्चिम बंगाल के कलकत्ता में जन्म हुआ। प्रारंभिक शिक्षा उत्तर प्रदेश के कानपुर और बस्ती में हुई। माध्यमिक शिक्षा नवोदय विद्यालय बस्ती, फैजाबाद और पूर्वोत्तर त्रिपुरा के धलाई जिले में हुई। अयोध्या के साकेत महाविद्यालय से स्नातक और 2009 में जेआईआईएमसी,दिल्ली से पत्रकारिता का डिप्लोमा किया।
हरियाणा से पत्रकारिता आरंभ की। शिक्षा, विज्ञान, मौसम, रेलवे, प्रशासन, कृषि विभाग और मंत्रालय की रिपोर्टिंग की। इंवेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग से शिक्षा और रेलवे विभाग के कई भ्रष्टाचार का खुलासा किया। रक्षा मंत्रालय के रक्षा संवाददाता पाठयक्रम-2016 पूरा किया। इसके बाद रक्षा मामलों की पत्रकारिता शुरू कर दी। चीन, पाकिस्तान और कश्मीर मामलों पर तीक्ष्ण नजर रहती है।
लेफ्टिनेंट उमर फैयाज की हत्या 2017, राइफलमैन औरंगजेब की हत्या 2018, जम्मू—कश्मीर में बदले 2018 में बदले राजनीतिक समीकरण, पुलवामा हमला 2019, कश्मीर से 370 का हटना, गलवान घाटी मुठभेड़ 2020 को बेहद करीब से जम्मू और कश्मीर में रहकर ही कवर किया। कोरोना काल 2020 में भी लददाख से नेपाल तक की यात्रा चीन के बदलते समीकरण को लेकर की।
इसके साथ ही लोकसभा चुनाव 2019 में जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और पंजाब की रिपोर्टिंग की। 9 नवंबर 2019 को श्रीराम जन्म भूमि अयोध्या मामले में आए फैसले की अयोध्या से कवर किया। 2022 उत्तरप्रदेश् चुनाव को सहारनपुर से सोनभद्र तक मोटर साइकिल के माध्यम से कवर किया। पत्रकारिता से इतर आनंद मणि त्रिपाठी को संगीत और पर्यटन का जबरदस्त शौक है। इन्हें किसी भी कार्य में असंभव शब्द न प्रयोग करने के लिए जाना जाता है…

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