बोर्ड पैटर्न पर पांचवीं – आठवीं का मूल्यांकन, दूसरे जिले में जाएगी कॉपियां | Evaluation of class 5th – 8th on board pattern | Patrika News h3>
ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ही होगा 10 फीसदी कॉपियों का चयन
शिक्षा का स्तर पता लगाने के लिए पहली बार बोर्ड पैटर्न पर मूल्यांक
इंदौर
Published: April 15, 2022 10:57:31 am
इंदौर। प्रदेश में पहली बार पांचवीं और आठवीं की कॉपियों को मूल्यांकन दूसरे स्कूलों के साथ ही अन्य जिले में किया जाएगा। बोर्ड की तर्ज पर ही इनका मूल्यांकन किया जाएगा। इतना ही नहीं, रिजल्ट भी ऑनलाइन ही जारी किया जाएगा। मार्कशीट भी ऑनलाइन दी जाएगी। इस बार राज्य शिक्षा केंद्र ने बोर्ड पैटर्न पर ही कॉपियां जांचने की व्यवस्था की है। दस फीसदी कॉपियां मूल्यांकन के लिए अन्य जिले जाएंगीं। अन्य जिले जाने वाली कॉपियों का चयन भी पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन ही होगा। किसी स्कूल की कॉपियां जांच के लिए अन्य जिले भेजा जाना है, इसकी जानकारी स्कूल प्राचार्य, संकुल प्राचार्य से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों तक को नहीं होगी। स्कूल का चयन भी पोर्टल के माध्यम से होगा।
पहली बार पांचवीं – आठवीं की कॉपियों की होगी दूसरे जिले में जांच
दो महीने बाद फिर मिलेगा छात्रों को मौका अधिकारी भी जानते हें कि दो साल कोरोना काल में छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हुई और एक दम से उन्हें ऑफ लाइन परीक्षा का सामना करना पड़ा। अफसरों ने इसी लिए 33 फीसदी से कम अंक लाने वाले छात्रों की दो महीने बाद फिर से परीक्षा रखी है ताकि छात्रों को अपना रिजल्ट सुधारने का मौका मिल सके। दूसरी बार की परीक्षा में छात्रों को 33 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य होगा। तब ही उसे अगली कक्षा में उन्नत किया जाएगा।
रिजल्ट बिगडऩे पर नहीं होगी कार्रवाई भोपाल से वरिष्ठ अधिकारियों ने स्कूल प्राचार्य सहित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश है कि कॉपियां जांचने में किसी प्रकार का मैन्यूप्लेशन नहीं करें, जो वास्तविकता है वह बताएं। यानी वास्तविकता के साथ ही कॉपियां जांचें। रिजल्ट बिगडऩे पर किसी भी शिक्षक, स्कूल प्राचार्य या अन्य अधिकारी पर कार्रवाई नहीं की जाएगी। वरिष्ठ अधिकारी भी वास्तविक रूप से कॉपियों की जांच कराए जाने के पीछे छात्रों का शिक्षा का स्तर का सही आंकलन करना चाहते हैं।
94 प्रतिशत रही उपस्थिति इधर, कक्षा पांचवीं और आठवीं में छात्रों की परीक्षा में उपस्थिति पर जोर दिया गया था। इसीलिए परीक्षा के दौरान जो छात्र उपस्थित नहीं हो रहे थे उन्हें शिक्षकों को भेज कर परीक्षा कक्ष में बुलाया गया। जिसके चलते इंदौर में 94 प्रतिशत तक छात्रों की उपस्थिति रही।
अन्य जिलों में भेजेंगे कॉपियां इस बार कुछ बदलाव किया गया है। हर जिले में विशेष सेंटर बनाए गए हैं, जहां अन्य जिलों की दस फीसदी कॉपियां जांच के लिए आएंगी। जिन्हें क्रॉस चेक किया जाएगा और वास्तविकता का पता लगाया जाएगा।
