बीजेपी ने बिहार में आरक्षण का दायरा बढ़ाने का समर्थन करके नीतीश सरकार से कर दी बड़ी मांग; जानिए h3>
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बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम व बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने आरक्षण की सीमा 50 से बढ़ा कर 65 फीसदी करने की मांग का समर्थन किया है। मंगलवार को जारी बयान में उन्होंने कहा कि बिहार में जब-जब जनसंघ और भाजपा सरकार में रही, तब-तब पिछड़ों-अतिपिछड़ों को सम्मान मिला। उन्होंने कहा कि जब कर्पूरी ठाकुर की सरकार ने पिछड़ी जातियों को नौकरी में 27 फीसदी आरक्षण दिया तब जनसंघ के कैलाशपति मिश्र सरकार में शामिल थे। जब पंचायत और नगर निगम के चुनाव में पिछड़ों को आरक्षण मिला, तब भाजपा एनडीए सरकार में शामिल थी। उन्होंने कहा कि अब पंचायत और नगर निकाय चुनाव में भी आरक्षण सीमा को 37 फीसदी से बढाने की जरूरत है।
सुशील मोदी ने आगे कहा कि बिहार में जातीय सर्वे कराने का निर्णय भी भाजपा-युक्त एनडीए सरकार का था। राजद- कांग्रेस उस समय सत्ता से बाहर थे, लेकिन आज श्रेय लूटने में ये ही आगे हैं। कांग्रेस-राजद ने कभी पिछड़ों का सम्मान नहीं किया। 2001 में राबड़ी देवी की सरकार ने पिछड़ों को आरक्षण दिये बिना पंचायत चुनाव करा लिये थे। जब कांग्रेस केंद्र और राज्यों की सत्ता में होती थी, तब इसने काका कालेलकर समिति की रिपोर्ट को कूड़ेदान में डाला, मंडल आयोग की रिपोर्ट दबायी और आरक्षण का विरोध किया।
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आरक्षण का दायरा बढ़ाने का समर्थन करेगी भाजपा : सम्राट
वहीं बिहार बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने भी नीतीश सरकार के आरक्षण के दायरा बढ़ाए जाने के प्रस्ताव का समर्थन देने की घोषणा की है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि सरकार आरक्षण के दायरे के बढ़ाने के जिस प्रस्ताव को लेकर सदन में आई है भाजपा उसका समर्थन करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा जब भी सत्ता में रही तब भी उसने आरक्षण का समर्थन किया। पिछले साल जब एनडीए की सरकार थी तब प्रदेश में जातीय गणना कराने का निर्णय लिया गया और इसकी शुरुआत की गई थी, जिसका आज फलाफल देखने को मिला। इस गणना रिपोर्ट को डिजिटल रूप में सार्वजनिक करने की भी मांग सरकार से की ताकि लोग भी इसे देख और जान सकें।
सम्राट चौधरी ने कहा कि सरकार ने विधानसभा में आरक्षण के दायरा को बढ़ाने की चर्चा की है। भाजपा आरक्षण का दायरा बढ़ाए जाने के प्रस्ताव का समर्थन देगी। यह साफ है कि भाजपा जब भी सरकार में रही और तब आरक्षण देने की आवश्यकता हुई तो भाजपा समर्थन में खड़ी रही। मंडल कमीशन के दौरान भी जब वीपी सिंह सरकार को आरक्षण में भाजपा के समर्थन की जरूरत थी, तब भाजपा ने मदद किया। बिहार में कर्पूरी ठाकुर ने जब अतिपिछड़ों को आरक्षण दिया तब भी भाजपा के एमएलए ने समर्थन किया।
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बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम व बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने आरक्षण की सीमा 50 से बढ़ा कर 65 फीसदी करने की मांग का समर्थन किया है। मंगलवार को जारी बयान में उन्होंने कहा कि बिहार में जब-जब जनसंघ और भाजपा सरकार में रही, तब-तब पिछड़ों-अतिपिछड़ों को सम्मान मिला। उन्होंने कहा कि जब कर्पूरी ठाकुर की सरकार ने पिछड़ी जातियों को नौकरी में 27 फीसदी आरक्षण दिया तब जनसंघ के कैलाशपति मिश्र सरकार में शामिल थे। जब पंचायत और नगर निगम के चुनाव में पिछड़ों को आरक्षण मिला, तब भाजपा एनडीए सरकार में शामिल थी। उन्होंने कहा कि अब पंचायत और नगर निकाय चुनाव में भी आरक्षण सीमा को 37 फीसदी से बढाने की जरूरत है।
सुशील मोदी ने आगे कहा कि बिहार में जातीय सर्वे कराने का निर्णय भी भाजपा-युक्त एनडीए सरकार का था। राजद- कांग्रेस उस समय सत्ता से बाहर थे, लेकिन आज श्रेय लूटने में ये ही आगे हैं। कांग्रेस-राजद ने कभी पिछड़ों का सम्मान नहीं किया। 2001 में राबड़ी देवी की सरकार ने पिछड़ों को आरक्षण दिये बिना पंचायत चुनाव करा लिये थे। जब कांग्रेस केंद्र और राज्यों की सत्ता में होती थी, तब इसने काका कालेलकर समिति की रिपोर्ट को कूड़ेदान में डाला, मंडल आयोग की रिपोर्ट दबायी और आरक्षण का विरोध किया।
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वहीं बिहार बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने भी नीतीश सरकार के आरक्षण के दायरा बढ़ाए जाने के प्रस्ताव का समर्थन देने की घोषणा की है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि सरकार आरक्षण के दायरे के बढ़ाने के जिस प्रस्ताव को लेकर सदन में आई है भाजपा उसका समर्थन करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा जब भी सत्ता में रही तब भी उसने आरक्षण का समर्थन किया। पिछले साल जब एनडीए की सरकार थी तब प्रदेश में जातीय गणना कराने का निर्णय लिया गया और इसकी शुरुआत की गई थी, जिसका आज फलाफल देखने को मिला। इस गणना रिपोर्ट को डिजिटल रूप में सार्वजनिक करने की भी मांग सरकार से की ताकि लोग भी इसे देख और जान सकें।
सम्राट चौधरी ने कहा कि सरकार ने विधानसभा में आरक्षण के दायरा को बढ़ाने की चर्चा की है। भाजपा आरक्षण का दायरा बढ़ाए जाने के प्रस्ताव का समर्थन देगी। यह साफ है कि भाजपा जब भी सरकार में रही और तब आरक्षण देने की आवश्यकता हुई तो भाजपा समर्थन में खड़ी रही। मंडल कमीशन के दौरान भी जब वीपी सिंह सरकार को आरक्षण में भाजपा के समर्थन की जरूरत थी, तब भाजपा ने मदद किया। बिहार में कर्पूरी ठाकुर ने जब अतिपिछड़ों को आरक्षण दिया तब भी भाजपा के एमएलए ने समर्थन किया।