बीजेपी ने तैयार किया खास प्लान, इस सीट पर चुनावी मैदान में उतरेंगी मुलायम की छोटी बहू अर्पणा यादव | Mulayam singh yadav's younger daughter in law Aparna Yadav contest Lok Sabha elections from BJP ticket | Patrika News

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बीजेपी ने तैयार किया खास प्लान, इस सीट पर चुनावी मैदान में उतरेंगी मुलायम की छोटी बहू अर्पणा यादव | Mulayam singh yadav's younger daughter in law Aparna Yadav contest Lok Sabha elections from BJP ticket | Patrika News

बीजेपी ने तैयार किया खास प्लान, इस सीट पर चुनावी मैदान में उतरेंगी मुलायम की छोटी बहू अर्पणा यादव | Mulayam singh yadav's younger daughter in law Aparna Yadav contest Lok Sabha elections from BJP ticket | News 4 Social

विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुई थी अर्पणा यादव

2022 विधानसभा चुनाव से पहले मुलायम सिंह यादव की छोटी अर्पणा यादव सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से मनमुटाव के चलते बीजेपी (BJP) में शामिल हुई थी। तभी से माना जाने लगा कि बीजेपी ने उन्हें पार्टी में कोई बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। विधानसभा चुनाव के समय कहा जाने लगा था कि अर्पणा यादव लखनऊ कैंट या बाराबंकी से विधानसभा चुनाव लड़ सकती है। लेकिन बीजेपी ने उन्हें टिकट ही नहीं दिया।

बीजेपी में शामिल होने के बाद न तो अर्पणा यादव को कोई चुनाव लड़ाया गया है और ना हीं विधान परिषद या राज्यसभा भेजा गया। हालांकि, अब खबर आ रही है कि बीजेपी ने अर्पणा यादव के लिए प्लान तैयार कर लिया है।

अर्पणा यादव बदायूं से लड़ सकती है लोकसभा चुनाव

बताया जा रहा है कि बीजेपी यादव परिवार की छोटी बहु अर्पणा यादव को बदायूं से लोकसभा चुनाव लड़ा सकती है। बदायूं से वर्तमान में संघमित्रा मौर्या बीजेपी से सांसद हैं। 2019 लोकसभा चुनाव में इस सीट पर संघमित्रा ने मुलायम सिंह यादव परिवार के धर्मेंद्र यादव को हराकर कमल खिला दिया था। संघमित्रा स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी हैं। उनके पिता उस समय भारतीय जनता पार्टी में थे और स्वामी प्रसाद मौर्य बीजेपी से अपनी बेटी को टिकट दिलवाने में सफल रहे थे।

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संघमित्रा मौर्या का बीजेपी काट सकती है टिकट

2022 विधानसभा चुनाव से पहले स्थितियां बदलीं, और मौर्य अपने समर्थकों के साथ सपा में शामिल हो गए थे। उस समय यह दावा भी किया कि आने वाले दिनों में वह बीजेपी का सफाया कर देंगे। तब संघमित्रा के एक दो बयान अपने पिता के पक्ष में जरूर आए थे। स्वामी प्रसाद मौर्य विधानसभा चुनाव लड़े, लेकिन खुद बुरी तरह से हार गए। इसके बाद से संघमित्रा ने अपने कदम वापस खींचे और उन्होंने पिता के बजाय पार्टी के पक्ष में बयान दिए। पार्टी के हर कार्यक्रम में जाती हैं।

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बीजेपी ने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। उसमें संघमित्रा का टिकट फाइनल नहीं किया गया। अब कहा जा रहा है यहां से बीजेपी अर्पणा यादव को मैदान में उतारने का विचार कर रही है।

क्या है बदायूं लोकसभा का राजनीतिक समीकरण?

19 लाख वोटरों वाले बदायूं में सबसे ज्यादा ज्यादा वोटर यादव बिरादरी के हैं। इनकी संख्या करीब चार लाख बताई जाती है। तीन लाख 75 हजार मुस्लिम वोटर भी यहां चुनाव में राजनीतिक दलों का खेल बनाने ओर बिगाड़ने में अहम भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा दो लाख 28 हजार गैर यादव ओबीसी वोटर, एक लाख 75 हजार अनुसूचित जाति, एक लाख 25 हजार वैश्य और ब्राह्मण वोटर हैं।

इस क्षेत्र में यादव और मुसलमान निर्णायक तो हैं ही, लेकिन अगर पिछड़े और सवर्ण मतदाता एकजुट हो जाएं, तो परिणाम बदल सकते हैं। ऐसे में अगर बीजेपी अर्पणा यादव को टिकट देती है, तो यहां पर लड़ाई दिलचस्प देखनी को मिलेगी, क्यों कि सपा ने शिवपाल यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है। ऐसे में शिवपाल यादव और अर्पणा यादव के बीच लड़ाई देखने को मिलेगी।

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