ब्रजमंडल यात्रा: पहले की गलतियों से सबक… नूंह में इस बार सख्त सुरक्षा व्यवस्था ने नहीं बिगड़ने दिया माहौल

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ब्रजमंडल यात्रा: पहले की गलतियों से सबक… नूंह में इस बार सख्त सुरक्षा व्यवस्था ने नहीं बिगड़ने दिया माहौल

ब्रजमंडल यात्रा: पहले की गलतियों से सबक… नूंह में इस बार सख्त सुरक्षा व्यवस्था ने नहीं बिगड़ने दिया माहौल

गुरुग्राम: नूंह में ब्रजमंडल जलाभिषेक यात्रा शांति के साथ संपन्न हो गई। पूरे देश की नजर पर इस पर टिकी हुई थी। पिछले महीने हुई नूंह हिंसा की गलतियों से सबक लेते हुए प्रशासन ने इस बार पहले से ही कई कदम उठाए। जिले में अफवाहें न फैले इसलिए दो दिन पहले ही इंटरनेट बंद कर दिया। सटे हुए राज्य राजस्थान और उत्तर प्रदेश के आला पुलिस अफसरों के साथ बेहतर कॉर्डिनेशन किया गया। जमीन से लेकर आसमान तक हालात पर नजर रखी गई। किसी भी बाहरी को जिले में एंट्री की इजाजत नहीं दी गई।

सीआईडी अलर्ट के बाद भी प्रशासन नहीं चेता
पिछले महीने 31 जुलाई को ब्रजमंडल जलाभिषेक शोभा यात्रा के दौरान नूंह हिंसा में सबसे बड़ा कारण सीआईडी के दो बार के अलर्ट भेजने के बाद भी अनदेखा माना जा रहा है। जबकि इस बार प्रशासन ने खुफिया विभाग के हर अलर्ट को गंभीरता से लिया।

सोशल मीडिया पर दोनों पक्षों के वायरल वीडियो को नहीं लिया गंभीरता से
शोभा यात्रा से पहले सोशल मीडिया पर यात्रा को लेकर तमाम वीडियो चल रहे थे। उसके बाद भी पुलिस और प्रशासन ने कड़े कदम नहीं उठाए। इस बार विश्व हिंदू परिषद द्वारा 28 अगस्त को जलाभिषेक यात्रा का ऐलान किया तो प्रशासन ने इजाजत देने से मना कर दिया। हालांकि बाद में 51 लोगों को कड़ी सुरक्षा के बीच इजाजत दी गई।

पहले ही बंद कर दी गई इंटरनेट सेवा
पिछली बार हिंसा के बाद में इंटरनेट सेवाएं बंद की गईं, लेकिन इस बार एक दिन पहले ही इंटरनेट सेवा बंद कर दी गईं ताकि बल्क में मैसेज ना भेजे जा सकें। इंटरनेट सेवा के साथ साथ स्कूल, कॉलेज, बैंक और ऑफिस भी बंद कर दिए गए।

पुलिस के किए गए भारी बंदोबस्त
नूंह में जब हिंसा हुई तो पुलिस वाले मौके पर ना के बराबर थे, फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए भी करीब 5 घंटे बाद फोर्स पहुंची थी, लेकिन इस बार ऐसी कोई घटना ना हो। पहले से ही केंद्रीय बलों की 10 कंपनियां, हरियाणा पुलिस की 20 कंपनियां और नूंह जिले के करीब 1000 जवान तैनात किए गए।

पड़ोसी राज्यों की पुलिस के साथ कॉर्डिनेशन
पिछली बार हिंसा में शामिल अराजक तत्व राजस्थान और दूसरे राज्यों में भाग गए थे। इस बार राजस्थान, उत्तर प्रदेश और नूंह के साथ लगने वाले जिलों के साथ भी बेहतर कॉर्डिनेशन किया गया। हरियाणा की एक एडीजी लॉ ऑर्डर उनके साथ कॉरिडिनेशन कर रहीं थी। बॉर्डर पर भी चौकसी बरती जा रही थी।

ड्रोन और सीसीटीवी से नजर
पिछली बार यात्रा के दौरान न ड्रोन की तैनाती थी न सीसीटीवी कैमरे। इस बार सबक लेते हुए 6 ड्रोन नजर बनाए हुए थे। बैरिकेडिंग पर सीसीटीवी कैमरे लगाए हुए थे, ताकि हर घटना पर नजर रखी जा सके।

बाहरी लोगों की चेकिंग
पिछली पर की हिंसा में यह बात भी सामने आई थी कि हिंसा बाहरी राज्यों से आए लोग शामिल थे। सवाल यह भी उठा था कि ये लोग कैसे हिंसा में शामिल हो गए। इस बार सबक लेते हुए नूंह में किसी भी बाहरी को एंट्री की इजाजत नहीं थी। सबके आई कार्ड चेक किए जा रहे थे।

पीस कमेटी की बैठकें
नूंह में जब हिंसा हुई या शोभा यात्रा को लेकर लोगों को समझाने या सद्भाव की कोशिश नहीं की गई थी। इस बार पहले से ही जगह जगह जाकर प्रशासन ने पीस कमेटी की मीटिंग्स की। गांवों में क्षेत्र के मोजिज लोगों के साथ मीटिंग्स की। इससे भी शांति से जलाभिषेक संपन्न हुआ।

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