बुडको के निर्माण कार्य की गुणवत्ता होगी बेहतर

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बुडको के निर्माण कार्य की गुणवत्ता होगी बेहतर

बुडको के निर्माण कार्य की गुणवत्ता होगी बेहतर


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पटना, प्रधान संवाददाता। प्रदेश में बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम (बुडको) द्वारा कराए जा रहे निर्माण कार्य की गुणवत्ता देखने के लिए अलग यूनिट बनाई जाएगी। इसमें 18 तकनीकी विशेषज्ञ अधिकारी रहेंगे जो अलग-अलग शहरों में जाकर निर्माण कार्य की गुणवत्ता को परखेंगे। इस संबंध में जल्द ही बहाली के लिए बुडको की ओर से विज्ञापन जारी किया जाएगा।
बुडको के प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट में सेवानिवृत तकनीकी अधिकारी, प्राइवेट संस्थानों में काम कर रहे इंजीनियर को रखने की तैयारी है। हांलाकि यह सब काम बुडको द्वारा चयनित एजेंसी के माध्यम से कराया जाएगा। प्रोजेक्ट की निगरानी और संचालन की जिम्मेदारी 18 सदस्यीय टीम को रहेगी। इसमें एक टीम लीडर भी रहेगा। यूनिट के अधिकारी समय-समय पर योजनाओं की रिपोर्ट बुडको के प्रबंध निदेशक एवं अन्य अधिकारियों को देंगे। अधिकारियों का दावा है कि इससे कार्यों की गुणवत्ता में सुधार आएगी। देश के कई राज्यों में विकास कार्यों की निगरानी को लेकर ऐसे यूनिट बनाए गए हैं जिसके सार्थक परिणाम आए हैं। बुडको के अधिकारियों का कहना है कि यूनिट से न केवल कार्यों की गुणवत्ता में सुधार होगी, बल्कि समय पर काम भी पूरे होंगे।

इन क्षेत्रों के रहेंगे विशेषज्ञ :

बुडको के वरीय अधिकारियों का कहना है कि प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट में सीवर, सड़क, आधारभूत संचरना, जलापूर्ति, के अलावा सर्वेयर बहाल किए जाएंगे। इसमें टीम लीडर भी रहेंगे। जिन शहरों में बुडको के बड़े कार्य संचालित किए जा रहे हैं वहां प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट में शामिल अधिकारी औचक निरीक्षण करेंगे। सबसे अधिक सीवरेज पाइप लाइन के निरीक्षण में परेशानी हो रही थी।

प्राइवेट एजेंसी होगी चयनित

प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट के लिए बुडको प्राइवेट एजेंसी को चयनित करेगी। प्राइवेट एजेंसी हर क्षेत्र के विशेषज्ञ को बुडको को उपलब्ध कराएगा। प्रोजेक्ट की रूपरेखा, गुणवता, समय पर काम पूरा होने जैसी जिम्मेदारी अधिकारियों को सौंपी जाएगी। वर्तमान समय में बुडको में ज्यादातर तकनीकी अधिकारी दूसरे विभागों के प्रतिनियुक्त हैं। अपना संसाधन नहीं होने के कारण बुडको को कार्य की गुणवत्ता परखने में परेशानी हो रही थी। बुडको में ज्यादातर इंजीनियर पथ निर्माण विभाग के प्रतिनियुक्त किए गए हैं।

समय पर पूरी नहीं हो रही हैं परियोजनाएं

अधिकारियों का कहना है कि बुडको में मानव संसाधन बल की कमी है। इसके कारण परियोजनाएं समय पर पूरी नहीं हो रही हैं। बख्तियारपुर एसटीपी जो 27 अगस्त 2019 को निर्माण कार्य शुरू किया गया था, उसे एक साल के अंदर पूरा होना था। मनेर एसटीपी भी 2019 में बनना शुरू हुआ था। 14 अक्टूबर 2020 तक पूरा होना था लेकिन नहीं हुआ। दानापुर एसटीपी जो 108 करोड की लागत से बनाया जा रहा है, उसका निर्माण कार्य 23 नवंबर 2020 को शुरू किया गया था। लक्ष्य था कि 22 नवंबर 2021 तक पूरा कर लिया जाए, लेकिन नहीं हुआ। इसी प्रकार फुलवारीशरीफ एसटीपी जो 48 करोड़ की लागत से बनाया जा रही है। यह प्रोजेक्ट नवंबर 2020 को शुरू किया गया था। एक साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन नहीं हुआ। नियमित निगरानी नहीं होने के कारण भी प्रोजेक्ट समय पर पूरा नहीं हो रहे हैं।

यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।

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