बीमारियों से होने वाली मौतों में से 18 फीसदी में मिले वायु प्रदूषण से होने वाले रोग | Diseases caused by air pollution are found in 18 of deaths due | News 4 Social h3>
भोपालPublished: Nov 15, 2023 08:25:17 pm
बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया अलर्ट
बीमारियों से होने वाली मौतों में से 18त्न में मिले वायु प्रदूषण से होने वाले रोग
भोपाल. बीमारियों से होने वाली कुल मौतों में से 18 फीसदी में वायु प्रदूषण से होने वाले रोग मिले हैं। यह खुलासा आइसीएमआर की एक रिपोर्ट से हुआ। जिसको देखते हुए मध्यप्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए सभी सीएमएचओ को जांच व इलाज की पर्याप्त व्यवस्था करने को कहा है। दरअसल, सर्दियों के साथ प्रदूषण भी बढ़ रहा है। विभाग ने आशंका जताई है कि प्रदूषण बढऩे के साथ कोरोना के मामलों में वृद्धि हो सकती है।
ये कण खतरनाक, इनके लिए सबसे अधिक खतरा
मेडिसिन विशेषज्ञ डॉक्टर योगेंद्र श्रीवास्तव के अनुसार प्रदूषण बढऩे के साथ वायु में कार्बन मोनोऑक्साइड, ग्राउंड लेवल ओजोन, वोलेटाइल ऑर्गेनिक कंपाउंड, मेटल्स, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन और पर्टिकुलेट मेट्टर्स की मात्रा में वृद्धि होती है। जो सेहत के लिए हानिकारक है। विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार एक्यूआइ लेवल 200 से 500 के बीच होने पर पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, वृद्धजनों, दीर्घकालिक रोगग्रस्त व्यक्तियों, यातायात पुलिस, निर्माणकर्मी, रिक्शा चालक और सडक़ किनारे व्यवसाय करने वाले व्यापारियों पर इसका अधिक खतरा रहता है।
भोपाल में एक्यूआइ पहुंचा 300 पार
भोपाल में प्रदूषण का स्तर तेजी के साथ बढ़ रहा है। इसका कारण बिना सुरक्षा उपाय अपनाए हो रहे निर्माण कार्य और खुदी हुई सडक़ें हैं। जगह-जगह कचरा भी जलाया जा रहा है। हवा नम होने के कारण भारी है। जिसके कारण प्रदूषण के कण सतह के नजदीक रहते हैं। यही वजह के ही सुबह शाम एक्यूआइ 300 के पार तक पहुंच रहा है। वहीं यदि एवरेज एक्यूआइ की बात करें तो यह 220 से 250 के करीब देखने को मिल रहा है।
इन समस्याओं का खतरा
– आंख, कान, गला व त्वचा में जलन
– खराश, खांसी, सांस लेने में कठिनाई
– छाती में दबाव महसूस होना
– सिर दर्द, चक्कर आना
– हाथ-पैरों में शिथिलता
– लोअर रेस्पिरेटरी ट्रेक्ट इंफेक्शन, आस्थमा, ब्रोनकाइटिस, सीओपीडी, सेरेब्रोवास्कुलर स्ट्रोक जैसी समस्याएं
स्वास्थ्य विभाग ने दिए सुझाव
-हर क्षेत्र में वायु प्रदूषण से होने वाले रोगों की जानकारी पहुंचाएं।
-स्वास्थ्य कर्मियों को प्रदूषण से जुड़ी समस्याओं व इलाज से जुड़ी जानकारी दें।
-जनरल, मेडिसिन, शिशु रोग, श्वसन रोग, हृदय रोग और न्यूरोलॉजी की ओपीडी में आवश्यक संसाधन और औषधियां उपलब्ध रहे।
अभी से शुरू करें यह काम
-सफाई के लिए गीले पोंछे का उपयोग झाडू लगाने से बेहतर विकल्प
– बाहर जाते समय मास्क जरूर लगाएं, बार बार आंखों को पानी से धोएं
-संतुलित आहार, ताजे फल-सब्जियों और तरल पदार्थों का सेवन करें
इनका कहना है
स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा लोगों को जागरूक करने का कार्य शुरू कर दिया गया है। साथ ही सभी अस्पतालों में जांच से इलाज तक की व्यवस्था की गई है। लोगों को इस समय जरूरी है कि घर से बहार मास्क व चश्मे का प्रयोग जरूर करें।
