बोकारो की गरीब मिथिला देवी को 11 साल से नहीं मिल रहा था घर, NBT ऑनलाइन ने उठाई आवाज तो सीएम सोरेन ने लिया संज्ञान h3>
रांची/बोकारो। झारखंड में जो काम सालों से नहीं हुआ वह एनबीटी ऑनलाइन की खबर ने कर दिया है। हम हैं एनबीटी… जब कोई नहीं सुनता, आपकी आवाज तो हम खड़े होते हैं, आपके साथ। एनबीटी ऑनलाइन ने सरकारी सिस्टम से आगे बेबस एक परिवार की आवाज बनने की कोशिश की। जिसका असर हुआ, खुद सीएम ने एनबीटी ऑनलाइन की खबर पर संज्ञान लिया और फिर परिवार की मांग को प्रशासन ने पूरा कर दिया।
11 साल बाद पक्के मकान का सपना होगा सच
पूरा मामला झारखंड के बोकारो जिले का है, जहां एक परिवार साल 2011 से ही पक्के मकान के लिए सरकारी ऑफिस के दफ्तर लगा रहा था। गोमिया प्रखंड मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर नक्सल प्रभावित क्षेत्र झुमरा पहाड़ की तलहटी में स्थित पचमो पंचायत में खपरैल मकान में रहने वाली मिथिला देवी कई साल से पक्के घर के लिए भटक रही थीं। साल दर साल गुजरते रहे, चप्पलें घिस गई पर सुनवाई नहीं हुई। फिर एनबीटी ऑनलाइन में खबर प्रकाशित हुई तो खुद सीएम ने इस खबर संज्ञान लिया।
सीएम हेमंत सोरेन ने एनबीटी ऑनलाइन की खबर पर लिया बड़ा एक्शन
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खबर पर संज्ञान में लेते हुए बोकारो के उपायुक्त को आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री के निर्देश पर रविवार को जब तमाम सरकारी कार्यालय बंद रहते हैं, उस दिन बोकारो के उपायुक्त ने मिथिला देवी को डॉ. भीमराव अंबेडकर आवास योजना स्वीकृत किए जाने की औपचारिकता पूरी कर लिए जाने की जानकारी सीएम को उपलब्ध कराई।
बोकारो डीसी ने तुरंत सीएम को दी जानकारी
गोमिया प्रखंड के पचमो पंचायत की रहने वाली मिथिला देवी ने एनबीटी ऑनाइन को यह जानकारी दी थी कि उनका घर पूर्वजों का है, खपरैल का मकान था, जो पूरी तरह से कमजोर और कई हिस्सों में गिर चुका है। जिसके चलते पूरा परिवार प्लास्टिक तानकर धूप पानी से बचकर जिंदगी गुजार रहा है। साल 2011 से ही वह इंदिरा आवास के लिए प्रयासरत थी, लेकिन नतीजा कुछ नहीं मिला।
Bokaro News : शहीद के परिवार की सरकार ने अब तक नहीं ली सुध, धरे रह गए हेमंत सरकार के वादे!
भीमराव अंबेडकर आवास योजना के तहत दी गई घर की मंजूरी
फिर प्रधानमंत्री आवास की योजना आई, इसमें भी उन्होंने सभी बातों को पूरा करते हुए आवेदन दिया, लेकिन उन्हें आवास नहीं मिला। प्रखंड कार्यालय के चक्कर काट-काटकर वह थक चुकी हैं, अब मुख्यमंत्री के आदेश और उपायुक्त की पहल पर पूरे परिवार में नई उम्मीद जगी है। यही नहीं उपायुक्त ने भी कहा है कि मिथिला देवी को डॉ. भीमराव अंबेडकर आवास योजना स्वीकृत कर दिया गया है।
11 साल बाद पक्के मकान का सपना होगा सच
पूरा मामला झारखंड के बोकारो जिले का है, जहां एक परिवार साल 2011 से ही पक्के मकान के लिए सरकारी ऑफिस के दफ्तर लगा रहा था। गोमिया प्रखंड मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर नक्सल प्रभावित क्षेत्र झुमरा पहाड़ की तलहटी में स्थित पचमो पंचायत में खपरैल मकान में रहने वाली मिथिला देवी कई साल से पक्के घर के लिए भटक रही थीं। साल दर साल गुजरते रहे, चप्पलें घिस गई पर सुनवाई नहीं हुई। फिर एनबीटी ऑनलाइन में खबर प्रकाशित हुई तो खुद सीएम ने इस खबर संज्ञान लिया।
सीएम हेमंत सोरेन ने एनबीटी ऑनलाइन की खबर पर लिया बड़ा एक्शन
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खबर पर संज्ञान में लेते हुए बोकारो के उपायुक्त को आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री के निर्देश पर रविवार को जब तमाम सरकारी कार्यालय बंद रहते हैं, उस दिन बोकारो के उपायुक्त ने मिथिला देवी को डॉ. भीमराव अंबेडकर आवास योजना स्वीकृत किए जाने की औपचारिकता पूरी कर लिए जाने की जानकारी सीएम को उपलब्ध कराई।
बोकारो डीसी ने तुरंत सीएम को दी जानकारी
गोमिया प्रखंड के पचमो पंचायत की रहने वाली मिथिला देवी ने एनबीटी ऑनाइन को यह जानकारी दी थी कि उनका घर पूर्वजों का है, खपरैल का मकान था, जो पूरी तरह से कमजोर और कई हिस्सों में गिर चुका है। जिसके चलते पूरा परिवार प्लास्टिक तानकर धूप पानी से बचकर जिंदगी गुजार रहा है। साल 2011 से ही वह इंदिरा आवास के लिए प्रयासरत थी, लेकिन नतीजा कुछ नहीं मिला।
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भीमराव अंबेडकर आवास योजना के तहत दी गई घर की मंजूरी
फिर प्रधानमंत्री आवास की योजना आई, इसमें भी उन्होंने सभी बातों को पूरा करते हुए आवेदन दिया, लेकिन उन्हें आवास नहीं मिला। प्रखंड कार्यालय के चक्कर काट-काटकर वह थक चुकी हैं, अब मुख्यमंत्री के आदेश और उपायुक्त की पहल पर पूरे परिवार में नई उम्मीद जगी है। यही नहीं उपायुक्त ने भी कहा है कि मिथिला देवी को डॉ. भीमराव अंबेडकर आवास योजना स्वीकृत कर दिया गया है।