बेसन में 200 प्रतिशत यूरिक एसिड, आटा में 300 फीसद दीमक की दवा मिली | uric acid in gram flour, 300 percent termite medicine found in flour | Patrika News

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बेसन में 200 प्रतिशत यूरिक एसिड, आटा में 300 फीसद दीमक की दवा मिली | uric acid in gram flour, 300 percent termite medicine found in flour | Patrika News

बेसन में 200 प्रतिशत यूरिक एसिड, आटा में 300 फीसद दीमक की दवा मिली | uric acid in gram flour, 300 percent termite medicine found in flour | Patrika News

भोपालPublished: Apr 13, 2023 08:47:38 pm

सावधान, आप जो कुछ भी खा रहे हैं उसमें खतरनाक रसायनों की मिलावट है। भोपाल में दूध, फल से लेकर खाद्य वस्तुएं तक सुरक्षित नहीं हैं। जांच में अधिकतर वस्तुओं के सैंपल फेल हो रहे हैं।

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भोपाल. सावधान, आप जो कुछ भी खा रहे हैं उसमें खतरनाक रसायनों की मिलावट है। दूध, फल से लेकर खाद्य वस्तुएं तक सुरक्षित नहीं हैं। जांच में अधिकतर वस्तुओं के सैंपल फेल हो रहे हैं।
दुकानदार को नोटिस जारी
कोलार स्थित खुश्मिता किराना से लिए गए मगध ब्रांड बेसन और खुला आटा के सैंपल जांच में फेल हो गए हैं। ईदगाह हिल्स स्थित लैब से मिली रिपोर्ट में बेसन में तय लिमिट से 200 फीसदी ज्यादा खतरनाक तत्व और आटे में तीन सौ फीसदी पेस्टिसाइड डार्सबान, जिसे दीमक मारने में उपयोग किया जाता है, ज्यादा मिला है। जिला अभिहित अधिकारी देवेंद्र वर्मा ने दुकानदार को नोटिस जारी कराए हैं।
0.1 प्रतिशत की मात्रा तय
मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी देवेंद्र दुबे ने बताया कि मगध ब्रांड बेसन में जो तत्व ज्यादा मिले हैं। उनकी मात्रा 0.1 प्रतिशत तय की गई है। लेकिन इनकी मात्रा 2 प्रतिशत से ऊपर मिली है। इसमें यूरिक एसिड, पेस्टिसाइड ब्रोमो क्लोरोफिनॉल, डर्सबान तथा प्रोफेनोफोस निर्धारित अधिकतम सीमा से ज्यादा पाये गये हैं। वहीं खुले आटे में तीन प्रतिशत तक ज्यादा मिली है।
मिट्टी से आते हैं ये तत्व
दरअसल, फसल के दौरान ही ये पेस्टिसाइड्स मिलाए जाते हैं। जमीन में इनकी मात्रा बढऩे से ये फसल में भी आ जाते हैं। लेकिन इनकी मात्रा कम होती है। अगर कोई खाद्य सामग्री में मिलावट करे तो इनकी मात्रा बढ़ जाती है। ऐसे में इसमें मिलावट की शंका भी जाहिर की गई है।
किडनी से जुड़ी बीमारी का खतरा
इस प्रकार तय मात्रा से ज्यादा लिमिट में पेस्टीसाइड्स मिलने वाली खाद्य सामग्री के लंबे समय तक सेवन करने से किडनी की बीमारी सहित कई अन्य गंभीर बीमारी हो सकती हैं।
कलर फूड हो सकते हैं हानिकारक
खाद्य पदार्थों में मिलावट गेस्ट्रो इंटेस्टाइनल डिसीज से लेकर कैंसर तक का कारण बन सकती है। खाद्य पदार्थों को संरक्षित रखने आजीनोमोटो नामक खाद्य पदार्थ का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे गाल ब्लेडर और बड़ी आंत का कैंसर होता है।
मिलावट पर आजीवन कारावास का प्रावधान
मप्र में खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों को आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है। इसके लिए मध्य प्रदेश संशोधन विधेयक, 2021 को मंजूरी दी गई थी।
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फूड सेफ्टी एक्ट का पालन पूरी तरह किया जा रहा है, जिससे लोगों की सेहत से खिलवाड़ को रोका जा सके।
देवेंद्र दुबे,मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी

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