अक्षय ङ्क्षसह राठौर डीपीसी
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ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ही होगा 10 फीसदी कॉपियों का चयन
शिक्षा का स्तर पता लगाने के लिए पहली बार बोर्ड पैटर्न पर मूल्यांक
इंदौर
Published: April 15, 2022 10:57:31 am
इंदौर। प्रदेश में पहली बार पांचवीं और आठवीं की कॉपियों को मूल्यांकन दूसरे स्कूलों के साथ ही अन्य जिले में किया जाएगा। बोर्ड की तर्ज पर ही इनका मूल्यांकन किया जाएगा। इतना ही नहीं, रिजल्ट भी ऑनलाइन ही जारी किया जाएगा। मार्कशीट भी ऑनलाइन दी जाएगी। इस बार राज्य शिक्षा केंद्र ने बोर्ड पैटर्न पर ही कॉपियां जांचने की व्यवस्था की है। दस फीसदी कॉपियां मूल्यांकन के लिए अन्य जिले जाएंगीं। अन्य जिले जाने वाली कॉपियों का चयन भी पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन ही होगा। किसी स्कूल की कॉपियां जांच के लिए अन्य जिले भेजा जाना है, इसकी जानकारी स्कूल प्राचार्य, संकुल प्राचार्य से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों तक को नहीं होगी। स्कूल का चयन भी पोर्टल के माध्यम से होगा।
पहली बार पांचवीं – आठवीं की कॉपियों की होगी दूसरे जिले में जांच
दो महीने बाद फिर मिलेगा छात्रों को मौका अधिकारी भी जानते हें कि दो साल कोरोना काल में छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हुई और एक दम से उन्हें ऑफ लाइन परीक्षा का सामना करना पड़ा। अफसरों ने इसी लिए 33 फीसदी से कम अंक लाने वाले छात्रों की दो महीने बाद फिर से परीक्षा रखी है ताकि छात्रों को अपना रिजल्ट सुधारने का मौका मिल सके। दूसरी बार की परीक्षा में छात्रों को 33 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य होगा। तब ही उसे अगली कक्षा में उन्नत किया जाएगा।
रिजल्ट बिगडऩे पर नहीं होगी कार्रवाई भोपाल से वरिष्ठ अधिकारियों ने स्कूल प्राचार्य सहित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश है कि कॉपियां जांचने में किसी प्रकार का मैन्यूप्लेशन नहीं करें, जो वास्तविकता है वह बताएं। यानी वास्तविकता के साथ ही कॉपियां जांचें। रिजल्ट बिगडऩे पर किसी भी शिक्षक, स्कूल प्राचार्य या अन्य अधिकारी पर कार्रवाई नहीं की जाएगी। वरिष्ठ अधिकारी भी वास्तविक रूप से कॉपियों की जांच कराए जाने के पीछे छात्रों का शिक्षा का स्तर का सही आंकलन करना चाहते हैं।
94 प्रतिशत रही उपस्थिति इधर, कक्षा पांचवीं और आठवीं में छात्रों की परीक्षा में उपस्थिति पर जोर दिया गया था। इसीलिए परीक्षा के दौरान जो छात्र उपस्थित नहीं हो रहे थे उन्हें शिक्षकों को भेज कर परीक्षा कक्ष में बुलाया गया। जिसके चलते इंदौर में 94 प्रतिशत तक छात्रों की उपस्थिति रही।
अन्य जिलों में भेजेंगे कॉपियां इस बार कुछ बदलाव किया गया है। हर जिले में विशेष सेंटर बनाए गए हैं, जहां अन्य जिलों की दस फीसदी कॉपियां जांच के लिए आएंगी। जिन्हें क्रॉस चेक किया जाएगा और वास्तविकता का पता लगाया जाएगा।
अक्षय ङ्क्षसह राठौर डीपीसी
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