बीरभूम हिंसा जांच: सीबीआई ने तेज की जांच, 22 आरोपियों की लिस्ट, अनारुल हुसैन समेत 10 से पूछताछ h3>
कोलकाता: बीरभूम हिंसा मामले (Birbhum Violence update) में सीबीआई ने जांच तेज कर दी है। सीबीआई रविवार को टीएमसी नेता अनारुल हुसैन समेत 10 और आरोपियों से पूछताछ के लिए कैंप लेकर आई। कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High Court) ने बीरभूम हिंसा की जांच सीबीआई को सौंपने के आदेश दिए थे।
सूत्रों के अनुसार, सीबीआई ने बीरभूम हिंसा के लिए 22 आरोपियों के नामों की लिस्ट बनाई है। आरोपियों की यह लिस्ट बंगाल पुलिस की लिस्ट के समान ही है। सीबीआई ने टीएमसी के ब्लॉक अध्यक्ष अनारुल हुसैन से रविवार को पूछताछ की है।
अनारुल हुसैन से सीबीआई की पूछताछ
इस मामले में अब तक 20 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी हैं। गौरतलब है कि बीरभूम के रामपुरहाट के बोगटुई गांव में कुछ घरों को बाहर से बंद करके आग लगा दी गई थी। इस घटना में 8 की जिंदा जलकर मौत हो गई थी जिनमें 6 महिलाएं और दो बच्चे शामिल थे।
ममता बनर्जी ने बोगटुई गांव में दौरे के दौरान पीड़ित परिवारों से वादा किया था कि पुलिस को सूचित नहीं करने और अपराध को रोकने में मदद न करने के लिए अनारुल हुसैन को गिरफ्तार किया जाएगा। प्रत्यक्षदर्शियों ने आरोप लगाया था कि अनारुल हुसैन ने हिंसक भीड़ की मदद की थी। सीबीआई के पास पूछताछ के लिए जाते वक्त अनारुल हुसैन ने कहा, ‘मेरे विरोधियों की तरफ से यह मेरे खिलाफ साजिश है।’
सीबीआई ने रामपुरहाट में खोला अस्थायी कैंप ऑफिस
सीबीआई ने पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में रामपुरहाट के सरकारी गेस्ट हाउस में अस्थायी कैम्प ऑफिस खोला है। कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ही बीरभूम हिंसा की जांच कर रही है। रामपुर हाट में 21 मार्च को अज्ञात लोगों ने कुछ घरों में आग जलाकर आठ लोगों की हत्या कर दी थी।
सीबीआई की टीम 25 मार्च को बीरभूम पहुंची और घटनास्थल से नमूने एकत्रित किए। 21 मार्च तृणमूल कांग्रेस के नेता एवं रामुपर हाट गांव के स्थानीय उपाध्यक्ष भादू शेख की मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने हत्या कर दी थी। इस हत्या के बाद भड़की भीड़ नेे कई घरों को आग के हवाले कर दिया था। अगले दिन पुलिस ने महिलाओं और बच्चों समेत कम से कम आठ लोगों के जले शव बरामद किए थे।
टीएमसी का बीजेपी पर जांच प्रभावित करने का आरोप
टीएमसी ने रविवार को आरोप लगाया कि बोगटुई गांव में हुई हत्या की सीबीआई जांच को बीजेपी प्रभावित करने की कोशिश कर रही है। वहीं, भगवा पार्टी ने आरोप लगाया कि टीएमसी ने 22 मार्च की घटना के बाद अपनी विश्वसनीयता खो दी है। इस घटना के आठ पीड़ितों में बच्चे और महिलाएं शामिल हैं ।
तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा, ‘बीजेपी कई साल पहले गुजरात में हुई हत्याओं को भूल गई है। अब बोगतुई की घटना पर मगरमच्छ के आंसू बहा रही है जिसमें पहले ही कार्रवाई की जा चुकी है। हम दोहराना चाहते हैं कि राज्य सरकार पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है भले उनका संबंध किसी भी राजनीतिक विचारधारा से हो।’
बीरभूम हिंसा के आरोपियों को पूछताछ के लिए सीबीआई कैंप लाया गया
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सूत्रों के अनुसार, सीबीआई ने बीरभूम हिंसा के लिए 22 आरोपियों के नामों की लिस्ट बनाई है। आरोपियों की यह लिस्ट बंगाल पुलिस की लिस्ट के समान ही है। सीबीआई ने टीएमसी के ब्लॉक अध्यक्ष अनारुल हुसैन से रविवार को पूछताछ की है।
अनारुल हुसैन से सीबीआई की पूछताछ
इस मामले में अब तक 20 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी हैं। गौरतलब है कि बीरभूम के रामपुरहाट के बोगटुई गांव में कुछ घरों को बाहर से बंद करके आग लगा दी गई थी। इस घटना में 8 की जिंदा जलकर मौत हो गई थी जिनमें 6 महिलाएं और दो बच्चे शामिल थे।
ममता बनर्जी ने बोगटुई गांव में दौरे के दौरान पीड़ित परिवारों से वादा किया था कि पुलिस को सूचित नहीं करने और अपराध को रोकने में मदद न करने के लिए अनारुल हुसैन को गिरफ्तार किया जाएगा। प्रत्यक्षदर्शियों ने आरोप लगाया था कि अनारुल हुसैन ने हिंसक भीड़ की मदद की थी। सीबीआई के पास पूछताछ के लिए जाते वक्त अनारुल हुसैन ने कहा, ‘मेरे विरोधियों की तरफ से यह मेरे खिलाफ साजिश है।’
सीबीआई ने रामपुरहाट में खोला अस्थायी कैंप ऑफिस
सीबीआई ने पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में रामपुरहाट के सरकारी गेस्ट हाउस में अस्थायी कैम्प ऑफिस खोला है। कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ही बीरभूम हिंसा की जांच कर रही है। रामपुर हाट में 21 मार्च को अज्ञात लोगों ने कुछ घरों में आग जलाकर आठ लोगों की हत्या कर दी थी।
सीबीआई की टीम 25 मार्च को बीरभूम पहुंची और घटनास्थल से नमूने एकत्रित किए। 21 मार्च तृणमूल कांग्रेस के नेता एवं रामुपर हाट गांव के स्थानीय उपाध्यक्ष भादू शेख की मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने हत्या कर दी थी। इस हत्या के बाद भड़की भीड़ नेे कई घरों को आग के हवाले कर दिया था। अगले दिन पुलिस ने महिलाओं और बच्चों समेत कम से कम आठ लोगों के जले शव बरामद किए थे।
टीएमसी का बीजेपी पर जांच प्रभावित करने का आरोप
टीएमसी ने रविवार को आरोप लगाया कि बोगटुई गांव में हुई हत्या की सीबीआई जांच को बीजेपी प्रभावित करने की कोशिश कर रही है। वहीं, भगवा पार्टी ने आरोप लगाया कि टीएमसी ने 22 मार्च की घटना के बाद अपनी विश्वसनीयता खो दी है। इस घटना के आठ पीड़ितों में बच्चे और महिलाएं शामिल हैं ।
तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा, ‘बीजेपी कई साल पहले गुजरात में हुई हत्याओं को भूल गई है। अब बोगतुई की घटना पर मगरमच्छ के आंसू बहा रही है जिसमें पहले ही कार्रवाई की जा चुकी है। हम दोहराना चाहते हैं कि राज्य सरकार पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है भले उनका संबंध किसी भी राजनीतिक विचारधारा से हो।’
बीरभूम हिंसा के आरोपियों को पूछताछ के लिए सीबीआई कैंप लाया गया