बेटी-दामाद व्हीलचेयर पर लेकर पहुंचे मणिकर्णिका घाट: छोड़कर हुए लापता, सफाई सुपरवाइजर ने पहुंचाया अस्पताल; अब घर के नाम पर सहम जा रहीं इंद्रा – Varanasi News

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बेटी-दामाद व्हीलचेयर पर लेकर पहुंचे मणिकर्णिका घाट:  छोड़कर हुए लापता, सफाई सुपरवाइजर ने पहुंचाया अस्पताल; अब घर के नाम पर सहम जा रहीं इंद्रा – Varanasi News

बेटी-दामाद व्हीलचेयर पर लेकर पहुंचे मणिकर्णिका घाट: छोड़कर हुए लापता, सफाई सुपरवाइजर ने पहुंचाया अस्पताल; अब घर के नाम पर सहम जा रहीं इंद्रा – Varanasi News

वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर मिली कानपुर की महिला। लोगों ने बताया- महिला-पुरुष बच्चों के साथ आए और दादी को घाट पर छोड़कर चले गए।

‘मैंने अपनी महिला कर्मचारियों को लगाकर उन्हें नहलवाया और उनके कपड़े बदलवाए। उनकी पीठ, हाथ हर जगह मार के निशान हैं। इसके बाद उनसे बातचीत की तो उन्होंने खुद को कानपुर के पटकापुर का बताया।

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लेकिन, जब उनसे यह पूछा कि आप को कौन यहां लेकर आया तो वो कुछ नहीं बोलीं। बस शून्य में ताकने लगीं। इस पर हमने समाजसेवी अमन को फोन किया। फिर उन्हें हम अस्पताल ले आए।’

ये कहना है मणिकर्णिका घाट पर नगर निगम की तरफ से नियुक्त सफाई सुपरवाइजर सतीश कुमार गुप्ता का। सतीश और उनकी टीम ने रविवार शाम से लेकर मंगलवार शाम तक कानपुर की बुजुर्ग महिला इंद्रावती देवी की सेवा की। अब उन्हें अस्पताल में लावारिस वार्ड में एडमिट कराया है।

दैनिक NEWS4SOCIALने दर्द से कराह रहीं महिला को मंडलीय चिकित्सालय लाने वाले सतीश और उन्हें घाट पर देखने वाले राजू से बात की और महिला का दर्द जाना। पढ़िए पूरी रिपोर्ट…

वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर परिजन कानपुर की इंद्रा को छोड़कर हुए थे फरार।

सबसे पहले रविवार की शाम को क्या हुआ और किसने सबसे पहले बुजुर्ग महिला इंद्रावती को देखा…

मणिकर्णिका घाट पर रहने वाले राजू ने सबसे पहले देखा मणिकर्णिका घाट पर अपने दोस्त की दुकान पर रोजाना आने वाले राजू ने बताया-रविवार की शाम हम अपने दोस्त गणेशू की दुकान पर रोजाना की तरह बैठे थे।

उसी समय एक महिला, एक पुरुष और दो बच्चे एक दादी को व्हीलचेयर पर लेकर आए। जो बेसुध दिख रहीं थीं। घाट किनारे व्हीलचेयर लगाकर उन्हें उतारा और पत्थर की टेक लगाकर बैठा दिया। इसके बाद उनका मुंह धुलाया।

तीन दिन तक घाट पर बेसुध अवस्था में पड़ी रहीं इंद्रा।

20 मिनट बाद नजर पड़ी तो अकेले थीं दादी राजू ने बताया-15-20 मिनट बाद नजर पड़ी तो दादी अकेले बैठी मिलीं। हमने उस ओर ध्यान नहीं दिया। सोचा कि यात्री हैं साथ के लोग दर्शन को गए होंगे। ये बुजुर्ग हैं चल नहीं पा रही होंगी इसलिए नहीं गयी।

वहां वो लोग भी नहीं थे जो उन्हें व्हीलचेयर पर लाए थे। न ही व्हीलचेयर थी। इसके बाद राटा हुई फिर भी कोई उन्हें लेने नहीं आया। हम लोग उनके पास पहुंचे तो वो कुछ बोल नहीं पाईं। बेसुध हाल में पड़ी रहीं। इसके बाद रात हुई और घाट पर सन्नाटा हो गया।