– डॉ. प्रभाकर तिवारी, सीएमएचओ, भोपाल
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भोपालPublished: Nov 15, 2023 08:25:17 pm
बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया अलर्ट
बीमारियों से होने वाली मौतों में से 18त्न में मिले वायु प्रदूषण से होने वाले रोग
भोपाल. बीमारियों से होने वाली कुल मौतों में से 18 फीसदी में वायु प्रदूषण से होने वाले रोग मिले हैं। यह खुलासा आइसीएमआर की एक रिपोर्ट से हुआ। जिसको देखते हुए मध्यप्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए सभी सीएमएचओ को जांच व इलाज की पर्याप्त व्यवस्था करने को कहा है। दरअसल, सर्दियों के साथ प्रदूषण भी बढ़ रहा है। विभाग ने आशंका जताई है कि प्रदूषण बढऩे के साथ कोरोना के मामलों में वृद्धि हो सकती है।
ये कण खतरनाक, इनके लिए सबसे अधिक खतरा
मेडिसिन विशेषज्ञ डॉक्टर योगेंद्र श्रीवास्तव के अनुसार प्रदूषण बढऩे के साथ वायु में कार्बन मोनोऑक्साइड, ग्राउंड लेवल ओजोन, वोलेटाइल ऑर्गेनिक कंपाउंड, मेटल्स, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन और पर्टिकुलेट मेट्टर्स की मात्रा में वृद्धि होती है। जो सेहत के लिए हानिकारक है। विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार एक्यूआइ लेवल 200 से 500 के बीच होने पर पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, वृद्धजनों, दीर्घकालिक रोगग्रस्त व्यक्तियों, यातायात पुलिस, निर्माणकर्मी, रिक्शा चालक और सडक़ किनारे व्यवसाय करने वाले व्यापारियों पर इसका अधिक खतरा रहता है।
भोपाल में एक्यूआइ पहुंचा 300 पार
भोपाल में प्रदूषण का स्तर तेजी के साथ बढ़ रहा है। इसका कारण बिना सुरक्षा उपाय अपनाए हो रहे निर्माण कार्य और खुदी हुई सडक़ें हैं। जगह-जगह कचरा भी जलाया जा रहा है। हवा नम होने के कारण भारी है। जिसके कारण प्रदूषण के कण सतह के नजदीक रहते हैं। यही वजह के ही सुबह शाम एक्यूआइ 300 के पार तक पहुंच रहा है। वहीं यदि एवरेज एक्यूआइ की बात करें तो यह 220 से 250 के करीब देखने को मिल रहा है।
इन समस्याओं का खतरा
– आंख, कान, गला व त्वचा में जलन
– खराश, खांसी, सांस लेने में कठिनाई
– छाती में दबाव महसूस होना
– सिर दर्द, चक्कर आना
– हाथ-पैरों में शिथिलता
– लोअर रेस्पिरेटरी ट्रेक्ट इंफेक्शन, आस्थमा, ब्रोनकाइटिस, सीओपीडी, सेरेब्रोवास्कुलर स्ट्रोक जैसी समस्याएं
स्वास्थ्य विभाग ने दिए सुझाव
-हर क्षेत्र में वायु प्रदूषण से होने वाले रोगों की जानकारी पहुंचाएं।
-स्वास्थ्य कर्मियों को प्रदूषण से जुड़ी समस्याओं व इलाज से जुड़ी जानकारी दें।
-जनरल, मेडिसिन, शिशु रोग, श्वसन रोग, हृदय रोग और न्यूरोलॉजी की ओपीडी में आवश्यक संसाधन और औषधियां उपलब्ध रहे।
अभी से शुरू करें यह काम
-सफाई के लिए गीले पोंछे का उपयोग झाडू लगाने से बेहतर विकल्प
– बाहर जाते समय मास्क जरूर लगाएं, बार बार आंखों को पानी से धोएं
-संतुलित आहार, ताजे फल-सब्जियों और तरल पदार्थों का सेवन करें
इनका कहना है
स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा लोगों को जागरूक करने का कार्य शुरू कर दिया गया है। साथ ही सभी अस्पतालों में जांच से इलाज तक की व्यवस्था की गई है। लोगों को इस समय जरूरी है कि घर से बहार मास्क व चश्मे का प्रयोग जरूर करें।
– डॉ. प्रभाकर तिवारी, सीएमएचओ, भोपाल