बुंदेलखंड में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बाद अब 'नेपाली बाबा'… हिंदू राष्ट्र को लेकर कही बड़ी बात, जानिए कौन हैं h3>
सागर: सागर जिले में दो बड़े आयोजन होने जा रहे हैं। 24 अप्रैल से बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की भागवत कथा आयोजन है, तो महाकुंभ की तरह ही माह यज्ञों के लिए जाने जाने वाले नेपाली बाबा का महायज्ञ भी होने जा रहा है। दोनों आयोजन अलग-अलग जगह पर हैं, लेकिन एक ही समय पर होने जा रहे हैं। रविवार को नेपाली बाबा ने इस संबंध में पत्रकारों से सज्ञ भूमि में चर्चा की।
नेपाली बाबा बोले- मुसलमान भी हिंदू ही हैं…
मीडिया से चर्चा के दौरान नेपाली बाबा ने हिंदू राष्ट्र के सवाल पर कहा कि हम हिंदू शेर हैं। शेर गीदड़ शेर का क्या कर सकता है। हमे खुदको कमजोर नहीं समझना चाहिए। हिंदू का अर्थ ही होता है ईश्वर की आवाज इसी से सब प्राणियों की रचना हुई है। इसलिए हिंदू राष्ट्र क्या पूरा विश्व ही हिंदू है। मुसलमान भी हिंदू ही हैं, हमारा देश आदि काल से आर्य देश है। जब मुगल शासन में कुछ नहीं हुआ तो अब क्या होगा।
150 एकड़ भूमि में होगा महायज्ञ
सागर में इन दिनों माहौल भक्तिमय है, यहां एक महायज्ञ की तैयारियां जोरों पर हैं। एक महीने से हजारों लोग इस महा आयोजन की तैयारी में जुटे हैं। जिसमें प्रकृति के प्रति धन्यवाद अर्पित करने यज्ञ किया जाना है। विश्व कल्याण के लिए इस महायज्ञ में 1008 कुंड बनाए गए हैं। इसके लिए 150 एकड़ भूमि में महायज्ञ का सेट तैयार हो रहा है। जिसमें 5 एकड़ में यज्ञशाला का निर्माण किया गया है।
संतों के ठहरने विशेष व्यवस्था
महायज्ञ के लिए सैकड़ों में संख्या में टेंट लगाए गए हैं। संत-महात्माओं के रहने ठहरने के लिए घांस-फूस की कुटियों का निर्माण किया जा रहा है। यह सब हो रहा है सागर के राजघाट डेम से लगी हुई भूमि पर। सैकड़ों लोग इस काम में जुटे हुए हैं। अनुमान है कि हर दिन लाखों लोग महायज्ञ में पहुंचेंगे। आयोजन 24 अप्रैल से 04 मई तक शारदा माता मंदिर के प्रांगण में किया जाएगा।
नेपाली बाबा का यह 151 वां महायज्ञ
महायज्ञ तपस्वी संत आनंदजी त्यागी नेपाली बाबा के द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें प्रकृति बिना किसी शुल्क के कितना कुछ प्रदान करती है। सतयुग त्रेतायुग और द्वापर युग में ऋषि मुनि यज्ञ करके प्रकृति को आभार प्रकट करते थे। इसके वैज्ञानिक प्रमाण भी हैं कि घी, जवा, शाकल्य, अक्षत, तिली आदि अन्य अन्य चीजों की आहुति से वातावरण शुद्ध और स्वस्थ होता है। हम भी इसीलिए निरंतर यज्ञ आयोजित कर रहे हैं। यदि किसी की सेवाओं के बदले उसे कुछ न दें तो वह तंत्र नष्ट हो जाता है। प्रकृति भी बीमार होती जा रही है। पर्यावरण के लिए यज्ञ एक वरदान साबित हो जाता है।
बता दें कि नेपाली बाबा का यह 151 वां महायज्ञ है इसके पहले इस तरह के आयोजन नेपाल, बिहार, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ सहित प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर हो चुके है। यहां 23 विभिन्न समितियां गठित की गई है जो पिछले 1 माह से कामों में जुटी हुई हैं।
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नेपाली बाबा बोले- मुसलमान भी हिंदू ही हैं…
मीडिया से चर्चा के दौरान नेपाली बाबा ने हिंदू राष्ट्र के सवाल पर कहा कि हम हिंदू शेर हैं। शेर गीदड़ शेर का क्या कर सकता है। हमे खुदको कमजोर नहीं समझना चाहिए। हिंदू का अर्थ ही होता है ईश्वर की आवाज इसी से सब प्राणियों की रचना हुई है। इसलिए हिंदू राष्ट्र क्या पूरा विश्व ही हिंदू है। मुसलमान भी हिंदू ही हैं, हमारा देश आदि काल से आर्य देश है। जब मुगल शासन में कुछ नहीं हुआ तो अब क्या होगा।
150 एकड़ भूमि में होगा महायज्ञ
सागर में इन दिनों माहौल भक्तिमय है, यहां एक महायज्ञ की तैयारियां जोरों पर हैं। एक महीने से हजारों लोग इस महा आयोजन की तैयारी में जुटे हैं। जिसमें प्रकृति के प्रति धन्यवाद अर्पित करने यज्ञ किया जाना है। विश्व कल्याण के लिए इस महायज्ञ में 1008 कुंड बनाए गए हैं। इसके लिए 150 एकड़ भूमि में महायज्ञ का सेट तैयार हो रहा है। जिसमें 5 एकड़ में यज्ञशाला का निर्माण किया गया है।
संतों के ठहरने विशेष व्यवस्था
महायज्ञ के लिए सैकड़ों में संख्या में टेंट लगाए गए हैं। संत-महात्माओं के रहने ठहरने के लिए घांस-फूस की कुटियों का निर्माण किया जा रहा है। यह सब हो रहा है सागर के राजघाट डेम से लगी हुई भूमि पर। सैकड़ों लोग इस काम में जुटे हुए हैं। अनुमान है कि हर दिन लाखों लोग महायज्ञ में पहुंचेंगे। आयोजन 24 अप्रैल से 04 मई तक शारदा माता मंदिर के प्रांगण में किया जाएगा।
नेपाली बाबा का यह 151 वां महायज्ञ
महायज्ञ तपस्वी संत आनंदजी त्यागी नेपाली बाबा के द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें प्रकृति बिना किसी शुल्क के कितना कुछ प्रदान करती है। सतयुग त्रेतायुग और द्वापर युग में ऋषि मुनि यज्ञ करके प्रकृति को आभार प्रकट करते थे। इसके वैज्ञानिक प्रमाण भी हैं कि घी, जवा, शाकल्य, अक्षत, तिली आदि अन्य अन्य चीजों की आहुति से वातावरण शुद्ध और स्वस्थ होता है। हम भी इसीलिए निरंतर यज्ञ आयोजित कर रहे हैं। यदि किसी की सेवाओं के बदले उसे कुछ न दें तो वह तंत्र नष्ट हो जाता है। प्रकृति भी बीमार होती जा रही है। पर्यावरण के लिए यज्ञ एक वरदान साबित हो जाता है।
बता दें कि नेपाली बाबा का यह 151 वां महायज्ञ है इसके पहले इस तरह के आयोजन नेपाल, बिहार, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ सहित प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर हो चुके है। यहां 23 विभिन्न समितियां गठित की गई है जो पिछले 1 माह से कामों में जुटी हुई हैं।