ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा मार्ग की बदलेगी सूरत, 6 किमी सड़क के निर्माण पर 6 करोड़ 45 लाख रुपये होंगे खर्च
84 कोस की परिक्रमा का मार्ग उत्तर प्रदेश, राजस्थान के साथ हरियाणा के नूंह (मेवात) से अंतिम जिले पलवल क्षेत्र से होकर गुजरता है। क्षेत्र के लोगों के अनुसार अनिल अंबानी भी अपने परिवार के सदस्यों के साथ 84 कोस की परिक्रमा लगा चुके हैं, इसके अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, बंगाल, मध्य प्रदेश व राजस्थान सहित अन्य प्रदेशों के श्रद्धालु भी परिक्रमा देने के लिए आते हैं। नूंह जिले का एकमात्र बिछौर गांव है जिसे ब्रज भूमि के नाम से भी जाना जाता है।
परिक्रमा मार्ग पर कीचड़ में रोजाना गिरकर चोटिल होते लोग
राजस्थान की सीमा से नूंह के बिछौर गांव से होते हुए परिक्रमा मार्ग पलवल जिले की सीमा में प्रवेश करता है। बिछौर गांव में परिक्रमा मार्ग की हालत बेहद खराब है। कहीं रोड टूटी हुई है, तो कहीं कच्चा मार्ग होने के कारण पानी भरा हुआ है। एक बार बारिश हो जाए, तो फिर कई दिनों तक कीचड़ वाला रास्ता रहता है और अगर सूखा मौसम है, तो धूल मिट्टी से श्रद्धालु परेशान। यही नहीं मार्ग पर रोशनी का भी कोई प्रबंध नहीं है।
गांव से गुजरने वाले परिक्रमा मार्ग की चौड़ाई होगी 18 फिट
पीडब्ल्यूडी विभाग के कनिष्ठ अभियंता परीक्षित ने बताया कि मेवात जिले के गांव बिछौर और नीमका से गुजरने वाले करीब 6 किलोमीटर परिक्रमा मार्ग के लिए करीब 6 करोड़ 45 लाख की राशि खर्च की जायेगी। जिसका टेंडर जारी हो चुका है। इस ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा मार्ग की चौड़ाई लगभग 18 फीट होगी । मार्ग को सीसी सड़क बनाने की योजना तैयार की गई। इसके साथ ही गांव की आबादी में सड़क के दोनों और पानी निकासी के लिए 2 फिट नालों का निर्माण किया जाएगा। जेई ने बताया कि ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा शुरू होने से पहले ही रोड का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। संभावना है कि मई–जून में निर्माण कार्य की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी।
ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा का महत्व
मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने मैया यशोदा और नंदबाबा के दर्शनों के लिए सभी तीर्थों को ब्रज में ही बुला लिया था। 84 कोस की परिक्रमा लगाने से 84 लाख योनियों से छुटकारा पाने के लिए है। परिक्रमा लगाने से एक-एक कदम पर जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं। शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि इस परिक्रमा के करने वालों को एक-एक कदम पर अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है। साथ ही जो व्यक्ति इस परिक्रमा को लगाता है, उस व्यक्ति को निश्चित ही मोक्ष की प्राप्ति होती है।