मणिकर्णिका घाट के किनारे रहने वाले राजू ने देखा था। दो लोग बच्चों के साथ दादी को व्हीलचेयर से लेकर पहुंचे थे घाट।

सुबह भी उसी जगह मिलीं बुजुर्ग सोमवार की सुबह घाट के लोगों ने उसे वहीं देखा। घाट के सफाई सुपरवाइजर सतीश कुमार गुप्ता ने उनसे नाम-पता पूछा तो वो कुछ बोली नहीं। फिर उन्होंने अपनी महिला सफाई कर्मियों से उनसे बात करने को कहा तो वो शौच के लिए गईं। जहां वो खूब रोईं।

अब जानिए सतीश से क्या बातचीत की बुजुर्ग इंद्रावती ने और अब कहां हैं इंद्रावती…

देखने के बाद रोने लगीं थीं इंद्रावती सतीश ने बताया-सुबह जब हम अपनी टीम के साथ घाट पर पहुंचे, तो बुजुर्ग महिला जिसके पैर में चोट लगी थी। उससे हमने कुछ जनाना चाहा तो वो कराह रही थी।

और कुछ कहना चाह रही थी। जिस पर महिला कर्मचारियों ने उससे बात पूछी तो उसने शौच जाने की बात कही।

सफाई सुपरवाइजर ने मां की तरह रखा बुजुर्ग का ख्याल।

बेटी-दामाद लेकर आए थे काशी सतीश ने बताया-जब उन्हें हमने दर्द की दवा दी तो वो थोड़ा रिलैक्स हुईं। इस पर हमने उनसे बातचीत की तो उन्होंने बताया वो कानपुर के पटकापुर की रहने वाली हैं।

हमने पूछा लड़का है तो बोली नहीं एक लड़की और दामाद हैं और कोई नहीं है। उनकी एक आंख में मोतियाबिंद हैं। महिला के पास से एक बैग और एक झोला भी मिला है। जिसमें उसकी गिलास और प्लेट के अलावा कटोरी, चम्मच और कपड़े हैं। बैग में एक भी रुपया नहीं है।

पूछने पर भी नहीं बताया बेटी का नाम सतीश ने बताया-हमने उनसे पूछा कि आप की बेटी का नाम क्या है? तो उन्होंने कुछ नहीं बताया और उनकी आंखों से आंसू छलक उठा। जब हमने कहा कि आप को घर पहुंचा देंगे तो वो खामोश हो गईं और फिर कुछ नहीं बताया। उन्होंने बस अपने पति का नाम राजकुमार बताया।

बुजुर्ग महिला को अमन कबीर की मदद से मंडलीय चिकित्सालय की इमरजेंसी में दिखाकर एडमिट कराया गया है।

महिला कर्मियों ने बदले कपड़े तो सामने आया दर्द सफाईकर्मी शालू ने बताया- माता जी को आज हमने और प्रमिला दीदी ने स्नान कराया और कपड़े बदले। उनके बदन पर चोट के ऐसे निशान हैं। जैसे उन्हें लाठी और डंडे या बेल्ट से मारा गया है। पीठ और हाथ पर चोट के निशान काले पड़ गए हैं। उसे छूने में भी वो दर्द से कराह जा रही थीं। हमने कैसे-कैसे उन्हें नहलाया और कपड़े पहनाए।

अब जानिए क्या कहा डॉक्टर ने और किन बीमारियों से ग्रसित हैं इंद्रा…

मोतियाबिंद के साथ ही साथ शुगर और हाईबीपी की पेशेंट हैं इंद्रा मंडलीय चिकित्सालय के इमरजेंसी में तैनात डॉ एके मणि ने बताया- महिला बुजुर्ग और कमजोर हैं। बीपी की शिकायत है शुगर भी है। ऐसे में उन्हें एडमिट किया गया है। एक से दो दिन में वो नार्मल हो जाएंगी।

अमन कबीर ने कहा ढूंढ के रहेंगे फैमिली महिला को सतीश की रिक्वेस्ट पर कबीरचौरा अस्पताल में एडमिट करवाने वाले अमन कबीर ने कहा- हमने सोशल मीडिया पर महिला का वीडियो डाला था। अभी तक कोई ने रिप्लाई नहीं किया है। लेकिन हम दादी का मकान ढूंढ कर रहेंगे और सच्चाई सामने लेकर आएंगे।

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